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DISHA SHAH

Abstract

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DISHA SHAH

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स्टोलेन इलेक्शन भाग २

स्टोलेन इलेक्शन भाग २

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कॉलेज का रीयूनियन। आयजकों ने बड़े उत्साह से रीयूनियन का आयोजन ठंडी के समय में किया था .वो लोग ने सभी क्लासमेटस को वेलकम करने की तैयारी बोहोत अच्छी तरह से की थी .जब क्लासमेटस दिल्ली से सीधा गुरुग्राम के रिसोर्ट में पोहोचते है जहा प्रोग्राम होने वाला होता है वहा .सभी क्लासमेटस का नाच गाने से स्वागत किया जाता हैं ।

सभी क्लास ९६ पोहोच गए होते है .सब हॉल में मिलते है एक दूसरे को प्यार से गले मिलते है ।एक दूसरे से बोहोत सालो से मुलाकात हुई होती है , सभी शैम्पियन लेते है एकदूसरे से बाते करते है ।वोही कॉलेज वाला स्वभाव चिलाना , मस्ती करना , गुंडे जैसी अड़ा ,ये सब बात २० साल पहले की थी ।आयजकों ने टैटू आर्टिस्ट और मैजिशियन का आयोजन किया था ।

आयोजकों की ये ही कोशिश थी की बच्चो के साथ और पत्नी के साथ क्लासमेटस अच्छे से समय बिता सके ।

वहाँ  अनुज महेता को देखा वो ही वैसा ही बातूनी स्वभाव , मजाकिया अंदाज और मोबाइल प्रेमी ,अनुज महेता वैसा का वैसा ही था कुछ भी बदलाव नहीं था ।सब क्लासमेटस को एक एक कर के कॉलेज का अनुभव बयां करना था ।कैंपस का वीडियो था जिसमें सभी क्लास्मेट्स थे ।२० साल बाद पुरानी यादें ताजा हुई ।ऐसे स्टोरी ऑफ़ इलेक्शन सीक्वल भाग २ हुआ ।

अगस्त १९९६ इलेक्शन का समय होता है (vnit)

वल्लभ नगर एक छोटा सा गाऊ है वहा वल्लभ नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी यानी vnit वो देश का सर्व श्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक था .इलेक्शन का दौर शुरू हुआ था नयी स्टूडेंट कमिटी के लिए vnit में पुरुष इंजीनियर कॉलेज स्टूडेंट में सारे अवसर मिलते है की वो महिला इंजीनियर कॉलेज को सारी बाते बताए ।चौथे साल के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स इलेक्शन के लिए भाग ले रहै रोहित गुप्ता उत्तरांचल से है ।रोहित में नेता की वो तमाम बाते थी उसको अंग्रेजी और हिंदी दोनों आता था , लेकिन अंग्रेजी में थोड़ा कमजोर था उसकी हाइट ५ फुट की थी ।बड़ा नाक था उसकी आवाज बोहोत शिकायती थी।मच्छर की तरह उसकी आवाज थी उसका निक नाम मच्छर था । जब वो पहले साल में था तब से लोग उसको मच्छर के नाम से जानते थे । मच्छर नाम में वो बोहोत प्रशिद्ध था अपने क्लास मैट्स में । स्टूडेंट कमिटी में इलेक्शन का दौर था जिसमें इतने पोस्ट मिलने वाले थे जनरल सेक्रेटरी , कल्चरल सेक्रेटरी ,और लिटरेरी और डिबेटिंग सेक्रेटरी की पोस्ट मिलने वाली थी।मच्छर अपनी पार्टी का लीड था उसको आटोमेटिक ही जनरल सेक्रेटरी के लिए चुना गया था ।कल्चरल सेक्रेटरी के लिए अनुज मेहता को चुना गया था अनुज मेहता की लम्बाई ५ फुट ८ थी ।अनुज महेता बोहोत मजाक करता था जिससे लोग उसकोकॉमेडी किंग के नाम से जानते थे ।हिंदी और अंग्रेजी दोनों अच्छी तरह से जानता था ।

विशाल कौशल की अंग्रेजी बोहोत ही अच्छी थी जिसके वजह से उसको लिटरेरी और डिबेटिंग सेक्रेटरी के लिए चुना था ।मच्छर पार्टी का मकसद अब बुलंद था मच्छर ने सब को कॉलेज कैंटीन में बुलाया सब ने क्लास बंक की थी ।कैंटीन पूरी तरह भरा हुआ था फिर भी जगह मिल गई तीनों को।कैंटीन में अनुज और विशाल बोले चलो अब क्या करना है पार्टी का मकसद क्या है ,क्या सोचा है तुम लोगो ने? 

