एक प्रेत आत्मा की कहानी
एक प्रेत आत्मा की कहानी
ये कहानी सौर्य नाम का लड़का की है। सौर्य ९ कक्षा में था, तब उसके साथ ऐसा भयंकर हादसा हुआ था।
कहते है की आत्मा, नहीं होती।
लेकिन सौर्य ने ये हादसा अपने आँखों से देखा था।
वो जब बहार घूमने गया था, वो ऐसी जगह में वो रुका था,वो बहुत भयानक जगह थी।
उस जगह में जब वो ५ दिन था तब उसके साथ उसका भाई कृष था, आधी रात थी तब ऐसा हुआ की उस जगह पे लाइट चली गयी थी, अँधेरा ही अँधेरा था।
उसके कमरे के पास एक आवाज आती है, वो वहा जाता है, और वहा देखता है, की कोई बैठा हुआ है उस कुर्सी में
कोई नहीं बैठा था।
वो वहाँ से भाग के वो नीचे गया वो नीचे भी वो, साया उसे दिखाई दिया।
उस आत्मा ने उसे कुछ भी हानि पहुँचाने की कोशिश नहीं की।
वो अगले दिन दूसरी जगह चला गया उसके भाई के साथ।
फिर वो सोने गया अपने कमरे में तब उसके साथ ऐसा हादसा हुआ की वो, काँपने लगा।
वो आत्मा उससे वहाँ भी नजर आ रही थी।
वो डर गया।
अब उसने अपने भाई को बात बताई भाई को मजाक लगी, शुरुआत में, फिर दूसरे दिन उसके भाई के साथ भी ये ही हादसा हुआ, उस रात को वो आत्मा उससे भी नजर आ रही थी।
फिर वो दोनों एक तांत्रिक बाबा के पास गए और बाबा ने उस आत्मा के बारे में जानने की कोशिश की।
उस आत्मा की मौत उस घर में हुई थी, वहाँ किसी ने जान से उससे मार दिया था.
उसकी किसी से दुश्मनी भी नहीं थी। उसकी एक बेटी थी उसकी चिंता थी वो बेटी ५ साल की थी।
उसकी ये ही चिंता थी की उसकी बच्ची को एक परिवार मिल जाए।
फिर दोनों भाई ने पहले उसके कातिल को पकड़ाया
दोनों भाई ने अंतिम संस्कार करवा दिया उस आत्मा अब मुक्त हो गयी थी उसकी ख्वाहिशें पूरी हो गयी थी।
फिर उस लड़की कहा है, उससे ढूंढा और उसको उसकी बहन बना लिया और वो घर ले के गए।
माता पिता भी ख़ुश हो गए थे उस लड़की को देख कर, उसने बचपन में अपनी बेटी खोयी थी।
दोबारा मिलने की ख़ुशी में माता पिता के आँखों में आंसू आए ख़ुशी के।
फिर ये कहानी यहाँ ही खत्म होती है, उस लड़की को भाई माता पिता का प्यार मिला, इससे अच्छी बात क्या थी उसके लिए।
