सतीश मापतपुरी

Romance

3.8  

सतीश मापतपुरी

Romance

रेड लाइट ( भाग - 11)

रेड लाइट ( भाग - 11)

3 mins
536


( अम्बिका बाबू से निशा के बड़े भाई विकास का पता और फोन नम्बर इंस्पेक्टर निशा को साथ लेकर निकल गया । निशा के मना करने के बाद भी पुष्कर ने विकास को फोन लगा दिया …… अब आगे )


"हलो …. नहीं … नहीं आपको आने की जरूरत नहीं है …. मैं निशा को लेकर मंगलवार को पहुँच रहा हूँ …...।"'इंस्पेक्टर पुष्कर ने फोन पर विकास को यह सूचना देकर निशा को यह कहते हुए थाना निकल गया कि परसो सुबह हम लखनऊ फिर वहाँ से मुम्बई के लिए रवाना होंगे । निशा पढ़ी - लिखी लड़की थी , उसे यह समझते देर न लगी कि पुष्कर उसे हवाई जहाज से मुम्बई ले जाने वाला है ……. पुष्कर को अपने लिए इतना सब कुछ करते हुए देखकर उसे डर सा लगने लगा था । मर्द की नज़र और नीयत पहचानने की अदभुत क्षमता विधाता ने औरत को दी है । वह मन ही मन अपने को कोसने लगी कि क्यों उसने एक अंजान आदमी का इस हद तक सहारा लिया , किंतु दूसरे ही पल वह खुद से ही सवाल कर बैठी , क्या पुष्कर के बिना उसे उसका भाई मिल पाता ? और वह निरुत्तर हो गयी ।

शाम को जब पुष्कर थाना से घर आया तो उसे चाय देते हुए निशा ने पूछा -"हम हवाई जहाज से मुम्बई जा रहै हैं क्या ?"

"पानी का जहाज तो यहाँ से मुम्बई जाता नहीं है ।" कहते हुए पुष्कर हँस पड़ा । 

"आप से एक बात पूछूँ  , बुरा तो न मानेंगे न ?"निशा ने सर झुकाकर कहा ।

"कहो , क्या कहना है ?"निशा का सर अब भी झुका हुआ था -"एक अंजान के लिए कोई इतना सब कुछ कर सकता है क्या ?" इंस्पेक्टर पुष्कर को अचानक कोई समीचीन जवाब नहीं सूझ पा रहा था , पुष्कर को खामोश देखकर निशा का डर और मजबूत होने लगा ,उसने पुष्कर से एक चुभता हुआ सवाल पूछ दिया -"अगर मेरी जगह कोई लड़का होता तब भी आप ये सब करते ?"

"शायद नहीं , निशा तुमने आज से पहले भी इसी तरह का सवाल मुझसे पूछा था …. पर हम टाल गये । मैं ठीक - ठीक नहीं जानता पर तुमसे अनुराग सा हो गया है , और यही कारण है कि तुम्हारे लिए कुछ भी करने में मुझे एक खुशी मिलती है ।" पुष्कर एक साँस में ही सारी बातें कह गया । ऐसे मौके पर दिल और जुबान का सामंजस्य संतुलित नहीं रहता । निशा ने  पुष्कर को अपलक देखते हुए कहा -"अनुराग या प्यार ?"

ये जानते हुए कि मैं कोठे से आई हूँ , आपको मुझसे प्यार हो गया ?"

"निशा , मैं तुमसे प्यार करता हूँ पर बदले में तुम भी मुझे प्यार करो , ऐसी मंशा नहीं रखता ।"

"आपके एहसान तले दबी एक लड़की की अपनी कोई मर्जी हो सकती है क्या ?"पुष्कर निशा की यह बात सुनकर चीख उठा -"भगवान के लिए मुझे इतना छोटा न बनाओ ।"

पुष्कर वहाँ से तीर की तरह निकल गया ….. निशा की तन्द्रा तो तब टूटी जब जीप स्टार्ट हुई ।

 ….. क्रमशः

( अगला भाग 29 मार्च 2021 को )


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance