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DISHA SHAH

Others

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DISHA SHAH

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मां दुर्गा के नो रूप

मां दुर्गा के नो रूप

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पहेला दिन सफेद रंग ।

अनिका सामान्य मध्यम वर्ग परिवार से नाता रखती थी ।

अनिका के पिता रिक्शा चलाते थे ,अनिका अपने परिवार में एकलौती वारिश थी ।

अनिका का स्वभाव एक दम शांत था , वो ना तो किसी के साथ 

झगड़ती थी और ना ही वो किसी के साथ बात करती थी उससे बस अपने काम से मतलब था ।

 वो दिल की बोहोत ही साफ थी कभी भी किसी का सपने में भी बुरा नहीं सोचती थी ।

आज के कलयुग में कोई किसी का भी अच्छा नहीं सोचता ऐसे कलयुग में भी अनिका सब का अच्छा सोचती थी ।

इनफैक्ट जो इंसान उसका बुरा सोचता उसका भी वो अच्छा सोचती थी इतनी अच्छाई से वो लोगो का आसानी से दिल जीत लेती थी ।

हर उम्र के लोग उसके पास ,अपनी समस्या ले के आ जाते थे , वो बेजिजक उस समस्या का हल निकालती थी ।

इन्ही अच्छाई के वजह से वो जिंदगी में एक मुकाम तक पोहोच गई वो एक कामयाब जर्नलिस्ट बन गई ।

इसीलिए जिंदगी में हमेशा आप का मन पवित्र होना चाहिए क्यों की इसी से आप लोगो के दिलो में एक अपनी जगह बना सकते हो ।

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 दूसरा दिन लाल रंग 

भाविनी के अंदर बचपन से ही एक जुनून था और वो जुनून था कुछ करने का जुनून , कुछ पाने का जुनून , भाविनी जब बढ़ी हुई उसने कहा मुझे एक कामयाब बिजनेस वूमेन बनना है 

घर वाले ने काफी समझाया की बेटा ये मत करो , लेकिन भाविनी ने कभी भी किसी की भी नहीं सुनी वो लगातार मेहनत करती रही ।

उसने कुछ समय के लिए जॉब की लेकिन जॉब छोड़ दी , वो फिर से अपने बिजनेस के लिए मेहनत करने लगी ।

एक दिन फाइनली उसने  चाय बेचने का बिजनेस शुरू कर दिया , घर वाले , बाहर वाले सभी उसको बोलते थे ये क्या कर रही हो इससे अच्छा तो तुम जॉब करती थी वो ठीक था भाविनी ने किसी की भी बात नहीं सुनी वो लगातार काम करती रही ।

एक दिन वो हमेशा के तरह काम कर ही रही थी तब एक  यूटूबरने उसका वीडियो बनाया और वो वायरल हो गयी , ऐसे में धीरे धीरे वो आगे बढ़ती रही ।

उसका नाम बढ़ा , वो धीरे धीरे उच्चाई तक पोहोच गई उसको पता हो नहीं चला आज उसका बिजनेस एक अंपायर बन गया , ओर वो एक कामयाब बिजनेस वूमेन बनी और उससे अवार्ड भी मिला  बिजनेस ऑफ़ द ईयर का , उसके माता पिता को उसपे गर्व था ।

इसीलिए आप को जिंदगी में कुछ भी बढ़ा करना हो उसमे जुनून का होना बोहोत ही जरूरी है क्यों की जुनून के बदौलत से ही आप अपनी जिंदगी में इतिहास रच सकते हो ।

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 तीसरा दिन रॉयल ब्लू ।

गोरी बचपन से ही ऊर्जावान थी , बचपन से ही उसको खाना बनाना सब कुछ आता था।

गोरी बचपन से ही मम्मी की मदद करती थी , वो बढ़ी हुई , उसने ग्रेजुएशन किया बैचलर ऑफ कॉमर्स में , उसने आगे की पढ़ाई की ।

घर का बाहर का वो सब कुछ मेंटेन करती थी , आज के समय की लड़की एक ही काम में थक जाती है जहा गोरी घर का बहार का और अपने सपने को भी ध्यान देती थी , गोरी को पता चल गया था की उससे आगे क्या करना है ।

