Abha Chauhan

Abstract Inspirational

3.5  

Abha Chauhan

Abstract Inspirational

श्रद्धा

श्रद्धा

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सीमा एक सीधी सादी गृहिणी थी। उसे भगवान में बहुत आस्था थी। वही पर उसके पति को बिलकुल भी नहीं। उसका पति उसके पूजा पाठ को लेकर हमेशा उसका मजाक उड़ाता था । सीमा हमेशा उसकी बात को नज़र अंदाज़ करके अपना पूजा-पाठ करती रहती। एक बार अचानक सीमा के पति की तबीयत अचानक बहुत खराब हो गयी। उसकी पीठ में दर्द शुरू हो गया। पहले तो लगा कि लगातार बैठ कर काम करने कि वजह से शायद ऐसा हो रहा होगा। पर धीमे धीमे उसकी तकलीफ और बढ़ने लगी। उसे चक्कर और उल्टियाँ भी शुरू हो गयी। सीमा घबरा गई । वो उसे लेकर डॉक्टर के पास गयी। डॉक्टर ने कुछ जांच करने के बाद कहा कि तुम्हें केन्सर है और तुम सिर्फ कुछ महीनों के ही मेहमान हो। यह सुनकर तो सीमा और उसके पति के पैरो कि नीचे से जमीन खिसक गयी। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? इतनी कम उम्र में ये सब कुछ, कैसे होगा सब कुछ , तुम लोगों का क्या होगा? सीमा का पति ये सब बड़बड़ाने लगा। सीमा ने कहा आप शांत हो जाइए , कुछ सोचते है। सीमा घर जाकर भगवान के सामने दीपक जलाकर हाथ जोड़कर बैठ गयी। आज उसके पति ने उससे कुछ नहीं कहा। बाद में सीमा ने अपने पति से कहा कि एक बाद शहर के सबसे अच्छे डॉक्टर को दिखा देते हैं, उसके पति ने कहा ठीक है। अगले ही दिन वो दोनों वहाँ गए बहुत सारे टेस्ट किए गए और कहा कि इन सब के रिपोर्ट दो दिन बाद आएगी आप दो दिन बाद आकर डॉक्टर से मिलना। दो दिन आँखों ही आँखों में बीत गए। जब वह डॉक्टर के पास जाने लगे तो सीमा के पति ने कहा कि मुझे नहीं जाना अब कहीं जाने से कोई फायदा नहीं है। सीमा ने कहा मुझे मेरे भगवान पर पूरा विश्वास है मेरे विश्वास कि खातिर चलो। सीमा कि बात सुनकर उसका पति चलने के लिए तैयार हो गया। हॉस्पिटल पहुँचने के बाद जब डॉक्टर ने अंदर बुलाया तो बड़ी हिम्मत के साथ वो दोनों अंदर गए। डॉक्टर ने बताया कि आपकी पहली रिपोर्ट गलत है आपकी पीठ में मवाद भर गया है जो एक छोटे से ऑपरेशन से ठीक हो जाएगा। आप चाहे तो आज भी करवा सकते है। ऑपरेशन होने के बाद जब सीमा का पति घर आ गया। दूसरे दिन उसके पति ने जब उसे पूजा करते देखा तो उसने सीमा से कहा आज से मैं भी तुम्हारे साथ पूजा किया करूंगा। तुम्हारे विश्वास और श्रद्धा ने मुझे बचा लिया। 



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