वो खुद नहीं जानती थी कि कितनी ही बार वो पंकज का नाम लेती वो खुद नहीं जानती थी कि कितनी ही बार वो पंकज का नाम लेती
एक रोज़ मैंने पूछ ही लिया, "कल जो मैंने कविता भेजी थी वो कैसी लगी?" कहने लगा, "मुझे टाइम नहीं मिला।... एक रोज़ मैंने पूछ ही लिया, "कल जो मैंने कविता भेजी थी वो कैसी लगी?" कहने लगा, "...
यह थी बीडी राम की कहानी। यह थी बीडी राम की कहानी।
मुझे भी बेसब्री से इंतजार है मुझे भी बेसब्री से इंतजार है
कल का दिन और अच्छा बीते, ईश्वर का नाम लिया और सो गया। कल का दिन और अच्छा बीते, ईश्वर का नाम लिया और सो गया।
जो भी हो आज मैं उस दर्द के कारण शब्दों की दीपावली मना सकी हूँ। जो भी हो आज मैं उस दर्द के कारण शब्दों की दीपावली मना सकी हूँ।