उसको एक चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना था उसने आईपीसीसी क्लियर कर लिया था अब लास्ट ईयर ही बाकी था ,गोरी 

का क्लियर नहीं हुआ जिससे वो फिर से तैयारी करनी लगी ताजुब की बात है दूसरी बार में भी नहीं हुआ , तीसरी बार में भी नहीं हुआ , ऐसे कर के आखरी बार सातवी वार में वो क्लियर कर ही गई ।

अगर उसकी जगह कोई और होता छोड़ देता लेकिन गोरी ने लगातार मेहनत की कहा कमी रहे गई उसको देखा और मेहनत करती रही , जिससे आज वो कामयाब चार्टर्ड अकाउंटेंट बन ही गई आज उसकी परिस्थिति काफी मजबूत हो चुकी है ।

वो घर का बाहर का और अपने सपने को भी ध्यान देती थी ,इतनी ऊर्जा थी गोरी के अंदर जिससे वो सब कुछ आसानी से कर लेती थी ।

इसीलिए आप को जिंदगी में जो भी करना हो उसमे  आप के अंदर  ऊर्जा होनी चाहिए क्यों की ऊर्जा के बिना आप अपनी जिंदगी में कुछ भी नहीं कर सकते हो और ये सच्चाई है ।

 

 चौथा दिन रंग पीला ।

आज के समय में जहा लोग चिंता में ध्वस्त होते है जहा धृति को सिर्फ और सिर्फ खुद से ही मतलब था यु कहे तो धृति पूरी दुनिआ से अलग रहेती थी वो सब से ज्यादा खुद के साथ समय बिताती थी ।

वो अपनी जिंदगी खुल के जीती थी यु कहे तो वो किसी भी तरह का तनाव नहीं लेती थी बिंदास से अपनी जिंदगी जीती थी , अपने दुनिया में धृति मस्त रहेती थी और उससे जो करना है वो ही करती थी , वो किसी की भी नहीं सुनती थी वो सिर्फ अपने दिल की सुनती थी उसको एक कामयाब कोरियोग्राफर 

बनना था उसके लिए वो लगातार मेहनत करती थी , वो छोटे छोटे पल को खुल के जीती थी , हर लम्हे में जीती थी , हर पल 

का आनंद लेती थी , खुल के अपनी जिंदगी जीती थी बिना किसी तनाव से जीती थी ।

 धृति को देख कर सब कोई आश्चर्य हो जाते थे की इतना सुखी कोन रहे सकता है ?

कोई चिंता नहीं कोई , तनाव नहीं , कोई लक्ष्य नहीं ?

लोग उसको कुछ भी बोले उसको कुछ फर्क ही नहीं पड़ता था  वो खुल के अपनी जिंदगी को जीती थी , हर लम्हे में जीती थी , 

जिससे धृति के परिवार वाले का भी धृति से परिवर्तन हुआ वो भी अपनी जिंदगी खुल के जीने लगे ।

एक दिन धृति एक कामयाब कोरियोग्राफर बन गई जिससे पूरे देश को धृति पे गर्व था आज भी लोग धृति को पूछते है की आप कैसे अपनी जिंदगी को खुल के जीती हो ?

धृति जवाब देती है , में तो बचपन से ही जीती हु खुल के , हर लम्हे में जीती हु , में मेडिटेशन करती हु , खुल के जिंदगी जीती हु सुबह जल्दी उठती हु और अब कोई वजह नहीं है ।

इसीलिए जिंदगी हमेशा खुल के जिनी चाहिए क्यों की कल क्या हो वो किसी को भी नहीं पता ।

हर पल का लुफ्त लेना चाहिए , छोटी छोटी खुशियों को महत्व देना चाहिए क्यों की इसी से आप अपनी जिंदगी में सुखी होते हो ।

 पांचवा रंग हरा ।

ईशा थोड़ी स्ट्रिक्ट थी अपनी जिंदगी में , वो ज़िद्दी थी , जो भी ठानती थी वो ,कर के ही रहेती थी ।