 मच्छर ने बोला की पिछले साल से ये देखा जा रहा है की इलेक्शन के व्यक्त तो बोहोत बोलते है ये करूंगा वो करूंगा लेकिन इलेक्शन जितने से तुरंत भूल जाते है।

 इसलिए हम लोग ही इलेक्शन जीतेंगे और हम लोग बदलाव लाएंगे ।अनुज मेहता ने सुझाव किया की हम जो सोचेंगे वो हम कर के ही रहेंगे ।विशाल बोलता है नही यार ऐसा नहीं हो सकता है ।विशाल मच्छर से पूछता है तुम्हारा क्या सुझाव है ।मच्छर बोलता है चिंता मत करो विशाल हमारा मकसद अटल है हमने जो सोचा है वो हम कर के ही रहेंगे ।अनुज बोलता है मच्छर को तुम तो बोहोत सक्रात्मक सोच वाले इंसान हो क्या बात है अनुज ताली बजाके हस्ता है ।विशाल बोलता है ये बोहोत बड़ी जवाबदारी है इसमें एक दूसरे पर दोष नही करना होगा कोई बहाने नही चलेंगे और प्रिंसिपल भी हमारा प्रपोजल स्वीकारेंगे नही ।मच्छर बोलता है विशाल को नकारात्मक मत सोच मेने बोला ना हमारी पार्टी ही जीतेंगी, विशाल मच्छर की बात पे राजी नहीं होता है ।मच्छर बोलता है एक विचार है की यहां दादागिरी नहीं चलेगी ।

विशाल खुश हुआ और बोला पसंद आया तुम्हारा विचार यहां दादागिरी नहीं चलेगी ।हम ही इलेक्शन जीतेंगे कैंटीन से वापस अपने क्लास पे तीनो चले गए ।मच्छर का विचार लाजवाब था।विशाल मच्छर से बात करता है की तुम को पता है पियूष रॉय के गैंग के बारे में ।पियूष रॉय के साथ हमेशा गुंडे होते है और वो गुंडे शहर के है ।

"ऐसे में हम लोग लड़ेंगे कैसे ?"

मच्छर ,अनुज और विशाल क्लास में बैठते है और सोचते है की हम , लोग इलेक्शन कैंपेन करेंगे ।हमारी विरोधक पार्टी का सदस्य पियूष रॉय तीसरे साल का विद्यार्थी है ।

विशाल बोलता है इसमें सिर्फ झगड़ा ही होगा इसमें कुछ फायदा नहीं है ।विशाल बोलता है इसमें सिर्फ झगड़ा ही है इलेक्शन का माहोल झगड़ा में ही उलझ जाएगा .

मच्छर बोलता है अगर हम हार जाते है तो सफलता पियूष रॉय को ही मिलेगी ।अगर हम जित जाते है तो हमारी इज्जत और बढ़ेगी चौथे साल में ।पियूष रॉय कोलकाता से था पियूषरॉय के परिवार वाले वल्लभ नगर में रहते थे ।लेकिन पियूष रॉय हॉस्टल में नहीं रहेता था ।पियूष रॉय का स्वभाव थोड़ा गुस्सा वाला था उसका कारण उसकी बुरी संगत थी ।

उसको बोलने में कोई भी तमीज नहीं थी कोई भी उससे उलझना नहीं चाहता था इसलिए ज्यादातर विद्यार्थी उससे दूर रहते थे ।  वो हमेशा गुंडों के साथ ही समय बिताता था।

उसकी जो इमेज थी बोहोत खराब थी ऐसे में वो इलेक्शन कैसे जित पाएगा ।पियूष और उसके गुंडो से इलेक्शन बर्बाद हो जाएगा ।अनुज और मच्छर डिस्कस कर रहे थे हम कैसे कर पाएंगे ।अनुज जवाब देता है विशाल को की हम लोग ही जीतेंगे चिंतामत करो यार ।तब विशाल बोलता है अरे हम लोग मध्यम वर्ग से है , हमारी पढ़ाई का क्या होगा , हमारी जॉब का क्या होगा ।"अगर हम झगड़ा में उलझते है तो उससे हमारा पूरा करियर ही खत्म हो जाएगा।"

