रास्ता
रास्ता
मुंबई की भीड़ भाड़ में तनिश नौकरी की तलाश में गया था नौकरी मिलना बड़ा मुश्किल हो गया था घूम घूम कर परेशान हो गया था उसके पास रहने की कोई जगह भी नहीं थी और पैसे भी नहीं थे। एक दिन वह पार्क में यूं ही बैठा था एक लड़की पार्क में बैठी थी और रो रही थी। तनिश ने पूछा - आप रो क्यों रहे हो। वो बोली मेरे प्रेमी मुझको छोड़ कर चला गया। तनिश ने पूछा - किस कारण से आपसे दूर हुआ। वह बोली मैं उसको बिल्कुल समय नहीं देती थी इसलिए वह नाराज हो कर चला गया। तनिश बोला - आपका नाम। वह बोली - रेशमा। तनिश और रेशमा की बाते लंबी चलती गई। रेशमा मुंबई में अकेली रहती थी और एक बड़ी कंपनी में नौकरी करती थी। तनिश को रेशमा ने घर पर मिलने को बुलाया। और तनिश हां कर देता। तनिश और रेशमा गहरे संबंध बन गए। रेशमा की जो उदासी थी वह भी दूर हो गई थीं। एक दिन रेशमा ने बोल दिया - हम दोनों शादी कर लेते है। तनिश बोला - कर लेते है पर तुम्हारे मम्मी पापा कहा है। रेशमा बोली - मेरे घर वालों को लड़के के बारे में पता चल गया था और इसलिए घर से निकल दिया था और सारे रिश्ते नाते खत्म कर दिए थे। और वह हमारे रिश्ते के बारे सुन कर नहीं मानेंगे लेकिन मैं अपने पैरो पर खड़ी हूं तुम चिंता मत करो।
रेशमा बोली - तनिश तुम्हारे घर वाले कहाँ है वह बोला - गांव में और तुमको मेरे साथ गांव चलना पड़ेगा वही हम दोनों शादी कर लेंगे तनिश और रेशमा ने गांव मे शादी कर ली। लेकिन एक परेशानी और थी तनिश अपने घर पर हर महीने की तनख्वाह भी भेजनी होती थी रेशमा बोली कोई बात नहीं मैं भेज दूँगी बस तुम हमेशा साथ बनाए रखना। एक दिन रेशमा के मोबाइल में रेशमा के घर वालों का फोन आता और पूछते- बेटा तुमने उस लड़के के लिए हमको छोड़ दिया रेशमा बोली - वह लड़का मुझको छोड़ कर चला गया। लेकिन एक लड़का मिला जिससे मैंने शादी कर ली। तनिश नाम है। रेशमा के घर वालों ने पूछा - काम क्या करता है वो। रेशमा - कुछ नहीं करता लेकिन आपको पता है कि मैं अपने पैरो पर खड़ी हूं।
रेशमा के घर वाले - तुमको कमाने की जरूरत नहीं क्योंकि जब तुमको पता हम लोगों का इतना बड़ा बिजनेस है। रेशमा बोली - तुम लोगों ने तो मुझको निकाल दिया था। रेशमा के घर वाले- कोई बात नहीं माफ कर दिया हैं जो हो गया सो हो गया तुम आ जाओ जमाई राजा के साथ। तनिश और रेशमा चल दिए अहमदाबाद। वहां जाकर रेशमा और तनिश को बिजनेस का हिस्सेदार बना दिया। और वही से तनिश और रेशमा की अच्छी जिंदगी की शुरुआत हुई।
शिक्षा - समस्या हर किसी के पास है लेकिन हल बहुत कम लोगों के पास है।

