समपर्ण भाव
समपर्ण भाव
अरे, क्या कर रहे हो
क्यों सिखा रहे हो बच्चों को क्या यह भी आपकी तरह जीवन भर गरीबी में बाजार में घूमते रहे
क्यों नाराज होती हो यह मेरी कमाई है का जरिया है। मेरा हुनर है मेरी कला है।
हां हां कला है कला को जीवन देना आपका ही काम है बाकी लोग तो दुकान चलाते हैं और आप हां मैं इस कला को जीवन देना चाहता हूं दरवाजे की आहट सुन दोनों चौक जाते हैं एक पत्रकार इंटरव्यू के लिए आता है और रामू अपने कला को बढ़ावा देना जीवन समर्पित करने व निशुल्क लोगों को प्ररिक्षन देने की बात करता है प्रभावित होकर पत्रकार सोशल मीडिया के माध्यम से देश दुनिया में सबसे प्रसिद्ध कर देता है।
और रामू दो पहाड़ों के बीच रस्सी के माध्यम से दूरी तय कर नया गिनीज रिकॉर्ड बनाता है कुछ महीनों बाद रामू के पास नाम,शोहरत सब कुछ था।
प्ररीक्षण देता है और अपनी पत्नी को देखकर करता है अब बताओ प्ररीक्षण दूं कि नहीं और पत्नी कहती है। अब तो आप इस कला का मुझे भी परीक्षण दीजिए ताकि मैं भी देश दुनिया में इस कला को पहुंचा सकूँ।
(अक्सर गामीण क्षेत्रों इस कला को किया जाता है जिसके एवज मे ज्यादा कुछ नही मिलता मगर यही कला शहर मे जब हो तो नाम ,प्रसिद्धि मिलती है सोशल मीडिया के द्वारा ,टेन,बस ,मेलो मे यह कला दिखाई जाती है ,रस्सी मे चलना काफी जोखिम भरा होता है ।)