ब्लैक दुपट्टा
ब्लैक दुपट्टा
कमल का ऑफिस बेग पाकीजा ने बस की खिड़की से मांग लिया, बस में चढ़ने के लिए काफी भीड़ थी, उसने कहा कि कमल तुम आप का बेग मुजे दे दो, मे आप की जगह रखती हू, आप शांति से आइए, कमल भीड़ कम होने के बाद मे बस में चढ़ा, पाकीजा के पास पहुचा तो कमल की जगह रखने के लिए पाकीजा ने बेग सीट पर रखा था और ब्लैक दुपट्टा उस पर डाला था, दुपट्टा पतला होने से कमल की बेग पर लगाया गया गुलाब का फूल बहुत ही सुन्दर दिख रहा था, कमल खुश हो गया,
कमल गांव से निकलकर सुबह से ही अपना टिफिन लेकर कॉलेज की ओर निकल पड़ता था, वो कॉलेज मे पढ़ाई के साथ साथ नोकरी भी करता था, बस अड्डे पर अपने मित्र के साथ पहुंचता था, उसका मित्र भी कमल की ऑफिस में काम करता था, दौनों ऑफिस साथ साथ जाते थे, ऑफिस में इंटरवल मे खाना खाने के लिए अपने मित्र के घर जाता था, उसका टिफिन अपने मित्र के घरवाले ठंडा होने से खा लेते थे और कमल को गरम रोटी बनाकर खिलाते थे,
कमल का मित्र मनोज बहुत ही उम्दा था, वो कमल का बहुत ख्याल रखता था, ऑफिस में चाय भी साथ पीते थे, वो दौनों आधी चाय मे से आधी आधी चाय पीते थे, दौनों मे बहुत प्यार था, मनोज उस पाकीजा को अपनी ओर आकर्षित करना चाहता था, लेकिन कमल पाकीजा से बात भी नहीं करता था, फिर भी पाकीजा कमल से प्यार करने लगी, रोजाना कमल की राह देखती थी और बस में कमल के लिए जगह भी रखने लगी, मनोज ने कहा कि कमल तुम कुछ नहीं करते हैं फिर भी पाकीजा तुमसे प्यार करती है, तुम्हारी जगह बस में रखती है, तुम्हारा कितना ख्याल रखती है और मेरे सामने देखती भी नहीं, तुमने क्या जादू कर दिया है कि तुम्हें ही चाहने लगी है, कमल ने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है, वो अपने आप ही मुजे प्यार करने लगी है,
पाकीजा बहुत ही सुन्दर थी, वो भी कमल की ऑफिस के पास ही नोकरी कर रही थी, बस से उतर कर ऑफिस भी साथ साथ जाना यही क्रम बन गया था, पाकीजा कमल के लिए फूल लाने लगी, एक फूल अपने बालो मे लगाती थी, वो बहुत ही सुन्दर दिखती थी, दोपहर में कमल और मनोज पाकीजा की ऑफिस के करीब चाय पीने के लिए जाते थे, वहा पाकीजा भी मिलती थी,
कमल ने सी आई डी क्राइम ब्रांच मे सर चार के पद पर नियुक्त होने के लिए अपना अर्जी दिया था, उसका लिखित परिक्षा हुआ, जिस में कमल उत्तीर्ण हो गया था, बाद में साक्षात्कार डी आई जी पी साहब के साथ तय हुआ था तो पाकीजा की ऑफिस में ही था, कमल उसमे भी पास हो गया, उसका लिस्ट में आठवां नंबर पर नाम दर्ज था, कमल उस समय क्लर्क की नोकरी कर रहा था, अब उसे अच्छी जगह पर काम करने की इच्छा हुई थी, उसके साथ मे जो लड़के सिलेक्ट हुए थे उन्हें नियुक्त किए गए, अब कमल का नमबर था, लेकिन लिस्ट रद कर दिया, कमल उच्च पद पर नियुक्त होने से वंचित रह गया,