हमलोग यहां क्यों आए क्यों की एक इंजीनियर बनने के लिए हम यहाँ आए है तो हमें पढ़ाई पर ही ध्यान देना चाहिए ।अनुज जवाब देता है की देखो चिंता करने की कोई भी बात नहीं है जॉब की प्लेसमेंट आसानी से मिल जाएगी ।अभी से भविष्य की इतना चिंता मत करो यार भविष्य अच्छा ही होगा ।मच्छर बोलता है "जिंदगी में हार कभी भी नही माननी चाहिए ।जिंदगी में कोई चुनौती आ रही है तो हमें उन चुनोतियो को स्वीकारना चाहिए ना की भागना चाहिए कायरो की तरह हम लड़ेंगे और जीतेंगे भी ।पियूष रॉय के साथ गुंडे है तो क्या हुआ हमारे साथ २०० लोग है और २०० लोग फौजी है लड़ेंगे और जीतेंगे ।"

विशाल फिर भी नकरात्मक सोचता है की जॉब का क्या होगा ,हमारी परीक्षा का क्या होगा ?अनुज बोहोत सक्रात्मक विचार का पक्का था अरे हम लोग ने ही तो रैगिंग के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था तुम भूल गए क्या ?हमने किसी के साथ भी रैगिंग नही होने दिया था ।अनुज बोलता है अरे तुम बोहोत नकरात्मक सोच रहे हो चिंता मत कर यार जो होगा अच्छा ही होगा । हम लोग बहादुर है हमने रैगिंग के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, तो ये इलेक्शन कुछ भी नही है ।फिर भी विशाल नही मानता है की हम लोग पियूष की पार्टी से हार जाएंगे कुछ नहीं होने वाला देखना पियूष की पार्टी ही जीतेगी ।हमें लड़ना नही चाहिए ।मच्छर बोलता है इतना भी नकरात्मक मत सोचो यार ।एक काम करते है हम क्लासमैट्स के रूम में जाएंगे और उनसे पूछेंगे फिर सोचेंगे ।

"हमने एक मीटिंग रखनी चाहिए क्या बोलते हो अनुज , और विशाल ।"

अनुज बोलता है "बोहोत अच्छा विचार है ।" 

तीनो अपने रूम में चले जाते है , वहा मच्छर और अनुज विशाल को बोलते है की "यार मत तनाव लो सब ठीक हो जाएगा यार ।"

मच्छर चौथे साल के सभी विद्यार्थी से बात करता है खड़े हो कर। दोस्तो हमने मच्छर पार्टी बनाई है ।हम इलेक्शन से लड़ेंगे और जीतेंगे भी ।पियूष रॉय की पार्टी को हमें हराना है किसी भी हाल में ।क्या आप लोगो ने पियूष और उसके गुंडा के बारे में सुना है ।हम लोग को एक ही चिंता है की कोई भी झगड़ा ना हो हमारा भविष्य खतरे में ना हो ।लेकिन हम कोई भी हालत में गुंडा गर्दी को नहीं होने देंगे ।हम शान है कॉलेज की तो ,हम जो भी करेंगे अपना सर्वश्रेष्ठ ही करेंगे ।हमने पहले साल में रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाई थी और जिससे हमने अपने आप को रैगिंग से बचाया था।हम सबकुछ कर सकते है हम क्या नहीं कर सकते है ।हमारी विरोधी पार्टी एक गुंडे को साथ देती है तो हम ये बिलकुल भी नहीं होने देंगे हम आवाज उठाएंगे हम इलेक्शन में जीतेंगे ।मुझे पूरा भरोशा है सभी क्लासमेट्स हमारा साथ देंगे ।ओर दूसरे बैच को भी हमें अपने टीम में लाना होगा क्यों की इससे हमारी जीत निश्चित पक्की होगी ।

विशाल फिर भी नकरात्मक सोचता है की पहले साल की बात कुछ और थी हमे परीक्षा में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करना है और जॉब का भी तनाव हएक क्लास मैट्स खड़ा होता है उसका नाम अजय होता है अजय बोलता है इसमें घभराने की कोई भी बात नहि है, हम मच्छर पार्टी के साथ है।

