यह सब सुन कर साँची के चेहरे पर मुस्कान तैर गई वो जल्दी से रसोई में गई और सबके लिए चाय यह सब सुन कर साँची के चेहरे पर मुस्कान तैर गई वो जल्दी से रसोई में गई और सबके लि...
मिस्टर अग्रवाल की आंखों में आज़ गरीब माया के लिये सचमुच कृतज्ञता के आंसू थे।‘ मिस्टर अग्रवाल की आंखों में आज़ गरीब माया के लिये सचमुच कृतज्ञता के आंसू थे।‘
निशुल्क, बिना किसी सम्मान पत्र की अपेक्षा किये। निशुल्क, बिना किसी सम्मान पत्र की अपेक्षा किये।
आप इस पेड़ में एक घोंसला नहीं बना सकते। कहीं और खोजो। आप इस पेड़ में एक घोंसला नहीं बना सकते। कहीं और खोजो।
इसलिए अपने भविष्य के लिए थोड़ा संभल कर के ही चलना चाहिए। इसलिए अपने भविष्य के लिए थोड़ा संभल कर के ही चलना चाहिए।
इसमें सभी लोग आराम से डूबकर मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। इसमें सभी लोग आराम से डूबकर मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।