रीना की मेहनत
रीना की मेहनत
रवि और रीना कॉलेज की पार्किंग में मिले वहीं पर दोनों की नजरें मिली और प्रेम हो गया। कुछ दिन बाद दोनों ने शादी करने का विचार कर लिया पर यहां पर जाति का सवाल उठा था । दोनों की जाति अलग-अलग थी।
घरवालों ने ऊपरी मन से हां कर दोनों की शादी करदी। घर के रिवाज कुछ अलग थे। जहां पर बहू नौकरी नहीं करती थी। रीना को यह रिवाज अपनाने में भी कोई परेशानी नहीं थी।
थोड़े दिन बीते गए समाज वाले बोलने लगे दूसरे समाज की बहू लाए हो, उनके घर वालों को अच्छा नहीं लगता । बहु के साथ गलत व्यवहार करने लगे । रवि को इस बारे में कुछ नहीं पता था। अपने काम में रहता। कुछ ही समय में रीना ने अपनी हंसी और अपने अच्छे व्यवहार से सबका मन मोह लिया था।
अब रवि की रूचि नौकरी से हटकर अध्यात्म की राह पकड़ी। रवि का ध्यान घर और बच्चों की तरफ नहीं रहा। रीना ने अपनी मेहनत से बच्चों को बड़ा किया पाला पोसा, संपन्न ससुराल होने के बाद भी कुछ नहीं कर सकती थी।
एक दिनअचानक उसकी सास को लकवा हुआ, उन्होंने जो कटुता बरसाई थी उसे रीना ने भुलाकर सच्चे दिल से सेवा की । कुछ समय बाद रीना की सास का स्वर्गवास हो गया।
दिल से सास की सेवा करने पर समाज वालों ने बहुत तारीफ की,
रीना ने नाम कमाया।
रीना के अब बच्चे भी बड़े हो गए थे। बच्चों का एडमिशन करना था। अब सारा पैसा सास की बीमारी में लग गया था। बड़े बेटे की आईटी की काउंसलिंग थी। बेटे का सिलेक्शन तो हो गया पर उसे ₹ 50000 भरने थे। रीना ने अपने गहने को गिरवी रखा और कुछ पैसे वहां से आए , कुछ पैसे कम पड़े तो वह किसी परिचित के यहां पैसा उधार लेने गई । रीना पैसा क्यों बर्बाद कर रही हो पिता तो आध्यात्मिक लाइन में जुड़ गए हैं, तो बच्चे क्या तीर मार लेंगे। वही से रीना ने मन में ठान लिया अब तो ऐसा बनाऊंगी बच्चे को की लोग अपॉइंटमेंट लेंगे।
अब रीना की मेहनत रंग लाई रीना का बड़ा बेटा आईटी में कंट्री हेड है। छोटा बेटा गवर्नमेंट अधिकारी है।
रीना ने बच्चों को बहुत अच्छी परवरिश दी दोनों बच्चे अच्छी राह पर चल पड़े।
रीना हमेशा उसका शुक्रिया अदा करती है जो इस मुश्किल समय में रीना के साथ खड़ा रहा।