सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
एक लड़की, राधा उसका नाम होता है, उसको एक लड़के से प्यार हो जाता, है जिसका नाम रोहित होता है।
रोहित और राधा एक ही मोहल्ले में रहते हैं। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते होते हैं। प्यार तो रोहित भी करता है उससे लेकिन दोनों ही एक दूजे को कभी बता नहीं पाते।
लड़के के घर वाले उस मोहले से घर बेचकर दूसरे शहर में चले जाते हैं। लड़की फिर भी उससे प्यार करती रहती है। उसका इन्तजार करती रहती है।
अपने माँ बाप के कहने पर भी शादी नहीं करती। बरसों बीत जाते हैं, किस्मत फिर बदलती है।
एक रोज रोहित से उसकी मुलाकात होती है, उसकी शादी हो चुकी थी दो बच्चे थे। रोहित जब उसको उसकी जिंदगी के बारे में पूछता है तो वो बताती है उसने शादी नहीं की क्योंकि वो उसकी जिंदगी में जो नहीं था वो तो उससे प्यार करती थी। वो हैरान हो जाता है और कहता है पहले क्यों नहीं बताया।
राधा बोलती है अब क्या हो सकता है अब तो तुम शादी शुदा हो। वो जवाब देता है, राधा मुझसे शादी करोगी, मेरी बीवी को मरे हुए एक वर्ष हो गया है। मेरे जुड़वा छोटे छोटे बच्चे है क्या तुम उनको माँ की ममता दे पाओगी क्या तुम मेरी हमसफ़र बनोगी।
राधा के पास हाँ बोलने के अलावा कुछ बचा नहीं था। प्यार अगर सच्चा हो तो पूरा हो जाता है।