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Diwa Shanker Saraswat

Tragedy Crime

3  

Diwa Shanker Saraswat

Tragedy Crime

प्लेटफार्म

प्लेटफार्म

2 mins
198

वह बचपन से अनाथ, किसी तरह पला बढा, रेलवे के एक छोटे स्टेशन के प्लेटफार्म पर कूढे के ढेर से अपने जीवन के रास्ते तलाशता रहा, जब किशोर हुआ तब कुछ कुसंगति के चपेट में आ गया। कुसंगति कहें या पापी पेट। एक दिन एक भद्र महिला का पर्स छीनते पकड़ा गया। लोगों से मार खा, पुलिस से भी पिटते कुटते, दो साल बाल सूधार गृह में बिताकर बाहर आया तब ज्यादा ही मजबूत बन गया। इस बार प्लेटफार्म पर देखते ही उसे रोंद दिया गया। पर वह मजबूत बन चुका था। दुनिया में जीने के तरीके सीख चुका था। फिर बचपन से प्लेटफार्म पर जीने का आदी एक बड़े शहर के बड़े से स्टेशन के प्लेटफार्म पर रह रहा था। हालांकि अब वह पहले से अधिक सचेत रहता था। इस बार कुछ गाकर अपना जीवन चलाने लगा। उसे पता ही नहीं था कि उसका कंठ कितना मधुर है। यदि मायानगरी में गाने लगे तो बड़े बड़े गायकों को मात दे दे।

उसे ज्ञात भी न था कि टैलेंट खोज के नाम पर आयोजन करने बाले बड़े संगीतकार तक उसकी खबर पहुंच गयी। उसे शो में बुलाया गया। पर वह शो में पहुंच ही नहीं पाया। एक सुबह उसकी लाश उस बड़े शहर के बड़े से स्टेशन के प्लेटफार्म पर मिली। एक अनाथ से किसे वैर हो सकता है। प्रश्न अनुत्तरित रह गया। एक अनाथ के लिये किसी बड़े गायक पर अंगुली उठाना व्यर्थ का सबाल लगा।


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