Abha Chauhan

Inspirational

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Abha Chauhan

Inspirational

निशब्द

निशब्द

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मुकुल सरोज का इकलौता बेटा था। जरूरत से ज्यादा प्यार करती थी सरोज मुकुल से। यह बात कभी-कभी उसके पति आनंद को भी नहीं अच्छी लगती थी। पर क्या करें था तो अपना बेटा । मुकुल की जरा सी आवाज मारने पर सरोज झट से उसकी जरूरत का सामान ले कर हाज़िर हो जाती।

सरोज ओर आनंद की शादी के आठ साल बाद मुकुल हुया था। लोगो ने कितने ताने दिये थे सरोज को। क्या-क्या नहीं सुना उसने। बड़ी मन्नतों के बाद उसकी गोद भरी थी । शायद इसलिए वह अपने बेटे को बहुत प्यार करती थी। प्यार उसे आनंद भी कम नहीं करता था पर सरोज की बात अलग थी ।

जब मुकुल 10 साल का हो गया तो आनंद के कहने पर सरोज ने मुकुल तो अलग कमरे मे सुलाना शुरू तो कर दिया पर सरोज को उसकी चिंता लगी रहती । एक बार रात को नींद में बुरा सपना देखने के कारण मुकुल डर से चिल्ला उठा उसकी आवाज सुनकर भाग कर गयी। उसे थपथपाकर फिर से सुला दिया। उस दिन के बाद से सरोज हर देर रात मुकुल के कमरे में जा कर सो जाती। 

समय बीतता गया । मुकुल बड़ा हो गया व पढ़ -लिखकर अच्छी नौकरी करने लगा । मुकुन्द की नौकरी दूसरे शहर मे लगी । दिल पर पत्थर रख सरोज को हाँ कहनी पड़ी। अब अच्छी लड़की देख कर सरोज ने मुकुन्द की शादी करवा दी। अब मुकुल और उसकी पत्नी एक शहर में रहते और सरोज और आनंद दूसरे। 

मुकुल अकसर आ कर अपने माता-पिता से मिल जाता। पर कुछ दिनो बाद अचानक आनंद का स्वर्गवास हो गया । सरोज बिलकुल अकेली रह गयी। मुकुल सरोज को अपने साथ ले गया । अब वो अपने बेटे और बहू के साथ रहती। दिन तो कैसे बीत जाता पता नहीं चलता पर रात में सरोज बहुत अकेला महसूस करती। अक्सर रात में आनन्द को याद कर रोया करती। एक दिन उसे रात को रोते हुये मुकुल ने देखा उसने अपनी माँ से पूछा की क्या हुआ सरोज ने कुछ नहीं कहा पर मुकुल समझ गया उसके मन की बात। 

कुछ दिन बाद सरोज सुबह उठी तो उसने देखा मुकुल उसके कमरे में सो रहा है उसके पूछने पर मुकुल ने कहा एसे ही रात को नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा यहाँ सो जाऊ । अगले दिन फिर सुबह सरोज ने मुकुल को अपने कमरे में सोया पाया। अब यह रोज का सिलसिला हो गया। सरोज सोचने लगी कि बहू-बेटे के बीच कोई झगड़ा तो नहीं हुया । उसने अगले दिन अपनी बहू से पूछा ,बहू ने कहा सब ठीक हैं ऐसा कुछ नहीं है ।

कुछ दिन ऐसे और निकाल गए अब सरोज को चिंता होने लगी। आखिर एक दिन उसने मुकुल को पूछ ही लिया उसके और बहू के बीच मे सब ठीक तो हैं ना। सरोज के बहुत पूछने पर मुकुल ने उसे बताया कि उस दिन उसने सरोज को रात को अकेले मे रोते हुये देख लिया था तो वह समझ गया के उसकी माँ अकेलापन महसूस करती है । इसलिए वह अक्सर उसके पास आ कर सो जाता है। माँ ने उसे समझाया कि बेटा तेरी शादी हो चुकी है बहू को तेरी जरूरत है, तो उसने कहा जब पापा को आपकी जरूरत थी तो तब आप भी तो दोनों को संभालती थी अब मेरी बारी है । ये सुन सरोज कर आँखों में आँसू आ गए । बेटे का प्यार देख आज सरोज *निशब्द* हो गयी। 


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