ईशा का स्वभाव मजाकिया का भी था, थोड़ी गुस्से वाली थी , वो दिल की साफ थी ।

कभी भी किसी का भी सपने में भी बुरा नहीं सोचने वाली थी ,ईशा इतनी स्ट्रिक्ट थी जिससे कोई भी लड़का उसके साथ दोस्ती करना ही नहीं चाहता था।ईशा को आज तक कोई नहीं समझ पाया , ईशा को देखने से ही कोई इंसान आश्चर्य चकित हो जाता था ,वो सोचने लग जाता था की ईशा ऐसी भी है । ईशा  एक कामयाब डॉक्टर बनना चाहती थी , जिससे वो जरूरत मंद लोगो की मदद कर सके , ईशा ने आगे की पढ़ाई की ओर वो डॉक्टर बनी भी ।वो जरूरत मंद लोगो का इलाज फ्री में कराती थी , अब तक उसने ५०० लोगो तक का इलाज करवा दिया था ।

ईशा का स्वभाव कैसा भी क्यों ना हो लेकिन वो दिल की साफ थी ।

ईशा ने अपनी खूबी को पहेचाना ओर वो अपनी जिंदगी में आगे बढ़ी ।

इसीलिए हर इंसान के अंदर कोई ना कोई गुण होता ही है जिससे वो अपनी जिंदगी में आगे बढ़े और गुण ना हो ऐसा कभी हो ही नहीं सकता बस आप को अपनी खूबी को 

पहेचानना होता है और उसके ऊपर काम करना होता है ।

  छठा रंग ग्रे ।

तन्वी को अच्छे में अच्छे संस्कार मिले थे जिससे उसके अंदर घमंड , अभिमान और अहंकार में से कोई भी गुण उसके अंदर नहीं थे ।

तनवी एक दम सिंपल तरीका से अपनी जिंदगी को जीती थी उसका पहेनावा भी सीमपल था ज्यादा मॉडल नहीं था ।

वो हमेशा अच्छाई को महत्वतता देती थी , एक दिन तन्वी को रोहन से प्यार हो गया ।

 रोहन करोड़पति बाप का बिगडेल औलाद था , हमेशा वो लड़कीओ के साथ फ्लर्ट करता था उसमे ही अपना समय बर्बाद करता था ।

तन्वी को पता था रोहन की सच्चाई के बारे में फिर भी तनवी ने रोहन को प्रपोज्ड किया ।

रोहन ने तनवी का प्रपोजल ठुकरा दिया उसका अपमान किया ,और कहा देखो तुम्हारी शक्ल आयने में , तनवी ने कुछ नहीं कहा वो वहा से चली गई ।

तनवी ने सोचा अब तो बदला लेना बनता है , उसने अपना मेकओवर करवाया उसको देख कर कोई भी नहीं कहे सकता था वो तनवी है ।

तनवी ने अपना पिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म में डाला और रोहन को दूसरे आईडी से मैसेज किया , ऐसे में रोहन ने रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर दिया , रोहन ने तनवी को नहीं पहेचाना धीरे धीरे दोनो की बाते होने लगी , अब रोहन ने तनवी को कहा प्लीज मुझसे मिल लो एक बार तनवी ने कहा ठीक है ।

अब तनवी रोहन से मिलने के लिए गई , तनवी को देख कर रोहन अब भी नहीं  पहेचाना ।

तनवी ने कहे दिया सारा सच , रोहन ने तनवी को कहा 

प्लीज मुझे माफ कर दो ,में तुम से बोहोत प्यार करता हु में नहीं रहे सकूंगा तुम्हारे बिना ।

तनवी ने ठुकरा दिया प्रपोजल वहा से चली गई , रोहन 

को अपनी गलती का एहसास हो गया , अब वो किसी के भी साथ मिलता नहीं था ।

रोहन ने सोचा चाहे कुछ भी हो जाए में अपने प्यार को नहीं जाने दूंगा ।

में उसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हु , तनवी जहा जाती थी वहा रोहन उसके पीछे आ जाता था , तनवी को कहेता प्लीज माफ कर दो आईन्दा नहीं करूंगा ऐसा ।

रोहन के अंदर जितनी भी बुराई थी वो सब खत्म हो गई अब वो ,तनवी का दिलजितना चाहता था जिससे वो अच्छा इंसान बनना चाहता था उसने अपनी तरफ से बोहोत कोशिश की ,

