मिस्टर अग्रवाल की आंखों में आज़ गरीब माया के लिये सचमुच कृतज्ञता के आंसू थे।‘ मिस्टर अग्रवाल की आंखों में आज़ गरीब माया के लिये सचमुच कृतज्ञता के आंसू थे।‘
हमारी अहमियत इन टूटी हुई कुर्सियों से अधिक नहीं होगी। मैंने जो कुछ भी किया बहुत सोच समझ हमारी अहमियत इन टूटी हुई कुर्सियों से अधिक नहीं होगी। मैंने जो कुछ भी किया बहुत ...
"उनके चेहरे पर आज भी अच्छाई की चमक झलक रही थी। "उनके चेहरे पर आज भी अच्छाई की चमक झलक रही थी।
वह हालात को समझ सकती है और महिलाओं में चेतना जगा सकती है। " वह हालात को समझ सकती है और महिलाओं में चेतना जगा सकती है। "
अपनी इच्छा कोई ना रखें तभी असली संतोष प्राप्त होता है। अपनी इच्छा कोई ना रखें तभी असली संतोष प्राप्त होता है।
माँ से बस उसकी एक चीज़ मिलती थी, वो थी किसी काम पर पूरे गहराई से समा जाने की उसकी क्षमत माँ से बस उसकी एक चीज़ मिलती थी, वो थी किसी काम पर पूरे गहराई से समा जाने की उसक...