सीता की अग्नि परीक्षा

सीता की अग्नि परीक्षा

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सीता को घर से निकाल दिया क्यूं की सीता अब स्वरूप खो चुकी है, उसे जितना भोगना था उतना भोग लिया, सीता जब नौकरी पर जाने निकले तो पीछे पीछे चोरी छुपी से पीछा करना, जब घर आए तब उसे पूछना, कौन था तुम जिसके साथ स्माइल दे रही थी, कौन था जो तेरी पीछे पीछे जाता है,

सीता ने रामजी से प्रेम ब्याह किया था, सीता सुन्दर और सुशील थी, वो अहमदाबाद पढ़ने के लिए जाती थी, सीता की पढ़ाई पूरी हो चुकी है, अब वो पिताजी को मदद करने के लिए नौकरी करने लगी, उसे एक लड़के से प्यार हो गया, उसने अब रामजी के साथ ही रहना पसंद किया, बहुत सुख चेन से रहने लगी, उसके पिताजी ने सीता को रामजी के साथ रहने के लिए परमिशन दे दिया, सीता को चार बहने थी, एक ही भाई था वो कुछ कमाता नहीं था, इस लिए घर चलाना मुस्किल था, उसने अपनी बहनो की शादी के लिए नौकरी करना उचित माना था, रामजी भी उसके ससुराल में पेसे भेजता था, आता जाता था, लेकिन रामजी सीता पर अब शक करने लगा था, सीता भी तंग आकर अपने पिताजी के घर आ गई, उसके पिताजी ने रामजी के सामने कोर्ट में केस दर्ज किया, रामजी कोर्ट के चक्कर काटने लगा, वो थक गया और सीता से छूटने के लिए वकील को बताया, वकील ने सीता के पिताजी और सीता से बात की और रामजी से पेसे लेकर छूटने के लिए कहा गया, सीता और उसके पिता जी दशरथ पेसे लेकर रामजी से समझोता करने के लिए तैयार हो गए, रामजी से रुपये पांच लाख लिए,

अब सीता एक अस्पताल में नौकरी करने लगी, उसकी बहन की शादी भी करा दी, उसने एक कार खरीद लिया, नौकरी करके अपने पिताजी को मदद करने लगी, सीता के भाई जतिन ने भी अपनी ही सोसाइटी की एक लड़की से शादी कर ली, शुरू शुरू में अच्छा चलने लगा, लेकिन एक बेटा हुआ फिर झगड़े शुरू हुए क्यू की जतिन कुछ कमाता नहीं था, वो शराब पीने लगा, उसने अपने पिता के साथ दुर्व्यवहार करके अलग रहना शुरू किया, ऑटो चालक बन गया, शराब पीकर घर आने लगा,. 

एक दिन वो बहुत ही शराब पीकर आया और अपनी पत्नी को पीटने लगा, उसकी पत्नी अपने पिता के घर जाने के लिए निकली, लेकिन थोड़ी ही देर बाद उसे वापस बुलाया गया, क्यों कि जतिन ने अपनी जान गले में रस्सी डालकर दे दी थी,..

अब सीता के शिर उसके भाई के लड़के की जिम्मेदारी आ गई, उसने दूसरी शादी करना पसंद नहीं किया, सीता को अपनी अग्नि परीक्षा बार बार देना प़डा, 

जेसे राम ने सीता मैया पर शक करके इन्हें आश्रम में भेज दिया था, वेसे ही सीता को भी रामजी ने शक करके घर से निकाल दिया था और उससे छुटकारा भी ले लिया,

राम की सीता को एक बार ही अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी लेकिन आज की सीता ओ को बार बार अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है।


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