फेसबुकिया मोहबत
फेसबुकिया मोहबत
अभी कुछ दिनों से रोहन बहुत खुश नजर आ रहा था।बात बात में गुनगुनाने लगता उछल कूद और मस्ती करता रहता।बात बात पर फोन देखता रहता ।जब मैंने उससे पूछा क्या बात है जनाब तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन जब मैंने ज्यादा पूछा तो उसने बताया कि उसे प्यार हो रहा है।मैंने कहा ,प्यार हो रहा है ।ये तो बहुत अच्छी बात है ।लेकिन उसका नाम क्या है? तभी वो बोलता है निक्की तनेजा।तो मैंने कहा नाम तो वहुत अच्छा है ।पर तू इससे मिला कहाँ था?तो उसने कहा मैं अभी उससे मिला नहीं हूँ,सिर्फ फेसबुक पर हमारी बात हुई है ।और वो मुझे पहली ही बार मे पसंद आ गई है।तो मैंने कहा ठीक है देवदास पहले उस के बारे में जानकारी इक्कठी कर ले नहीं तो बाद में पता चले जिसे तू पारो समझ रहा है वो पारा हो।तो रोहन बोलता है यार तू कभी नहीं सुधरने वाला।बात बात में मेरी खिल्ली उड़ता रहता है।वो लड़की ही है।तो मैंने कहा भाई अच्छे से देख ले वरना बाद में सोचने का समय नहीं रहता ।वो लड़की है ठीक है कि नहीं ।वो तुझे धोखा तो नहीं देगी
तो वो बोलता है कि,वो मुझे धोखा क्यों देगी?तो मैंने भी सीधा उत्तर दिया यार क्या पता वो कौन है ।लड़की भी है या नहीं ।देश मे जितनी लड़की नहीं है उससे ज्यादा तो फेसबुक एकाउंट है लड़कियों के तो वो मेरी बात कटते हुये बोलता है कि मुझे इस बारे में ओर बात नहीं करनी चल बाजार में मस्ती करते है।और इस तरह हम दोनों बाजार में निकल जाते है।होटल में जाकर पार्टी करते है ।और देर रात घर पर आते है।तभी रोहन बोलता है यार कोई अच्छी सी शायरी ।मेरे नाम से लिख दे न।तो मैं कहता हूँ यार ये सब ...
तो रोहन बीच मे ही बोलता है रहन दे तुझसे नहीं होगा मेरा काम।साला दोस्त भी जाने कब की दुश्मनी निभा रहा है।तो मैं बोलता हूँ लिखता हूँ भाई कुछ मिनिट रुक जा।और मैं चार पंक्तियाँ उसे लिखकर दे देता हूँ।तो वो उन्हें लेकर उसके मैसेज बॉक्स में भेज देता है।और उसे देखता रहता है ,3 -4 घण्टे बाद मैं उससे बोलता हूँ सो जा रोहन 2 बज गये तो वो बोलता है तू सो जा में अभी बात करके सो जाता हूँ।हालांकि मुझे भी नींद नहीं आती 3 बजे से पहले तो मैं जागकर देखता रहता हूँ।मेम साहब का कोई जबाब नहीं आता,वो कुछ घण्टो पहले ऑनलाइन भी थी लेकिन रोहन के किये हुये मैसेज को नहीं देखती बेचारा कभी उसकी प्रोफाइल को देखता है कभी इनबॉक्स को इस तरह मुझे तो नींद आ जाती है लेकिन बाद में रोहन बताता है कि यार उसने वो शायरी 4 बजे पढ़ी औऱ मुझसे कहा बहुत अच्छा लिखते हो।यार तूने मेरा काम बना दिया।मैंने कहा यार तू सिर्फ इतनी बात के लिये रात भर जागता रहा ये सब ठीक नहीं है।तू उससे एक बार बात करके तो देख।