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Kunda Shamkuwar

Abstract Others

4.7  

Kunda Shamkuwar

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प्रेमिकाएँ

प्रेमिकाएँ

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प्यार में प्रेमिकाएँ ख़ुद को किसी मलिका से कम नहीं समझती हैं…

प्रेमी होता ही हैं दिल फ़रेब…

प्रेम में दीवाना…

दुनिया से निराला….

क्योंकि प्रेमिकाएँ जानती हैं की सबके सामने उनके नाम को जोर से पुकारा नहीं जाता…

उनके नाम को बस फुसफुसाया जाता हैं…

और एकांत में उसे किसी भी नाम से पुकारा जा सकता हैं…मेरी शोना…मेरी डार्लिंग…

और भी न जाने क्या क्या…

लेकिन सब कुछ एकांत में…

प्रेमिकाओं को एकांत का सहारा होता हैं…

ऑन डिमांड मोहब्बत…

नो स्ट्रिंग्स अटैच्ड…

टर्म्स एंड कंडीशन्स अप्लाइड…

प्रेमी की ज़रूरत के मुताबिक़…प्रेमी की चाह के मुताबिक़…

प्रेमी के लिए कंप्लीट कन्विनियंस…


मद भरे लम्हों में जब प्रेमी मूड में रहता हैं तब प्रेमिका की ख़ुशबू में सराबोर उसे चाँद कहने लगता हैं…

चालीस की प्रेमिका उसे बाईस की नज़र आती हैं…

उसे वह सिनेमा ले जाना चाहता हैं…

लेकिन सबके सामने तमाशा बनने के डर से इरादा बदल देता हैं…

प्रेमी को फ़िक्र हैं अपने परिवार की…

और अपनी इमेज की…

लेकिन प्रेमिका तो प्रेमिका हैं…प्रेम में प्रेमिल और सिर्फ़ प्रेमिल…

वह अनसुना कर देती हैं तमाशा वाली बात…

क्योंकि उसके लिए प्रेम तो फ़क़त प्रेम हैं…

उस माहौल में वह प्रेमी को चाय के लिए पूछती हैं…

हाँ भरते ही अदरक वाली चाय बनाती हैं…

उसके हाथ से बनी चाय प्रेमी को पसंद हैं…

मीठी चाय से उस क़सैले माहौल में वह मिठास भर देती हैं…


सुख में प्रेमिका का हिस्सा आख़िर में लेकिन दुख में पहले आता हैं…

प्रेमी प्रमोशन की ख़बर पहले पत्नी को देता हैं…

और प्रेमिका को पैसों की किसी ज़रूरत की…

प्रेमिका भी फ़ौरन पूछ कर चेक थमा देती हैं…

क्योंकि वह जानती हैं की प्रेम में क्या तेरा क्या मेरा…

प्रेम न्योछावर कर दिया फिर यह पैसा क्या चीज़ हैं…

किसी दिन मॉल में प्रेमी का पत्नी के संग अचानक उसे अनदेखा करते प्रेमी के डर को वह भाँप लेती हैं..

लेकिन प्रेमिका झट से पत्नी को हेलो करते हुए कितने दिनों के बाद मिलने का उलाहना देती हैं…

जानते हुए की वह उसे प्रेमी की कलीग और पुरानी दोस्त समझती हैं…

उससे जल्दी मिलने का वादा कर निकल जाती है…

प्रेमी अगले दिन बताता हैं की पत्नी तुम्हारे रंग ढंग बदलने की बात कर रही थी…

हँसते हुए कहता हैं की मेरे प्यार में जादू हैं…

तुम्हें प्यार में मैंने रंगबिरंगी कर दिया हैं…

अपने हिस्से के इस प्रेम में मगन प्रेमिका मॉल से ख़रीदी शर्ट प्रेमी को देती हैं…

लेकिन प्रेमी?

पत्नी के साथ प्रेमी ने परिवार के लिए शॉपिंग की थी…

प्रेमिका परिवार का हिस्सा नहीं हैं…

प्रेमिका जानती हैं की परिवार क्या हैं…

प्रेमिका प्रेमी के मोहब्बत में ख़ुद कों ही परिवार मान लेती हैं…

हाँ…परिवार जिसकी उसे ताउम्र चाह होती हैं…


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