ऋतु की साड़ी
ऋतु की साड़ी
राकेश :" कैसी हो तुम?'
ऋतु : "मैं ठीक हूं.....(थोड़ा रुक कर).... तुम कैसे हो?"
राकेश : "तुम्हें आज पांच सालों बाद देखा...... बिल्कुल पहचान नहीं पा रहा था ।'
ऋतु : "पांच साल पहले तक तो अच्छे से पहचानते थे.... न" (हंसकर बोली)
राकेश : "आज साड़ी में पहली बार देखा न ....शायद इसीलिए।"
(दोनों कुछ देर तक चुप)
ऋतु : "मैं अब साड़ी भी पहन लेती हूं।"
राकेश : "काश ! पांच साल पहले भी पहन लेती तो....."(कुछ देर की चुप्पी)
ऋतु :" बात सिर्फ साड़ी की नहीं थी..... बात उस समय, उस साड़ी के साथ आने वाली नई जिम्मेदारियों से थी।"
राकेश: "क्या होता अगर (थोड़ा रुक कर बोला).... अगर तुम मान जाती ?"
ऋतु : "तुम आज मुझे इस जगह पर नहीं देख पाते।"
राकेश : "मुझे बहुत खुशी है तुम्हे आज इस मुकाम पर देख कर....गर्व है मैडम जी!" (थोड़ा हंसने लगा)
ऋतु : "आज काॅफी पीने चलोगे.....!"
राकेश : "आज तो मेरे बेटी का जन्मदिन है" (खुश हो कर बोला)
ऋतु : (कुछ देर रुक कर बोली)..... "तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया....?"
राकेश : "पहले तुम मिली ही नहीं थी.... क्या करता । शादी को चार साल हो गए और आज बेटी दो साल की हो गई।'
ऋतु :" शादी की मुबारकबाद और बेटी को ढेर सारा प्यार!!' वैसे बेटी का क्या नाम है?"
राकेश : "ऋतु !!'
(संवाद खत्म)
दरअसल ऋतु और राकेश दोनों कॉलेज के गहरे दोस्त थे। दोस्ती बढ़ी तो प्रेम हो गया। राकेश और ऋतु एक साथ सिविल सर्विस की कोचिंग ले रहे थे। घर वालों को भी यह रिश्ता मंजूर ही था । राकेश और ऋतु की सरकारी नौकरी लग गई। राकेश उसी छोटी नौकरी में खुश था मगर ऋतु आईएएस अधिकारी बनने के लिए खूब मेहनत कर रही थी। राकेश का परिवार शादी करने के लिए बेचैन हो उठा और ऋतु ने बिना आईएएस अधिकारी बने शादी करने से इन्कार कर दिया।
राकेश की शादी हो गई और ऋतु आईएएस अधिकारी बन गई और दोनों की मुलाकात सालों बाद अचानक हुआ।