Hardik Mahajan Hardik

Classics

3  

Hardik Mahajan Hardik

Classics

रंगों से सजा

रंगों से सजा

2 mins
150


रंगों से सजा रंगबिरंगा त्यौहार है होली, हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते है होली मस्ती के साथ, प्यार भरें रंगों से सजा होता हैं होली का यह पर्व, हर धर्म जाति के लोग बन्धन खोलकर भाई -चारे का संदेश देता है, होली का यह पर्व, इस दिन सारे लोग दोस्त दुश्मन गिले शिकवो को भूलकर इक दूजे से गले लगते है, अबीर गुलाल लगाते है। बच्चे, बडे, बुज़ुर्ग सब इक दूजे के रंगों में रंगीन नज़र आते है।


होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली के साथ एक नहीं अनेक कथाएँ जुड़ी है। होली मनाने के एक दिन पहले रात में होलिका दहन किया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय कहानी है।भक्त प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप स्वयं अपने आप को भगवान मानते थे। वह भगवान विष्णु जी के विरोधी थे।जबकि प्रह्लाद भगवान विष्णु जी के भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।


जब प्रह्लाद के पिता ने आकर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। तब होलिका अपने भाई की सहायता के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जाकर बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु जी की कृपा से भक्त प्रह्लाद सुरक्षित रहें और होलिका जलकर भस्म हो गई। उसके अगले दिन प्रातः काल उठकर लोग रंगों से खेलते है,अपने रिश्तेदारों-दोस्तों के साथ मिलकर एक दूसरे के घर जाते है,और मिलकर साथ होली जमकर खेलते है।


बच्चो के लिए त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण होता है, वह एक दिन पहले से ही बाज़ारों से तरह तरह के रंग पिचकारी गुब्बारे खरीदते है,बच्चे भी पिचकारी गुबारों से अपने दोस्तों के साथ होली का आनन्द उठाते है।


होली के दिन सभी लोग भेद-भाव भूलकर एक-दूसरे के साथ परस्पर गले मिलते है। घरों में औरतें भी एक दिन पहले से मिठाइयां गुझिया आदि बनाती है, और आस-पड़ोस में आपस मे बाटती है, कुछ लोग होली पर्व पर होली की टोली बनाकर निकलते है, जिन्हें हुरियारे भी कहते है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Classics