प्रेम गली
प्रेम गली
कॉलेज लाइफ में कही प्रेम कहानियां बनती है और खत्म हो जाती जाती है।
बड़ी बड़ी बाते होती है सिर्फ , में ये करूंगा ,में वो करूंगा जब साथ निभाने की बात आती है तब हाथ छोड़ देते है।
ऐसी ही कॉलेज के समय की प्रेम कहानी होती है वो अंत हो ही जाती है उस कहानी का कोई भी अस्थित्व नहीं रहेता है।
ऐसी ही एक कहानी थी आरव और काव्या दोनो बोहोत अच्छे दोस्त थे ,आरव और काव्या एक दूसरे को बचपन से ही जानते थे।
आरव काव्या को पसंद करता था लेकिन कभी अपनी भावनाओं को काव्या के सामने बया नहीं कर पाया की वो उससे कितना प्यार करता है।
लेकिन जब काव्या की मुलाकात प्रेम से होती है प्रेम एक दम हैंडसम , कॉलेज की सभी लड़की प्रेम की दीवानी थी।
प्रेम से पहेली नजर में ही काव्या को आक्रषण हो जाता है प्रेम के पापा शहर के सबसे बड़े बिजनेस मैन थे प्रेम के पास पैसा की कोई भी कमी नही होती है जिससे प्रेम का कोई भी लक्ष्य नहीं होता है ज़िंदगी में उसकी संगत बोहोत ही बिगड़ी थी।
कॉलेज में रैगिंग करना , गुंडा गिरी करना ऐसी संगत थी पेम की
प्रेम ने कही सारी लड़कीओ को अपने प्यार के जाल में फसाया था।
ऐसे में जब वो काव्या को कॉलेज के पहले ईयर में देखता है तब वो सोचता है की ये लड़की कोन है तब पता चलता है की काव्या तो प्रोफेसर सर की बेटी है।
तब उसके दोस्त लोग बोलते है की इससे तुम दूर रहो ये तुम्हारे टाइप की नहीं है लेकिन प्रेम मानता नहीं है किसी की भी बात।
प्रेम , काव्या और आरव तीनो पहले साल में ही थे।
जहा प्रेम ने काव्या को दोस्ती का प्रस्ताव दिया क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी ?
काव्या मन ही मन में मुस्कुराने लगी उसने प्रस्ताव को स्वीकार लिया।
लेकिन आरव उसके फैसले से खुश बिलकुल भी नहीं था उसने काव्या को समझाया की ये लड़का अच्छा बिलकुल भी नहीं है ये तुम्हे इस्तेमाल करेगा और छोड़ देगा लेकिन काव्या मानी ही नहीं फिर भी उसने प्रेम से दोस्ती की ओर कब दोस्ती प्यार में बदल गई उससे पता ही नहीं चला।
उसके पापा को जब पता चला की उसकी बेटी ने प्रेम को
दोस्ती के लिए स्वीकारा तब उसके पापा नाराज हो गए और समझाया की प्रेम से दूर रहो ये लड़का सही बिलकुल भी नहीं है।
कहेते है ना प्यार अंधा होता है वाकई काव्या मानी ही नहीं की प्रेम अच्छा लड़का बिलकुल भी नहीं है।
जब कॉलेज की पहले ईयर की परीक्षा समाप्त हो चुकी थी।कुछ दिनों बाद कॉलेज का दूसरा साल शुरू ही होने वाला था तब प्रेम ने काव्या को प्रपोज्ड कर ही दिया की में तुम से प्यार करता हु जहा काव्या भी बोल देती है प्रेम को की में भी तुम से प्यार करती हु।
लेकिन जब आरव काव्या को बताने ही वाला था की में तुम से प्यार करता हु तब उससे सुन लिया की काव्या आरव से प्यार करती है तब आरव का दिल टूट जाता है।
आरव फिर भी काव्या से बिना स्वार्थ से प्यार करता था
उसने प्रेम से शादी कर ली भाग के लेकिन नियति में कुछ और ही लिखा था प्रेम को जब काव्या की जरूरत पूरी हो गई तब उसने काव्या का साथ छोड़ दिया और उसने फिर से किसी और लड़की के साथ शादी कर ली।
तब नियति ने फिर से आरव और काव्या को मिलवाया , काव्या पूरी तरह टूट चुकी थी बिखर चुकी थी जहा काव्या को अब प्यार से नफरत होने लगी थी।
ऐसे जब उसके माता पिता ने उसके लिए एक अच्छा लड़का ढूंढा था और वो लड़का कोई और नहीं आरव था।
आरव और काव्या के परिवार वाले ये ही चाहते थे की दोनो शादी कर ले।
घर वालो की खुशी के लिए काव्या ने आरव के साथ शादी करने के लिए हां कहे दिया।
दोनो की सगाई हो गई और काव्या के चेहरे पे आरव ,वो खुशी को वापस लाना चाहता था इसलिए काव्या को हमेशा ढेर सारी खुशियां देने की प्रयत्न कर रहा था।
काव्या को बचपन से ही एक्टिंग में रुचि थी वो ऐसा अभिनय करती थी जितने भी दर्शक थे वो तालिया बजाने में कमी नहीं छोड़ते थे।
पूरा ऑडिटोरियम गूंज उठता था काव्या की अभिनय से।
लेकिन जब से वो प्रेम से मिली थी उसने छोड़ दिया था अपने सपने को क्यों की प्रेम को एक्टिंग से ही नफरत थी उससे उसकी खुशी के लिए अपनी खुशी का त्याग कर दिया था।
लेकिन वो ही खुशी काव्या को दोबारा देना चाहता था एक दिन कॉलेज में प्ले था उसमे रोमियो और जूलियट का रोल था।
रोमियो का रोल आरव को मिला और जहा जूलिएट का रोल काव्या को मिला था।
जब आरव ने काव्या को बात बताई तुम्हे और मुझे रोमियो जूलियट का रोल मिला है प्लीज तुम ये ओप्पोर्तुनिटी को स्वीकारो , अपने आप को एक मौका दो ,तुम में है सब कुछ बात तुम आसानी से आगे बढ़ सकती हो और अपने सपने को पूरा कर सकती हो।
प्लीज हा बोल दो , पहले तो काव्या नहीं मानी लेकिन बाद में मान गई काव्या, उसने ने खुद को एक मौका दिया।
ऐसे काव्या और आरव एक दूसरे के करीब आते गए रोमियो जूलियट का रोल करते उससे कब आरव से प्यार हो गया उससे पता ही नहीं चला।
आरव और काव्या का प्ले जबर्दस्त हिट हुआ ऐसे उससे एक एक्टर के तौर पर ओप्पोर्तुनिटी मिली और धीरे धीरे काव्या एक बड़ी अभिनेत्री बन गयी।
उसके बाद दोनो की शादी हो गई ऐसे दोनो एक हो गए।
कहेते है ना जिसके नसीब में जिसके साथ लिखा होता है उसके साथ ही उसकी शादी होती है ऐसे दोनो की प्रेम कहानी खत्म होती है।
मेने चैप्टर 16 एक कठोर निर्णय से आरव के पात्र को चुना है , और चैप्टर १७ हम एक और एक ग्यारह हो गए में काव्या के पात्र को चुना है और आखरी चैप्टर २० में से प्रेम की चांदनी में प्रेम के पात्र को चुना है और प्लॉट चैप्टर 12 छुपे रुस्तम से लिया है।

