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Ashish Kumar Trivedi

Romance

3  

Ashish Kumar Trivedi

Romance

प्यार का एहसास

प्यार का एहसास

4 mins
389

मैं जॉगर्स पार्क की बेंच पर बैठा था। कुछ देर पहले ही मैं रोज़ की तरह जॉगिंग समाप्त कर यहाँ सुस्ताने बैठा था।

आज भी वह नहीं आई थी। यह लगातार पाँचवा दिन था। पिछले चार महीनों से मैं उसे जानता था।‌ इस बीच उसने एक दिन का भी नागा नहीं किया था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि इसका कारण क्या हो सकता है।

इसी जॉगर्स पार्क में मैंने पहली बार उसे देखा था। जॉगिंग के बाद कुछ देर वह पार्क में बैठ कर योग करती थी। 

कोई एक हफ्ते तक मेरी और उसकी कोई बातचीत भी नहीं हुई थी। पर उस दिन मैंने उसे किसी को फटकारते देखा। वह बहुत गुस्से में लग रही थी। जिसे वह फटकार रही थी वह बेवजह की सफाई दे रहा था।

"आप तो बुरा मान गईं मिस पायल। मैं तो मज़ाक कर रहा था।"

"लुक मिस्टर, मज़ाक और बेहूदगी का फर्क मुझे पता है। मुझसे दूर ही रहना।"

कह कर वह दोबारा जॉगिंग करने लगी। पर जब वह उस आदमी को लताड़ रही थी तो उसके तमतमाए चेहरे पर मेरी नज़र टिक गई थी। मुझे उसका वह रूप अच्छा लगा था। मैंने अक्सर मर्दों को औरतों से बेढंगे मज़ाक करते देखा था। अधिकांश औरतें शर्म और संकोच से कुछ कहती नहीं थीं। पर उसने करारा जवाब दिया था।

उस दिन के बाद वह आदमी नहीं दिखा। मैं नियमित रूप से जॉगर्स पार्क जाता था। वह भी बेनागा आती थी। एक दिन जब मैं पार्क से निकल कर अपनी कार की तरफ जा रहा था तब मैंने उसे ‌परेशान सा उसकी स्कूटी के पास देखा। मैंने पास जाकर पूँछा।

"नीड एनी हेल्प ?"

उसने कुछ संकोच से कहा।

"मेरी स्कूटी का टायर पंचर है। घसीट कर शॉप तक ले जाना पड़ेगा। बट नो प्रॉब्लम। आई विल मैनेज.... थैंक्यू।"

मैं अपनी कार के पास गया। दरवाज़ा खोल रहा था फिर कुछ सोंच कर वापस उसके पास गया।

"आप परेशान ना हों। पास में ही रिपेयरिंग शॉप है। मैं मैकेनिक को ले आता हूँ। वह पहिया खोल कर ले जाएगा और ठीक कर देगा।"

मैं मैकेनिक को अपनी कार में बैठा कर ले आया। उसने पहिया खोला और अपनी शॉप पर ले गया। उसने करीब आधे घंटे में ठीक करके लाने की बात कही।

उस दिन पहली बार मेरी और उसकी बात हुई थी। उसका नाम पायल है यह तो मुझे उसी दिन पता चल गया था जब वह उस आदमी को फटकार रही थी। बातों के दौरान उसने मुझे बताया कि वह एक साइक्राटिस्ट के क्लीनिक में फ्रंट डेस्क एग्ज़ीक्यूटिव थी। कोई पाँच महीने पहले ही वह जॉब के लिए इस शहर में आई थी। 

स्कूटी बन जाने के बाद उसने मुझे धन्यवाद कहा और चली गई। फिर हर दिन हम जॉगिंग करते हुए एक दूसरे को स्माइल देते थे। पर इससे अधिक बातचीत नहीं होती थी। 

लेकिन घर में अक्सर अपनी तन्हाई में मुझे उसका वह तमतमाया हुआ चेहरा याद आता था।‌ मैं समझ नहीं पाता था कि ऐसा क्यों है। तब कभी यह नहीं लगा था कि अनजाने ही वह मेरे दिल में बस चुकी थी। पर आज बार बार मेरा दिल मुझे कह रहा था कि मैं उसके ना आने का कारण पता करूँ। 

वह कहाँ रहती है यह तो मुझे नहीं पता था। किंतु उसके क्लीनिक का नाम मालूम था जहाँ वह काम करती थी।

ऑफिस जाते हुए मैंने कार उसकी क्लीनिक की तरफ मोड़ दी। जब मैं क्लीनिक में पहुँचा तो फ्रंट डेस्क पर कोई और लड़की थी।

"गुड मॉर्निंग सर...हाऊ कैन आई हेल्प यू ?"

"वो इस जगह पर तो मिस पायल काम करती थीं।"

"आप ?"

"मैं उनका दोस्त हूँ। कई दिनों से बाहर था। आज लौटा तो मिलने चला आया।"

"सर मैंने तो आज ही ज्वॉइन किया है। मुझे कुछ नहीं पता।"

"देखिए मेरे लिए जानना ज़रूरी है कि उन्होंने अचानक नौकरी क्यों छोड़ दी ?"

उस लड़की ने ऑफिस ब्वॉय को बुला कर कहा।

"ये कुछ जानना चाहते हैं।"

मैंने ऑफिस ब्वॉय से वही सवाल किया। उसने बताया कि पायल एक हादसे में चल बसी। 

ऑफिस ब्वॉय की बात सुनकर मेरे लिए अपने पर काबू रखना कठिन हो गया था। बड़ी मुश्किल से मैं अपनी कार तक आया। कुछ क्षणों तक कार में बैठा रहा। मेरी आँखों से आंसू बह रहे थे। कार चलाना कठिन था। 

पायल का चेहरा मेरी आँखों में घूम रहा था। मेरे दिल में एक टीस थी।

अब मुझे समझ आया था कि मैं बिना जाने पायल से प्रेम करने लगा था।


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