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Kawaljeet GILL

Drama

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Kawaljeet GILL

Drama

अधूरी मोहब्बत

अधूरी मोहब्बत

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एक थी दीवानी जो प्यार और मोहब्बत के नाम से कोसो दूर थी।

फिर उसको किसी से प्यार और दोस्ती हो गयी, बन गया जमाना उसके प्यार और दोस्ती का दुश्मन और जुदा वो दोनों हो गए चल पड़े अलग अलग राहो पर....

दर्द अपनों से ही मिल गए उसे बेशुमार तनहा दिल तन्हा हम हो गए।

वह दीवानी फिर यह सोचने लगी की काश हम मिले न होते तो दर्द अपनों से मिले न होते तो दर्द अपनों से मिले न होते तनहा दिल तनहा हम हुए न होते....

पर यह बंधन तो दिलो के होते है जो एक बार जुड़ जाए तो टूटते नहीं जब तक वो समझ पाती इस सच्चाई को दैर बहुत हो चुकी थी प्यार की कहानिया तो रहती अधूरी है यह तो ईश्वर की मर्ज़ी है और कोई चाह कर कुछ कर सकता नहीं है।

ऐ कंवलजीत तेरी कहानी भी तो मैंने लिखी अधूरी थी जब मैं अपनी कहानी न पूरी लिख पाया तो तेरी कैसे पूरी होगी ये बार बार कान्हा ने उसे जवाब दिया..

कान्हा ने कहा मोहब्बत तुमारी चाहे रह गयी हो अधूरी पर दोस्ती तुमारी हमेशा रही पूरी इस बात की खुशी तो तुमको हमेशा होगी,

मोहब्बत मज़बूरिओ का दूसरा नाम हो सकता है पर दोस्ती कभी मजबूर हो नही सकती,

मोहब्बत से अच्छी तो दोस्ती है जो हर पल साथ निभाती है।


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