वो दिन रात अपने सपने के लिए मेहनत करता गया और वो कामयाब बिजनेस मैन बन ही गया उसके पापा को उसपे कोई भी भरोसा नहीं था की वो कुछ करेगा अपनी जिंदगी में ।

रोहन के पापा तनवी से मिलने आए उसको समझाया बेटा समझो   रोहन सुधर गया है सच में वो तुम से बेहद प्यार करता है ।

आखिर तनवी ने भी रोहन को स्वीकार लिया अंत में जीत अच्छाई की ही हुई ।

इसलिए बुराई चाहे कितनी भी बुरी क्यों ना हो , अंत में जीत अच्छाई की ही होती है ।

जिंदगी मे बुराई को त्याग देना चाहिए और अच्छाई को अपनाना चाहिए क्यों की बुराई का अंत में नाश हो होता है , अच्छाई का ज़िंदगी में आरंभ होता है , अच्छाई का अंत कभी भी भी नहीं होता है ।

आज जमाना चाहे कैसा भी क्यों ना हो आप को हमेशा लोगो का अच्छा ही सोचना चाहिए क्यों कि कर्म का चक्र घूम फिर के हमारे पास ही आता है ।

सातवा रंग नारंगी 

नित्या के अंदर हमेशा से कुछ करने की आग थी , उसको कुछ तो करना था अपनी जिंदगी में वो भी लोगो से अलग करना था ।

कहेते है ना जहा चाह होती है वहा राह मिल ही जाती है 

नित्या किसी की भी बात नहीं सुनती थी , उसको तकलीफे होती थी लेकिन वो फिर से अपने लक्ष्य के लिए मेहनत करती रहेती थी ।

नित्या के पास इतने पैसे नहीं थे की वो आर्टिस्ट बनने के लिए एक अच्छे कॉलेज में जाए ।

नित्या के अंदर आगे बढ़ने की आग थी , जिससे वो जिंदगी में कुछ करे कुछ बने , उसको कही लोग बोलते थे जॉब करो , 

लेकिन नित्या ने किसी की भी नहीं सुनी वो हमेशा अपनी पेंटिंग में लगातार मेहनत करती रही ।

सोशल मीडिया , यूट्यूब हर जगह वो अपनी पेंटिंग के वीडियो डालने लगी , बोहोत सारी असफलताएं आई उसके जिंदगी में लेकिन जब कुछ करने की आग हो , तब कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में आगे बढ़ ही जाता है ।

ऐसे में नित्या को एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला जिससे उसकी जिंदगी ही पलट गई अब जो लोग उन्हें ताना देते थे वहीं लोग उसको साबाशी देते है , 

उसने अब पीछे मुड़ा ही नहीं लगातार आगे बढ़ते ही गई रही इंफैक्ट उस क्षेत्र में उसका नाम बोहोत ही फेमस हो गया है इंसान नित्या का fan बन चुका था ।

इसीलिए कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में आसानी से आगे बढ़ सकता है उसको अपने अंदर की आग को जगाना होता है , लगातार मेहनत करना होता है उसी से कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकता है ।

नित्या के पास इतने पैसे नहीं थे की वो आर्टिस्ट बनने के लिए एक अच्छे कॉलेज में जाए ।

उसकी क्या गलती वो क्यों छोड़े अपने सपने को ।

नित्या के अंदर आगे बढ़ने की आग थी , जिससे वो जिंदगी में कुछ करे कुछ बने , उसको कही लोग बोलते थे जॉब करो , लेकिन नित्या ने किसी की भी नहीं सुनी वो हमेशा अपनी पेंटिंग के लगातार मेहनत करती रही ।

सोशल मीडिया , यूट्यूब हर जगह वो अपनी पेंटिंग के वीडियो डालने लगी , बोहोत सारी असफलताएं आई उसके जिंदगी में लेकिन जब कुछ करने की आग हो , तब कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में आगे बढ़ ही जाता है ।

ऐसे में नित्या को एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला जिससे उसकी जिंदगी ही पलट गई अब जो लोग उन्हें ताना देते थे वहीं लोग उसको साबाशी देते है , 