कमल एक बार पाकीजा को मिलने के लिए उसके घर पहुचा तो उसका पति बाहर आया और पूछा कि किसका काम हे, कमल ने किसी और का नाम ले लिया, वो घबरा गया, पाकीजा का पति पुलिस इंस्पेक्टर था, कमल पाकीजा के लिए गिफ्ट लेकर गया था, वो हिम्मत नहीं कर सका, वो गिफ्ट दिए बिना ही वापस लौट आया,दूसरे दिन कमल ऑफिस जाने के लिए बस में गया तब पाकीजा कमल से नाराज हो गई, उसने बोला कि तुम्हें घर आने की क्या जरूरत थी? मुजे बताया क्यू नहीं, पता हे, मेरे पति के साथ कितना बड़ा झगड़ा हो गया, कमल ने माफी मांगी, पाकीजा मान गई,
पाकीजा सोच ने लगी कि क्या होगा ? उसके पति को शक हो गया था, कमल भी सोचने लगा, पाकीजा ने क्यूं बात छुपाई, वो शादी शुदा है, तो हमें पहले क्यूं नहीं बताया, पाकीजा बहुत ही सुन्दर थी, उसे देखकर लगे नहीं की वो शादी शुदा है, अब उसका पति पाकीजा का ध्यान रखने लगा, पाकीजा पर पाबंदी लगा दी, कि तुम आज से ऑफिस नहीं जाएगी, पाकीजा ने बहुर समझाया कि कमल मेरे भाई जेसा हे, मे उसे प्यार करती हू, लेकिन उसका पति मानने के लिए तैयार नहीं था, उसके पति को शांत करने के लिए पाकीजा ने बहाना बना दिया था कि कमल उसके भाई जेसा हे, कमल और पाकीजा की मुलाकात बंद हो गई, कमल की भी सगाई एक लड़की के साथ तय किया गया, उसके मात पिता ने कमल की शादी करने के लिए तैयारी शुरू कर दिया, कमल को इच्छा नहीं थी फिर भी उसकी शादी करा दिया,
कमल को पाकीजा की याद बहुत आती थी, वो पाकीजा से मिलने गया, तो कमल की पत्नी उसके पीछे पीछे गई, कमल को पता न चले इस तरह छिप गई, कमल और पाकीजा दौनों प्यार से बात कर रहे थे, उसे सुनने की कोशिश कमल की पत्नी करने लगी, उसने सुना कमल और पाकीजा उनके प्यार के बारे में बात कर रहे हैं, तो उसने यकायक कमल के पास जाकर उसका हाथ पकड़ कर खींच कर बस अड्डे पर ले गई, घर में पहुच कर उसकी पत्नी ने अपने सास ससुर से बात की, कमल एक लड़की से प्यार कर रहा है, चोरी छुपी उसे मिलने गया था लेकिन मैंने उनका पीछा करके पकड़ लिया है, कमल को अपने मात पिता ने बहुत डाँटा, कमल माफी मांगने लगा, कमल के पिताजी ने कहा कि तुमने हमे बताया क्यू नहीं, तुमने बताया होता तो तेरी शादी उसी लड़की के साथ करवा देते, कमल बहुत ही दुखी हो गया, उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, कि अपने मात पिता को बताया होता तो अच्छा था, अब कमल पाकीजा को मिलने के लिए भी नहीं जा सकता है, पाकीजा को उसने पति ने राजीनामा दिलवा दिया, नौकरी छूट गई, कमल से मिल नहीं सकती है,
एक रोज़ दौनों हिम्मत कर के घर से भाग निकले, दौनों ने सोचा कि क्या किया जाए, सोचकर निर्णय लिया कि वो हमे जीने नहीं देंगे, हम दौनों एक साथ रह नहीं सकेंगे, चलो हम इस दुनिया को छोड़ कर स्वर्ग में चले जाते हैं, दौनों ने अपने हाथ एक दूसरे के हाथ में डालकर अपना जीवन त्याग दिया !