हमारी सेना जीतेगी ।हम पियूष रॉय के डर से बैठे नहीं रहेंगे ,हम खड़े होंगे आवाज उठाएंगे और इस जंग को हम जीतेंगे ।मच्छर बोलता है क्या आप लोग सब साथ देंगे हमारा ?सभी क्लास मैट्स चिला के बोलते है की हम तुम्हारे साथ है ।हम जीतेंगे । मच्छर पार्टी सोचते है की हम कैंपेन करेंगे ।

सभी लोग पहले साल के हॉस्टल की ओर प्रवेश करते है ।

मच्छर और अनुज जाते है विशाल को अपना आसाइनमेंट भेजना था तो वो नहीं आ सकता था वो बिल्डिंग समाज के सिस्टम को प्रभावित करती है ।हॉस्टल का नाम अनामिका भवन होता है ।पहले साल में १५० , विद्यार्थी होते है ।पहले साल के विद्यार्थी ऊपर से ही देखते है चौथे साल के विद्यार्थी को ।

मच्छर बोलता है कैसे हो आप सब ?सभी विद्यार्थी बोलते है सर सब बढ़िया है ।मच्छर ने पहले साल के विद्यार्थी को एक किताब से एक पिक्चर ड्रा करने को बोला ।आप के पास इतना समय है ,इतने समय में आप इस पिक्चर को ड्रा करो ।मच्छर बोलता है आलिया भट्ट की पिक्चर को ड्रा नहीं करना है ।सभी विद्यार्थी ने ड्राइंग बोहोत अच्छी की थी ।मच्छर बोलता है आप लोग को मच्छर पार्टी के बारे में कुछ पता है ।"मेरा नाम रोहित गुप्ता है और मेरे को सब मच्छर के नाम से जानते है ।आप लोगो की तकलीफों को हम समज पा रहे है यकीन रखो हम आप लोगो की तकलीफों का हल ले के ही आएंगे ।हम अच्छा करेंगे विश्वास रखे हम पे ।हमारा ये ही मकसद है की हम गुंडा गर्दी नही सहेंगे ।"

मच्छर की बाते चालू ही थी हमारा मकसद हॉस्टल में अच्छा खाना पोहोचाना, साफ सफाई में सुधार लाना है ,रैगिंग के खिलाफ जागरूक होना है और एक बड़ा कल्चरल फेस्ट करना है ।हम लोग लड़ेंगे ,कब तक सहेंगे।"सभी विद्यार्थी ने टाली बजाई सब अपने अपने क्लास में चले गए ।

चौथे साल वाले जोर जोर से चिला रहे थे मच्छर पार्टी की जय मच्छर ने सब को धन्यवाद कहा और अपने हॉस्टल की ओर जहा ही रहा होता है वहा पियूष रॉय की बाइक निकलती है बिना कुछ बोले मच्छर पार्टी चली जाती है ।मच्छर अजय को बोलता है की तुम लोगो ने देखा की पियूष रॉय को तों बोलना चाहिए था ना, क्यों नही बोले तुम अजय बोलता है सॉरी यार मेने चेक नही किया ।मच्छर बोलता है अरे ध्यान दो यार हम लोग गुंडे लोग को आने नहीं देंगे ।मच्छर बोलता है छोड़ोकल हमारा गर्ल कॉलेज में कैंपेन है क्या बोलेगा उधर अनुज पूछता है मच्छर जवाब देता है गर्ल हॉस्टल हमेशा आगे की सोचते है ।वोटिंग की आखरी रात थी अगले दिन सोमवार को वोटिंग की प्रकिया शुरू होने वाली थी ।

पहले साल के विद्यार्थी के हॉस्टल में पीयूष रॉय के गुंडे आते है ।

पियूष रॉय धमकी देता है की "मच्छर पार्टी को वोट दिया तो मुझसे बुरा  कोई नहीं होगा ,उस व्यक्त मच्छर भी हॉस्टल आता है, और देखता है पियूष रॉय को धमकी देते हुए ।

