आराम
आराम
गाजियाबाद के एक नामचीन कंपनी में हमारे गोलमोल से शर्मा जी मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत थे। चिंटू का ट्यूशन ऑफिस के रास्ते में ही था। ऑफिस से छुट्टी उसी समय उनका बेटा चिंटू ट्यूशन से छूटता। शर्मा जी चिंटू को लेते हुए घर चले जाते हैं। यह रोज की दिनचर्या थी शर्मा जी की। हमारे शर्मा जी मैच देखने के बहुत बड़े शौकीन थे। एक दिन जब इंडिया पाकिस्तान का मैच था शर्मा जी ने सर दर्द का बहाना बनाकर छुट्टी दे दी और दिन भर बिस्तर पर पड़े रहे मैच देखने के लिए। सोचा कि आज आराम करूंगा आज कुछ करने का मन नहीं है। बात आई चिंटू को ट्यूशन से लेने जाने की तब भी शर्मा जी ने अपनी पत्नी के सामने सर दुखने का बहाना दोहराया। पत्नी ने कुछ खाने का सामान कुकर में गैस पर चढ़ाया हुआ था उसे शर्मा जी को बोला कि मेरी गैस चल रही है आप जाकर चिंटू को ले आइए। शर्मा जी टस से मस न हुए उन्होंने बोला मैं देख लूंगा। तुम बता दो गैस कब बंद करनी है, मैं समय पर बंद कर दूंगा ।उनकी पत्नी ने कहा 3 सीटी आने के बाद गैस बंद कर देना। शर्मा जी ने हां कहा और उनकी पत्नी चिंटू को लेने चली गई। अब क्या था शर्मा जी तो मैच में तल्लीन हो गई मैच के शोरगुल में हमारे शर्मा जी को कुकर की सीटी आप कहां सुनाई देने वाली थी। आधा घंटा हो गया शर्मा जी की पत्नी चिंटू को लेकर वापस आ गई जैसे ही घर में घुसी कुछ जलने की बदबू आ रही थी वे दौड़कर किचन में नहीं तो देखा सारा कूकर जलकर काला हो गया है शर्मा जी की बीवी गुस्से से आग बबूला हो गए उन्होंने कहा यह कुकर मेरे पापा का दिया है अब तुम ही से साफ करके दो बीवी का गुस्सा देख कर शर्मा जी खड़े हो गए और कुकर साफ करने लगे। इस तरह से शर्मा जी का आराम पूरा हुआ।