पिंजड़ा ( भाग 8 और 9 )
पिंजड़ा ( भाग 8 और 9 )
भाग 8 :- गौतम ऑफिस से मोहित को फोन करता है लिकिन मोहित उसका नंबर देखकर फोन काट देता है गौतम सोचता है कि मोहित ऐसा क्यों कर रहा है तभी वो अपने कैबिन की खिड़की से देखता है कि वही लड़का जो उस दिन उसे सिंग्नल पर दिखा था वो ऑफिस के बाहर घूम रहा है गौतम दौड़ता हुआ ऑफिस के बाहर निकलता है और उस लड़के के पास जाता है और उससे पूछता है कि क्या उसका नाम संस्कार है तो वो लड़का कहता है कि उसका नाम संस्कार नहीं है और उसे नहीं पता की संस्कार कौन है लेकिन वो गौतम को बताता है कि बेईमान लोग अक्सर गलत जगहों पर ही मिलते हैं,गौतम चौंक जाता है कि उसे कैसे पता चला कि क्लू में किसी बेईमान शख्स के बारे में लिखा हुआ है गौतम उससे कुछ भी पूछे उससे पहले ही वो लड़का जल्दी से एक ऑटो में बैठकर चला जाता है और गौतम उसे नहीं रोक पाता गौतम सोचता है कि ऐसी गलत जगह जहाँ बेईमान लोग होते हैं वो कौनसी जगह हो सकती है। मानसी घर वापस आकर टीवी पर न्यूज़ चैनल लगाती है तो उसमें बताया जाता है कि शहर से दूर एक छोटे से गाँव से लगातार दस दिन के अंदर चार बच्चियां गायब हो गयी हैं लेकिन अभी तक पुलिस उनका पता नहीं लगा सकी है तभी गौतम भी घर आ जाता है और मानसी से पूछता है कि क्या उसे मोहित का कोई फोन आया था लेकिन मानसी के पास कोई फोन नहीं आया होता तभी गौतम को मानसी से कपड़े देखकर लगता है कि या तो वो कहीं जा रही है या कहीं से आ रही है वो मानसी से पूछता है लेकिन मानसी डर के कारण गौतम को नहीं बताती के वो अकेले ही उस इंस्पेक्टर से मिलने गयी थी। मोहित सोचता है कि आखिर इस क्लू का क्या मतलब हो सकता है तभी उसके सामने से एक अर्थी निकलती है वो अर्थी को प्रणाम कर उस आत्मा की शाँति के लिए प्रार्थना करता है तभी उसके दिमाग में आता है कि सिर्फ शमशान ही एक ऐसी जगह है जहाँ जाने वाला लेटकर जाता है जब उसकी मौत हो जाती उसने तय किया कि वो रात को शमशान जाएगा क्योंकि दिन में वहां अंतिम संस्कार होते हैं रात होते ही मोहित शमशान पहुँचता है तो उसे शमशान में एक तांत्रिक बैठा हुआ मिलता है जिसने काले कपड़े पहने होते हैं वो समझ जाता है काले कपड़ों वाला राक्षस ज़रूर ये तांत्रिक होगा वो तांत्रिक के पास जाता है तो तांत्रिक उसे देखकर कहता है "आओ बच्चा एक दम सही जगह आए हो" मोहित उसे वो सारी पर्चियां दिखाता है जो उसे सभी जगहों से मिली होती हैं तो तांत्रिक कहता है कि अच्छा तो सोना निकालने के लिए तुम्हे भेजा है आओ मेरे साथ,वो मोहित को एक बड़े पत्थर के पास ले जाता है और मोहित की मदद से वो पत्थर हटाता है उस पत्थर के नीचे एक तहखाना होता है तांत्रिक मोहित को अंदर जाने को कहता है मोहित अंदर जाता है तो देखता है कि वहां कई बच्चों को बांधकर रखा होता है तभी वहां एक आदमी आता है वहीं आदमी जो मोहित से मंदिर में मिलता है जिसका नाम संस्कार होता है मोहित उससे पूछता है कि वो उन बच्चों को क्यों पकड़ता है और क्या करना चाहता है मोहित उससे कहता है की वो देखने में शरीफ़ लगता है तो ये सब क्यों कर रहा है वो आदमी मोहित को बताता है कि पैसा सब कुछ करवा देता है वो इन बच्चों को ड्रग्स की तस्करी के लिए इस्तेमाल करता है और लड़कियों को दूसरे लोगों को बेच देता है वो मोहित को कहता है कि मैंने तुम्हें फोन करके क्लू दिया था और मानसी अपना नाम इसलिए बताया ताकि तुम्हे मेरे बारे में पता चल सके वो मोहित को लालच देता है कि अगर वो उसके साथ मिल जाए तो आधा पैसा मोहित का हो जाएगा और मोहित संस्कार से हाथ मिला लेता है।
