रानी बिटिया
रानी बिटिया


मुझे किसी पाठिका ने कहा,"आप को नही लगता की आपकी कहानियों के सेंटर में हमेशा ही शादी शुदा महिलाएँ होती है? एक बात आपकी तारीफ में मैं जरूर कहूँगी की आप उनके इश्यूज के बारे में बहुत ही खुबसूरती से लिखती है।" मैंने कहा,"शुक्रिया आपका।" "लेकिन मेरी एक शिकायत भी है आपसे।"मैंने कहा,"मैं अपने किसी भी पाठक को शिकायत का मौका नहीं देना चाहूँगी। मुझे बताएँ आप।"
वह कहने लगी,"आप कभी हमारे जैसी सिंगल लड़कियाँ मेरा मतलब जिन लड़कियों ने शादी नही की हो या फिर जिनकी शादी नही हुई हो, उनके बारे में क्यों नहीं लिखती है? उनके बारे में भी कभी कुछ जरूर लिखिएगा।"
मैंने हामी भरते हुए बात को खत्म की और थैंक यू कहते हुए आगे बढ़ गयी।
अभी रात को जब लिखने बैठी तो वह सारी बातें याद आयी।
जब लड़की छोटी होती है तो वह उस घर की गुड़िया होती है।रानी बिटिया होती है।भाभियों के घरों में उन कुँवारी लड़कीयों की हैसियत ही बदल जाती है।
मैं उस 30 पार की लड़की को कैसे कहती कि उस रानी बिटिया के बदले हालातों के बारे में मैं लिख नही सकूँगी?
क्या मैं लिख भी सकूँगी ? शायद नहीं....
.