राधा कृष्ण
राधा कृष्ण
राधा:/ मेरी जिंदगी का अनमोल रत्न हो सिर्फ एक तुम कान्हा मेरी जिंदगी का एक विस्मृत विकल्प विस्मरणीय हो कान्हा मेरी दुनिया तुमसे औऱ तुम्हारी दुनिया मुझसे है।
कृष्ण:/मेरी हर साँस में राधिका तुम हो प्यारी मेरी हर इक राह में राधिका तुम हो न्यारी रोम-रोम में मेरे तुम बसी हो राधिका ।
राधा:/ आलौकिक है यह बन्धन तेरा मेरा कान्हा रहेगा जन्मों जन्म का साथ तेरा मेरा कृष्ण मुरारी हर कण में मेरे तुम समाये हो संजोग मेरा हर पल तुम ही हो वृंदावन के लाल कृष्ण कन्हैया।
कृष्ण:/ साँसों में तेरे साँस मेरी घुलमिल जाती हैं मेरी बाँसुरी की धुन सुन तू दौड़ी चली आती हैं हर क्षण मेरे तू ही समाईं हैं राधे प्यारी।
राधा:/ मेरे मोहना मन को मेरे तुम मोह लेते हो किसी से नहीं कभी तुम कुछ तोल देते हो कण-कण में मेरे हृदय में मेरी तुम जो समाये हो कान्हा।
कृष्ण:/व्याकुल हैं मन मेरा आकुल हो तुम राधिका तुमसे जुड़ा हर एक रास प्रेम में मेरे बनकर रासलीला नृत्य का आधार मुक्त हो कन्हाई।