भाग 9 :- अब तक मोहित और बाकी लोगों को लगता था कि ये सिर्फ बच्चों को अगवाह करने वाला गिरोह है लेकिन अब पता चला कि ये गिरोह ड्रग्स की तस्करी भी करता है लेकिन मोहित को बस पैसों से मतलब था संस्कार मोहित को बताता है कि उसे एक बॉक्स लेकर इंस्पेक्टर राणा से मिलने जाना है वही इंस्पेक्टर जिसे मानसी ढूंढ रही है उस बॉक्स में कुछ पैसे हैं जो इंस्पेक्टर राणा को देने हैं और उनसे एक दूसरा बॉक्स लेना है जिसमें ड्रग्स है और राणा उसे एक बार में मिलेगा मोहित बार में जाने के लिए तैयार हो जाता है। गौतम को उसका एक दोस्त फोन पर बताता है कि आज उसका बर्थडे है और उसने पार्टी रखी है वो भी शहर के सबसे बड़े बार में गौतम मना कर देता है क्योंकि वो शराब नहीं पीता लेकिन उसके दोस्त के कहने पर वो इस शर्त पर मान जाता है कि वो वहाँ एक बूंद शराब नहीं पियेगा रात को गौतम पार्टी में जाता है और मोहित उसी बार में राणा से मिलने जाता है गौतम बार पहुँच जाता है लेकिन बर्थडे पार्टी में होने की वजह से वो बाकी लोगों पर ध्यान नहीं दे पाता मोहित उस बार में राणा से मिलता है राणा उसे कहता है कि आखिर पैसों ने उसकी ईमानदारी को भी खरीद ही लिया मोहित मुस्कुराने लगता है और उसे वो बॉक्स देता है और ड्रग्स का बॉक्स लेकर वहाँ से चला जाता है गौतम मोहित को नहीं देख पाता लेकिन राणा को देख लेता है उसे समझता है कि राणा यहाँ किसी केस के सिलसिले में आया होगा लेकिन जब राणा गौतम को देखता है तो उसे मोहित पर शक होता है की कहीं मोहित ही तो गौतम को लेकर नहीं आया और वो मोहित को रोककर पूछता है लेकिन मोहित कहता है कि गौतम बार में आ ही नहीं सकता लेकिन तभी राणा सोच लेता है की वो कोई रिस्क नहीं लेगा और गौतम पर हमला करवाने के लिए कुछ आदमियों को भेज देता है। रात के 2:30 बजे गौतम घर जाने के लिए निकलता है तभी वो देखता है कि उसके पीछे कुछ लोग आ रहे हैं जिनके हाथ में हथियार भी हैं वो समझ नहीं पाता की वो लोग उसके पीछे क्यों आ रहे हैं कुछ देर में वो लोग गौतम की बाइक पर हमला कर देते हैं गौतम बाइक तेज़ी से भगाता है सुनसान रास्ता होने के कारण वहाँ मदद के लिए कोई नहीं होता तभी एक आदमी डंडे से गौतम के सर पर मारता है हेलमेट की वजह से गौतम बच जाता है लेकिन बाइक से गिर जाता है वो लोग गौतम को मारने लगते हैं तभी उन्हें पुलिस की गाड़ी की आवाज़ आती है और वो लोग भाग जाते हैं उसके बाद एक गाड़ी आकर गौतम के पास रुकती है जिसमें वही अनजान लड़का बैठा होता है उसी ने पुलिस की गाड़ी की आवाज़ निकाली थी वो गौतम को अपनी कार में बैठाता है और अस्पताल ले जाने लगता है तभी गौतम उससे पूछता है कि वो आखिर है कौन और उसकी इतनी मदद क्यों कर रहा है वो लड़का कहता की "मैं कौन हूँ ये ज़रूरी नहीं तुम्हारा इलाज ज़रूरी है" फिर वो लड़का गौतम से पूछता है कि आजकल मोहित कहीं दिखता नहीं है वो कहाँ है आजकल ये बात सुनकर गौतम सोचता है कि इसे कैसे पता कि मोहित आजकल उससे बात नहीं करता।