फूल
फूल


आज सुबह चाय पीते समय ध्यान गया ईंट पत्थर पर उगे पौधों पर। जि
नमें सुन्दर फूल खिले हैं। कितनी पथरीली हो जीवन की डगर लेकिन। कभी ना कभी फूल खिलते हैं। उन फूलों को देख यहीं सन्देश मिला।
कभी हार नहीं माननी चाहिए कितनी भी परिस्थिति ख़राब हो। पर फूल जरूर खिलते हैं।और अच्छी तरह पनपते भी हैं। सबका मन मोहते हैं।
आगे बढ़ जाते। जीवन का सार भी यहीं हैं। आज सुबह खूबसूरत हो गई बहुत दिन बाद थोड़ा अच्छा लगा।