अपना परिचय जाेडे मै एक लेखिका, ब्लॉगर हूँ मुझे लिखने पढ़ने में बहुत रूचि हैं.... पेंटिंग करना और कुकिंग भी पसंद हैं... नई चीजें सीखने का जनून हैं
Share with friendsउसके स्टूडेंट जिंदगी यहीं तक रह गई थी पर खूबसूरत लम्हें जिंदगी के अक्सर याद आ जाते है।
Submitted on 18 Jan, 2021 at 14:16 PM
अपनी बेटी की चिंता ने उस माँ का अल्हड़पन ख़त्म कर दिया..
Submitted on 20 Nov, 2020 at 16:27 PM
मालनी ने कहा तुम बच्चों के पिता के रूप में घर में रह सकते हो... मेरे पति के रूप में नही
Submitted on 06 Sep, 2020 at 15:56 PM
रास्ते में जब अंधेरा घिरने लगे तो प्रकाश का पुंज खुद ही ढूढ़ना पड़ता है..।
Submitted on 27 Aug, 2020 at 12:51 PM
एक बच्ची को गोद ले सुनैना ने नई जिंदगी शुरू कर दी। पीछे ना देखने के लिए।।
Submitted on 15 Aug, 2020 at 06:13 AM
काश ! कभी चाय पीते हुए हम भी ठहाके लगा हँसते, पर सभ्रांत दुनिया में ये अशिष्टता है!
Submitted on 07 Aug, 2020 at 07:08 AM
हमारा देश पूर्णतया स्वतंत्र होगा जब हम इसकी कुरीतियों को दूर कर पाएंगे!
Submitted on 06 Aug, 2020 at 13:11 PM
एक अंत हीन प्रतीक्षा.... कब सामान्य जीवन वापस आएगा।
Submitted on 22 Jul, 2020 at 10:14 AM
अब विभा ख़याली सपनों की दुनिया से यथार्थ के धरातल पर आ गई थी
Submitted on 11 Jun, 2020 at 10:29 AM
सब कुछ रंगों में निहित हैं। जीवन एक इंद्रधनुष से सज्जित हैं। खुले आकाश में।
Submitted on 09 May, 2020 at 09:27 AM
बस हमें बराबरी के अधिकार का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए। एक खुला आसमां सबके लिए तैयार खड़ा
Submitted on 27 Apr, 2020 at 17:08 PM
मैं उनकी सोच पर नतमस्तक थी वे आवेश में नहीं ठन्डे दिमाग से संतुलन बना रही थी
Submitted on 17 Apr, 2020 at 10:17 AM
ये भ्रांति भी तोड़ी कि वो किचन का काम नहीं कर सकते
Submitted on 15 Apr, 2020 at 07:48 AM
. सब संघर्ष कर रहे... सफल तब होंगे जब इससे जीत जायेंगे।
Submitted on 05 Apr, 2020 at 08:57 AM
जिनको घर में काम नहीं है वो लोग बालकनी में दिन भर डटे रहते हैं।
Submitted on 04 Apr, 2020 at 16:16 PM
जो रिश्ते समय के अभाव में सूख रहे थे वो कुछ पल के छींटों से फिर जीवित होने लगे।
Submitted on 27 Mar, 2020 at 17:31 PM
मिल कर किए कार्य को सफलता ज़रूर मिलती हैदोस्तों मिल कर फ़ाइट करना है
Submitted on 26 Mar, 2020 at 17:09 PM
पीछे माँ भाभी और सासू माँ की मिली जुली हँसी सुनाई दी मैं शर्मा कर भाग गई।
Submitted on 03 Mar, 2020 at 16:04 PM