प्रयास
प्रयास
रवि का ट्रांसफर होने के कारण पूरा परिवार दूसरे शहर में शिफ्ट हो गया। सभी को वातावरण और जगह बहुत पसंद आई, रवि की पत्नी राधिका , वह एक बात से बहुत ही घबरा रही थी। वहां की भाषा बहुत अलग थी। बोलना तो दूर समझना भी मुश्किल था।
एक दिन अचानक रवि का टूर पे जाने का काम पड़ा, राधिका घबराने लगी की क्या करूं? उसके पति के जाते ही काम आया,
चलो धोबी को कपड़े देखने जाना है, राधिका ने हिम्मत जुटाई,
उसने कपड़े की गठरी धोबी को दी, धोबी तेलुगु में बोल रहा था। बात करने में कुछ तेजी थी। धोबी गुस्सा हो रहा था। राधिका बोली मुझे समझ में नहीं आ रहा, धोबी ने गुस्से में कपड़े फेंक दिए, राधिका किसीको बुला कर लाइ जिसे हिंदी भी आती हो । अब राधिका ने पूछा यह धोबी क्या बोलना चाह रहा है । मैडम यह बोल रहा है थोड़े से कपड़े प्रेस नहीं करते और आप समझ ही नहीं रही थी इसलिए गुस्से में आकर उसने कपड़े फेंक दिए।राधिका को बहुत बुरा लगा, वह वहां सोचने लगी । पर वह थोड़ी आगे बढ़ी और पीछे घूमते ही उसने धोबी को सुनाना चालू किया । राधिका बोली कम कपड़े हो या ज्यादा तुम्हारा काम है करना पड़ेगा पैसे देते हैं। धोबी एकटक देख रहा था, सुन रहा था, थोड़ी-थोड़ी देर में सीर हिला रहा था। जैसे ही राधिका की बात खत्म हुई, धोबी तुरंत बोला मैडम कुछ समझ में नहीं आया।
राधिका के हंसी के फव्वारे छूट गए।
उस दिन के बाद राधिका ने भाषा सीखने का प्रयास किया,
अब वह तेलुगु भाषा में कपड़े गिन कर देने लगी।
धोबी मुस्कुराता हुआ बोलता है,
मैडम अब आपको यह भाषा थोड़ी-थोड़ी आ ही गई।