वो बोलता है कोशिश करूँगा औऱ फ्रेस होकर नास्ते की टेबल पर बैठता ही है कि मैसेज की घंटी बोलती है।रोहन नास्ता छोड़कर फोन पकड़ लेता है।और मेम साहब की हाय का जबाब देने लगता है।वो 10 -12 मिनट बात करती है और गूडमोर्निंग बोलकर काम खत्म करती है।इधर नास्ता ठंडा हो जाता है।वो थोड़ा सा खाता है और हँसता हुआ कॉलेज निकल जाता है।इस तरह पूरी रात जागा रोहन न ठीक से नास्ता ही करता है और न खाना ही खाता है।आजकल उसका नास्ता और खाना निक्की की प्रोफाइल देख देख कर हो रहा होता है।तभी एक दिन मेरे fb पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है मैं देखता हूँ निक्की तनेजा की है।तो मैं एक्सेप्ट कर लेता हूँ तभी दूसरे दिन उसका मैसेज आता है।और क्या कर रहे हो?तो मैं बोलता हूँ कुछ नहीं । आप बताओ?तो उसका भी उत्तर ऐसा ही आता है ।तभी मैं उससे बोलता हूँ क्या तुम रोहन को जानती हो।तो वो बोलती है कौन रोहन?मैं रिप्लाय में लिखता हूँ रोहन ठाकरे तो वो बोलती है नहीं में नहीं जानती ।मुझे गुस्सा तो बहुत आता है लेकिन मैं रोहन के लिये चुप रहता हूँ।ये बात रोहन को भी बताता हूँ तो बो बोलता है कि यार वो मेरे बारे में तुझे कैसे बता सकती है?तो रोहन की बात मुझे कुछ ठीक लगती है।और फिर मैं उससे इस बारे में बात करना बंद कर दिया हूँ।लेकिन 1 महीने के बाद रोहन बहुत परेशान रहने लगता है।क्योंकि एक तरफा प्यार करके वो एक ओर भूखा प्यासा रहता ही है साथ ही अब उससे बात होना बंद हो गई है तो बिल्कुल पागल सा हो गया ।घंटों तक उसकी प्रोफाइल पिक्चर देखता रहता।अगर वो कुछ कमेंट भी करती तो उसके मतलब निकलता रहता।उसके स्टेटसो में वो खुद को देखता ।मैं रोहन को देखकर परेशान होने के अलावा और कुछ नहीं कर सकता था।वो मेरी बात तो मान नहीं रह था।और अब तो उसकी हालत ऐसी थी कि अगर कोई उसकी पिक पर कमेंट भी करता तो वो उससे लड़ जाता ।रोहन बिल्कुल बदल रहा था ,उसका जुनून और बढ़ रहा था।ये देखकर मैंने रोहन को बचाने के लिए सबसे बड़ी गलती की।वो ये थी कि मैंने उससे कहा कि तुम आज से मेरी लिखी शायरी पोस्ट करने लग।रोहन ने ऐसा ही किया 2 -4 दिन तो उसने ध्यान नहीं दिया लेकिन फिर वो रोहन से बात करने लगी ।रोहन भी रोजना मेरी लिखी शायरी भेजने लगा।मैं उसे इस लिए देता रहा क्योंकि अब वो पहले से ज्यादा खुश नजर आने लगा।उधर उसकी मोहबत आसमां छूने को आतुर होने लगी।उसने रोहन को बताया कि वो मेरठ से है और रोहन तो ग्वालियर से था ही।ये सब बात होने के बाद उन्होंने अपने नम्बर और कई छोटी बडी बातें शेयर करने लगे।धीरे धीरे दोनों ने प्यार का इजहार भी कर लिया।अब वो दोनों घण्टो एक दूसरे से बात करते रहते ।तभी एक दिन सुबह 4 बजे रोहन का फोन बजा औऱ निक्की का फोन आया।और उसने रोहन को मेरठ बुलाया।रोहन ने तत्काल मुझे जगाया।मुझे जगाना पड़ा क्योंकि वो अजीज मित्र था।बोलता है तू जल्दी से तैयार हो जा ।मेरठ चलते है ,मैंने बोला क्यूँ तो बोला रास्ते मे बताऊंगा ।तभी मेने कुछ पैसे लिये और हम गाड़ी निकाल के मेरठ के लिये चल दिये।तो उसने सारी बात बताई।लम्बा सफर तय करके हम पंडित रामचरण जी के यहाँ पहुँचे।जो मेरे एक मित्र के दूर के रिश्तेदार थे लेकिन उन्होंने फिर भी खूब आदर सत्कार किया और उन्होंने पूछा कि, इतने दिनों बाद तुम्हें यहाँ की याद कैसे आई?तो मैं ने कहा कुछ नहीं बस वैसे ही मेरठ घूमने चला आया तो उन्होंने कहाँ यहाँ ऐसा क्या है जिसने तुझे आकर्षित कर लिया राधे ।तो मैने कहा कि मेरा मित्र मेरठ को देखना चाहता है तभी पंडित जी ने कहा कहाँ लेटना है तो मैने कहा मैं पहले रहा वही कमरा ठीक रहेगा।और हम दोनों ऊपर चले गये।ऊपर जाते ही रोहन ने फोन लगाया और उसने फोन नहीं उठाया।तो मैने कहा कोई बात नहीं है कहीं व्यस्त होगी और हम दोनों ने फिर कुछ देर आराम किया औऱ आराम करके घूमने निकल गये।तभी शाम को उसका फोन आया और वो उससे मिलने निकल गया।इधर मेरी और पड़ित जो की बातें शुरू हो गई।और वो उससे मिलके कुछ घंटे बाद अपने कमरे पर आ गया ।दूसरे दिन रोहन सुबह ही निकल गया और उसके साथ वो पब वार गया और अपने दोस्ती के इस रिश्ते को जिस्म के रिश्ते में तब्दीली कर दिया।4 -5 दिन बाद जब हम चलने लगे तो देखा वही लड़की किसी दूसरे के साथ बैठकर मस्ती कर रही है तो रोहन ने गाड़ी रूकवा कर उससे पूछा कि ये कौन है तो वो बोली ये मेरा मंगेतर है।तभी उसने कहा की नीती ये कोन है तो वो बोली ये मेरे दूर का रिस्तेदार है।बात खत्म हुई।मैंने रोहन को पकड़ कर गाड़ी में बिठाया बिचारा रोहन रोता सिसकता रहा ।और लौटकर ग्वालियर आ गया ।उसने फोन लगाया तो पहले फोन उठाया ही नहीं लेकिन कई बार लगाया तो उठा लिया।रोहन ने कहाँ कि तुम ने मेरे साथ इतना गलत क्यों किया? तो बो बोलती है क्या गलत किया।और तू लड़कियों की तरह गलत गलत क्यो कर रहा है रही बात चार रातो की। उन्हें तो मैं कब का भूल गई।और शहरों में ऐसी छोटी छोटी बातें होती रहती है।अब एक काम करो मुझे छोड़ो और किसी दूसरी को पटाओ। ज्यादा मज़ा आयेगा उसमें मुझसे ,।ये सब सुन रोहन भोचक्का रह जाता है और कहने लगता है कि, जिदगी में सब कुछ करना मगर फेसबुक वाला प्यार कभी मत करना। ये कहके वो बिल्कुल खामोश हो जाता है और बिल्कुल गुम सुम रहने लगता है ।मैंने बहुत कोशिश की उसे बदलने की लेकिन फिर भी वो न किसी से ज्यादा बोलता और न ही कही आता जाता। इसके अलावा उसने एक नया ऐब और पाल लिया ।और वो शराब को दिन रात पीने लगा ।मैंने बहुत कोशिस की लेकिन कुछ असर नहीं हुआ और एक दिन अकस्मात रोहन की मौत हो जाती है।औऱ ये फेसबुक की मोहब्बत भी ख़त्म हो गई