Hardik Mahajan Hardik

Romance

2.6  

Hardik Mahajan Hardik

Romance

राधा कृष्ण

राधा कृष्ण

1 min
828


राधा:/ बिना तेरी चाहतों के मैं कह ना कभी तुझे सकी, बिना तेरी चाहतों के राधा है अधूरी कान्हा।

कृष्ण:/ हर दिन हर पहर हर लम्हा कृष्ण के कण-कण में बसी है राधा कैसे तुझे बताऊँ तू ही हैं कृष्ण की राधा।

राधा:/ पुकारे राधा कृष्ण दौडी चली आये कैसे तुझे बताये राधा तुझे तुझसे जीवन भर प्रेम करती रही कान्हा।

कृष्ण:/ सुदबुध में अपने कहां खोयी राधा प्यारी कृष्ण भी प्रेम तुझसे करता हैं करता रहेगा सुन ले तू राधा।

राधा:/ राधा बिन कृष्ण की मुरलियाँ कहाँ कृष्ण पुकारे राधा को दौडी दौडी पीछे चली आई तेरे कान्हा।

कृष्ण:/प्रेम के संग प्रेम से मीठी मुरलियाँ मेरी राधा तेरो नाम पुकारे तू चली आये सुन कृष्ण के पास राधा।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance