माँ ने शिखा दी नैतिकता
माँ ने शिखा दी नैतिकता
अपने पिता जी की मृत्यु के बाद शशि कपूर को अपनी माँ ने गांव की पाठ शाला में पढ़ाई के लिए दाखिला दिलवाया, पिताजी ने शशि के लिए बहुत स्वप्न देखे थे लेकिन विधि के अधीन कौन बच सकता है, बचपन में ही शशि ने अपने पिताजी की छाया गंवा दिया था, अपनी माँ के शिवा अब कोई नहीं था, वो अपनी माँ को बहुत प्यार करता था,
शशि पाठ शाला में पढ़ाई करने के लिए खुशी खुशी जा रहा था, अपने साथ पढ़ाई करते हुए बच्चे बहुत ही पेसेदार के बच्चे होने से वो बहुत मेहगी चीजे और कपड़े के साथ पढ़ाई के लिए आते थे, शशि बहुत ही दुखी हो जाता था, वो सोचता था कि आज मेरे पिताजी होते तो मुझे भी उन से भी ज्यादा महंगी चीजे ला देते,
पाठ शाला आधुनिक युग की सुख साधनों से भरी हुई थी, ओर बच्चे लेपटॉप के साथ स्कूल में पढ़ने आते थे, शशि ने एक बच्चे का लेपटॉप चुरा लिया और घर भाग गया, अपनी माँ ने देखा तो बहुत ही पिटाई कर दी और स्कूल में जाकर लेपटॉप वापिस करवाया, बच्चे को नैतिकता का पाठ पढ़ाया, इस लिए शशि आज अफसर के पद पर कार्यरत हैं!