रूढ़िवादी
रूढ़िवादी


कॉलोनी में दुबे आंटी को सब रूढ़िवादी कहते थे। आंटी अपने नियमों की पक्की थी वह पुराने रीति-रिवाजों का कड़ाई से पालन करती थी। पूरी कॉलोनी में आंटी का अनुशासन प्रसिद्ध था। कुछ लोग उनकी बुराई करते उन्हें दकियानूसी महिला कहते कुछ लोग उनकी तारीफ करते कि मिसेज दुबे का अनुशासन और सूझबूझ है कि बेटों की शादी को तीस साल हो गए लेकिन बेटे-बहू उनके साथ ही रहते है,कभी उनके घर से मन-मुटाव और टकराहट की बात किसी ने नहीं सुनी।
कॉलोनी की प्रीति अपने घर पूजा में कॉलोनी की अन्य सुहागन महिलाओं के साथ दुबे आंटी को भी बुलाई थी।प्रीति सभी की पूजा कर उन्हें टीका लगाकर पूजा का चढ़ावा देकर प्रणाम कर रही थी सभी महिलायें उसे आशीर्वाद दे रही थी लेकिन किसी ने प्रीति को टीका नहीं लगाया क्योंकि प्रीति के पति नहीं थे। । प्रीति दुबे आंटी के पास पहुँची उनकी पूजा कर टीका लगाया और प्रणाम करने झुकी तो आंटी ने उसे गले लगाकर माथे को चूमकर टीका लगाया और आशीर्वाद दिया कि तुम्हारी मनोकामना पूरी हो और हमेशा खुश रहो। प्रीति को आंटी के बारे में सुनी सारी दकियानूसी बाते गलत लग रही थी उसे लग रहा था कि तथाकथित नए विचारों के लोग वह नहीं कर सके जो रूढ़िवादी दुबे आंटी ने किया।