डॉ गुलाब चंद पटेल

Abstract

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डॉ गुलाब चंद पटेल

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राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की हत्या क्यूँ

राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की हत्या क्यूँ

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राष्ट्रपति गांधीजी की हत्या क्यों?हमे आजादी के जश्न पर एक सवाल मन मे यह आया की ,ईएसए क्या कारण था की राष्ट्र पिता गांधीजी की हत्या नथुरम गोडसे ने की ?हमे इस तरह की जानकारी पढ़ने मे आई हे की गोडसे का मानना था की गांधीजी देश के विभाजन के लिए ज़िम्मेवार थे ,मेरे मन मे यह प्रश्न हुआ हे की यह गोद से ने किसी अंग्रेज़ की हत्या क्यू नहीं की ?देश की स्वतन्त्रता के लिए जिनकी अगुवाई मे ल्करोड़ो लोग जुड़े ,कई लोग शहीद हुए और फांसी लटक गए । जालियावाला बाग का हत्या कांड आज भी भूल नहीं पते हे,हम और पूरा देश ,,फिर गोडसे ने गांधीजी की हत्या क्यू की / किसी अंग्रेज़ अफसर को क्यो नहीं मारा? जिन्हों ने भारत देश को गुलाम बना रखा था ,देश को लूट रहे थे।यह सोचने जेसी बात हे ,अब विभाजन से क्या लेना देना ,आजादी के समय विभाजन सहमति से हुआ ,डौनो पक्ष ने मांगे स्वीकार की और विभाजन हो गया,मेरे मत से यह खोज का विषय हे,सरकार से हम सभी को अनुरोध करना चाहिए की गांधीजी की हत्या का सही कारण क्या हो सकता हे।     वरिष्ट पत्रकार आकार पटेल ने 28 जनवरी 2015 को एक लेख मे बताया हे की नथुराम गोडसे सहज और सौम्य थे ,तो फिर कातिल केसे बने?  आज मोहनलाल करमचंद गांधी आड़ुनिक दुनिया मे भारत का सबसे बड़ा बौद्धिक निर्यात हे,भगवान गौतम बौद्ध से आज शायद सबसे बड़ा नाम ओर कोई हे ,लेकिन जिनकी सोचमे कमी हे ,वह लोग आज भी गांधीजी पर सवाल उठा रहे हे,इन सवाल करने वाले को मेरा सवाल हे की क्या देश के लिए तुम्हारे परिवार मे किसी ने कुर्बानी दी हे ? या फिर आप ने देश के लिए गांधीजी जेसा कोई राष्ट्र हित का बड़े पैमाने पर काम किया हे ,या कोई योजना बनाई हे ? मे मानता हु की जो इंसान कुछ करेगा उससे शायद कोई गलती होने का संभव हे किन्तु इसका मतलब यह नहीं हे की उस पर उंगली उठाई जाय।  किन्तु राष्ट्रपति के हत्यारे को कुछ लोग राष्ट्र भक्त बता रहे हे,कोई चौराहे पर मूर्ति लगाने की मुहिम छेड़ता हे,कोई नौ जवानो की मोटर साइकिल रैली निकालने की पेशकश कर रहे हे,कोई गोडसे को शहीद का दरज्जा देने का नारा उछाल रहे हे,शहीद केसे माना जा सकता हे ,उसने राष्ट्रहित मे क्या काम किया हे ? उल्टा राष्ट्रपति की हत्या की हे,उस व्यक्ति को केसे शहीद ठहरा सकते हे   नाथुराम विनायक गोडसे हिन्दी अखबार “हिन्द राष्ट्र “के संपादक थे।नथुराम ने देवराज गांधी को ये बात की थी,की आप को पिता खोने का दुख हे ,किन्तु मौज पर यकीन करो की मेरी उनसे कोई रंजिस नहीं थी। न कोई दुश्मनी थी,केवल और केवल राजनैतिक वजह थी। नाथुराम ने गांधीजी का जिक्र क्यो उस क्रम मे हे ,की “वीर सावरकर और गांधीजी ने भारतीय लोगो पर जितना असर डाला हे उतना और कोई अन्य लोगो ने नहीं।  दूसरा कहा हे की,”उनको पढ़ने और सोचने के बाद मेरा यकीन हो गया इस बात मे की मेरा पहला दायित्व हिन्दू और हिन्दुओ के लिए हे।एक देश भक्त और विप्र नागरिक होने के नाते 30 करोड़ हिन्दू ओके स्वतन्त्रता और हितो की रक्षा अपने आप पूरे भारत की रक्षा होगी । जहा दुनिया का प्रत्येक पांचवा शक्स्येत रहता हे। इस सोचने मुजे हिन्दू संगठन की विचार धारा हिंदुस्तान को आजादी दिला सकता हे।और उसे कायम रख सकता हे।  इस नजरिए के बाद नाथुराम ने गांधी के बारे मे ,सोचा ,बतिस साल के विचारो ने उतेजना भरने को गांधी ने जब मुस्लिमो के पक्ष मे अपना अंतिम उपवास रखा तो नाथुराम उस नतीजे पर पाहुचे की गांधी के अस्तित्व को तुरंत खत्म करना होगा। गांधी ने दक्षिण आफ्रिका मे भारतीय समुदाय के लोगो को हक़ दिलाने की दिशामे शानदार काम किया था ।लेकिन जब भारत आए तो उनकी मानसिकता कुछ बादल गई ,क्या सही क्या गलत का फेसला खुद जज बनकर करने लगे।   गांधी को नाथुराम को उनकी हत्या के लिए अफसोस था ईएसए नाथुराम ने बताया था ।नाथुराम मानते थे की गांधीजी कारवाई पर असहमत थे। इतिहास मे कुछ ओर बात हे। की कॉंग्रेस मे यह बात मनवाई तो गांधीजी उपवास पर बैठे थे।  नाथुराम ने अदालत मे कुछ भी कह दिया हो किन्तु केवल राज नैतिक कारण गांधी की हत्या की थी ,वह गांधी की धर्मनिरपेक्ष विचार धारा से नफरत करता था। यह वास्तविक हिन्दू धर्म भाव से बिलकुल उल्टा था ।और स्वयं सेवक संघ ने उसका ब्रईन वॉश किया था।   वास्तविकता यह हे की गांधी का कोई भी रास्ता या तरीका ऐसा नहीं था की जिस पर सवाल उठाए जा सके। यही वजह हे की दशको बाद भी एक राज नेता की और या उनकी साख काटा हे।   मेरा यह मत हे की ,जिस व्यक्ति ने स्वतन्त्रता के लिए न कोई अंग्रेज़ को मारा न काही खुलकर स्वतन्त्रता की लड़ाई मे आगे आया न गांधीजी को साथ दिया ,न भारत की स्वतन्त्रता की लड़ाई लड़ने वाले अन्य कोई संगठन को मदद की गई हे,एसे व्यक्ति को उनकी हत्या करने का क्या अधिकार हे ? यह अधिकार उसे किसने दिया ?डॉ गुलाबचंद पटेल कवि लेखक अनुवादकअध्यक्ष गांधीनगर साहित्य सेवा संस्थान गांधीनगर ,गुजरात मो.8849794377ईमेल: gulabchandpatel15072@gmaildotcom



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