पियूष रॉय वहा से चला जाता है ।मच्छर बोलता है सीट यार ये क्या हो गया ।उसकी हिम्मत कैसे हुई पहले साल के विद्यार्थी को धमकी देने की ।डरिए नहीं आप हम सब आप लोग के साथ है ।ऐसे डर के आप वोट नहीं देंगे तो सामने वाले की जीत होंगी फिर आप को परेशान करेगा ।चिंता मत करिए हम सब लड़ेंगे हम आप के साथ रहेंगे पियूष रॉय की हिम्मत नही की वो आप का कुछ बिगड़ेगा ।"

मच्छर पार्टी के सभी लोग पहले साल की रखवाली करते है ।कुछ समय के बाद प्रकिया शुरू होने लगी ,सभी चौथे साल के विद्यार्थी ने मच्छर पार्टी को वोट दिया ।तीसरे साल के विद्यार्थी ने पियूष रॉय को वोट दिया अब बारी थी पहले साल के विद्यार्थी की , पहले साल के विद्यार्थी आए और उसने मच्छर पार्टी को वोट किया ।पियूष रॉय आता है और पहले साल के विद्यार्थियों को देख के बोलता है की बेवकूफ लोग तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहां आ के वोट देने की ।फिर मच्छर पार्टी आते है की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये सब करने की ।तब पियूष रॉय और मच्छर दोनो झगड़ने लगते है ।प्रिंसिपल आ जाते है और पीयूष और मच्छर दोनो से नाराज हो जाते है, ये ही हमारी कॉलेज की शान है ।दोनो को एक आखरी वोर्निंग देते है की अब कुछ हुआ तो इलेक्शन रद हो जाएगा ।  ऐसे ही इलेक्शन का दिन चला गया । मच्छर पार्टी आपस में बात कर रहे थे रिंकी , अनुपमा और सेजल तुम्हारे साथ है। मच्छर और रिंकी दोनो एक दूसरे से प्यार करते थे दोनो का प्यार सच्चा था ।अनुज अनुपमा से प्यार करता था ।अनुज बोहोत ही मजाकिया था लेकिन प्यार में ईमानदारी पक्की थी ।विशाल सेजल से प्यार करता था ।सेजल और विशाल की जोड़ी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं थी कॉलेज में प्रसिद्ध थी ।और अब रिजल्ट का दिन होता है मच्छर पार्टी बोहोत तनाव में थी उसको भरोशा था ही नही की वो इलेक्शन जीत पाएंगे ऐसी परिस्थिति में लेकिन मच्छर ने इलेक्शन को जीत लिया होता है ।मच्छर पार्टी बोहोत खुश थी की उसने इलेक्शन जीत लिया था 

लेकिन पियूष रॉय ने बदला लेने की कोशिश की पियूष रॉय ने चौथे साल के कमरे की तोड़ फाड़ की ।बोहोत नुकसान किया ।मच्छर देखता है अरे ये तुम क्या कर रहे हो ये मत करो प्रिंसिपल ने हम दोनो को वार्निंग दी थी तुम भूले नहीं क्या ?अब भी तुम लड़ने के मूड में हो ।पियूष रॉय बोलता है हा तुम्हारी जीत को में हार में बदल दूंगा ।मच्छर नहीं झगड़ा करता है ।अगले दिन मच्छर प्रिंसिपल से शिकायत करता है की पियूष रॉय ने हमारे हॉस्टल में तोड़ फाड़ की है ।तब प्रिंसिपल पियूष रॉय को बुलाते है और एक कड़क कदम उठाते है की अगले तीन महीनो के लिए सस्पेंड हो जाते है ।और दोबारा ऐसा किया तो इससे भी कठिन कदम उठाएंगे ।तीन महीना बाद कॉलेज का कल्चरल फेस्ट था ।सिंगिंग डांस ,एक्टिंग सभी विद्यार्थी ने पार्टिसिपेट किया था।थर्ड ईयर और चौथे ईयर दोनो के प्वाइंट ज्यादा थे ।अब थर्ड ईयर के बीच में आखरी टक्कर थी दोनों में से कोई एक जितने वाला था । आखरी कम्पटीशन जो था वो फुटबॉल कम्पटीशन था। मच्छर पार्टी और पीयूष रॉय के बीच में मैच था।इस मैच में अंत तक पियूष रॉय की पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन आखिर में मच्छर पार्टी की ही जीत जाती है ३-२ से ।तो मच्छर पार्टी की जीत होती है ।ऐसे ये कहानी पूरी होती है ।



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