उसने अब पीछे मुड़ा ही नहीं लगातार आगे बढ़ते हो रही इंफैक्ट उस क्षेत्र में उसका नाम बोहोत ही फेमस हो गया है इंसान नित्या का fan बन चुका था ।

इसीलिए कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में आसानी से आगे बढ़ सकता है ।

 जब आके अंदर कुछ करने की आग हो , तब आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ ही जाते हो ।

आठवां रंग हरा 

रीमा बचपन से  दुर्गा मां की भक्ति थी , वो हमेशा लोगो का अच्छा करती थी ।

वो हमेशा बिना स्वार्थ से जरूरत मंद की मदद करती थी , वो हर किसी के साथ अच्छा बर्ताव करती थी ।

उसको पता था कि ये कलयुग है इसमें कोई भी किसी का अच्छा नहीं सोचता है ना अच्छा करता है फिर भी रीमा हमेशा हर किसी के साथ अच्छा करती थी जिससे वो अपनी जिंदगी में 

सुखी थी ।

फिर भी रीमा के साथ कही बार ऐसा होता था की उनके अपने ही उसका गलत सोचते थे , उसका बुरा हो , वो जिंदगी में ना आगे बढ़े ऐसा करते थे लेकिन फिर भी रीमा आगे बढ़ती रही उसको एक फोजी बनना था देश के लिए काम करना था और वो आर्मी में जाना चाहती थी , वो लगातार कोशिशे करती रही एक दिन उसका आर्मी में सिलेक्शन हो गया ।

वो बोहोत ही खुश थी वो देश के लिए काम करेगी ।

इसीलिए जिंदगी में आप जो भी कर्म करते हो वो घूम फिर के आप के पास ही आते है इसीलिए जब आप बिना स्वार्थ से लोगो का अच्छा करते हो , अच्छा सोचते हो तब देविक शक्ति आप का साथ देती है और आप के साथ होती है और अंत में जीत सिर्फ आप की ही होती है ।

नौ मा रंग गुलाबी ।

सौम्या का जन्म मिडिल क्लास परिवार से हुआ था ।

सौम्या को अच्छे संस्कार मिले थे और कभी भी किसी का बुरा करने में वो सपने में भी नहीं सोच सकती थी उसका दिल साफ था , पवित्र था ।

सौम्या बचपन से ही नारी शक्ति की मिशाल बनना चाहती थी , वो हमेशा यूट्यूब में वीडियो अपलोड करती थी , वो एक स्पीकर थी , खास तौर में वो हमेशा नारी के लिए ही बोलती थी ।

उसके घर में पता चला की वो वीडियो अपलोड करती है , तब उसके घर में सब उसके साथ खड़े हो गए उसका साथ दिया खास तौर में उसके माता पिता ने साथ दिया ।

धीरे धीरे सौम्या सेमिनार करने लगी और वो सारे सेमिनार वूमेन के थे , वो हर महिला को प्रोत्साहन करती थी , की कोई भी आगे बढ़ सकता है ।

सौम्या की पहेचान मोटिवेशनल स्पीकर में होने लगी वो धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी , वो हर इंसान को प्रोत्साहन करती थी , खास तौर पे वो हर नारी को आगे बढ़े इसके लिए वो दिन रात मेहनत करती थी ।

सौम्या हर नारी को गाइडेंस तो देती थी लेकिन उसका जो भी सपना था वो उसको सच होने के लिए मार्गदर्शक देती थी ।

ऐसे में सौम्या ने कही नारी के जिंदगी में उम्मीद की लो जगाई।

सौम्या हर जगह फेमस होती गई , उससे हर जगह सम्मान मिलता गया।

इसीलिए हर नारी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकती है ,वो आसानी से अपने सपने को सच कर सकती है ।

हर नारी को पहेचानना होगा ही आखिर उसका असली मकसद क्या है , है नारी को अपने अंदर की खूबी को पहेचन्ना बोहोत ही जरूरी होता है की वो जिंदगी में उसका असली लक्ष्य क्या है ?

हर नारी के अंदर शमताए होती है , है हर नारी अपनी जिंदगी में तहेलका मचा सकती है ।

नारी को बस अपनी शक्ति के बारे में पता चले बस तब नारी तहेलका मचा देगी ।

  



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