फेसबुक वाला प्यार
फेसबुक वाला प्यार
" यार ,मेरे सोशल अकाउंट पर सुजैन नाम की विदेशी लड़की का फ्रेंड रिक्वेस्ट आया है।
क्या करूं??? एक्सेप्ट कर लूं?"
"अरे कर न ,इतना भी क्या सोचना ,फ्रैंड लिस्ट लंबी होगी! और एक विदेशी बाला भी जुड़ जाएगी ।"दोनों खूब हंसते हैं।
संजय और विप्लव दोनों एक आई.टी कंपनी में काम करते थे।अच्छी तनख्वाह ,बहुत सारी सुविधाएं।शादी की उम्र हो चुकी थी ,दोनों ने अभी विवाह का नहीं सोचा था।घर से शादी के लिए काफी दबाव था,लेकिन वो दोनो किसी बंधन में बंधना नहीं चाहते थे।
आज सुजैन नाम की युवती का अमेरिका से फ्रैंड रिक्वेस्ट ,संजय के सोशल अकाउंट पर आया तो संजय ने अपने दोस्त विप्लव से ये बातें साझा की,और विप्लव के हां कहते उसने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली।
अब सुजैन और संजय दोनों दोस्त हो गए।ऑफिस जाने से पहले और ऑफिस से आने के बाद संजय सुजैन के साथ चैटिंग किया करता था।विप्लव को संजय अब ज्यादा समय नहीं दे पा रहा था, इसपर दोनों की नोंक झोंक भी हुई।
विप्लव चिढ़ाने लगा ,"तू अमेरिका अपना स्थानांतरण करवा ले।"
"अरे नहीं यार,ऐसा नहीं है ,उससे बातें करना अच्छा लगता है,घंटों बीत जाते है रात की नींद भी नहीं हो पा रही ।"
विप्लव ने कहा _"दिख रहा तुम्हारे काम पर इसका असर।"तू धीरे धीरे बातें करना कम कर।" संजय ने कहा "देखता हूं ,ऐसा कर के।"
लेकिन संजय ,सुजैन के जादू से बच नहीं पा रहा था,उसे उसके साथ समय बिताना , बातें करना अच्छा लगता। शायद संजय ने उसके साथ पूरी जिंदगी बिताने का भी इरादा कर लिया था।
इस तरह उनकी दोस्ती के एक महीने हो गए।
सुजैन का फोन आया ,_ जेडसंजय,आज हमारी दोस्ती को एक महीने हो गए है ,और मैंने हमारी दोस्ती को यादगार बनाने के लिए एक उपहार भेजा है ।"
(सुजैन ने अपना परिचय जब दिया था ,संजय को तो उसने कहा था_ संजय मै,एक बहुत बड़े परफ्यूम कंपनी में काम करती हूं। )
संजय ने अनुमान लगाया _"कहीं तुम मेरे लिए परफ्यूम तो नहीं भेज रही ?"
"सही अनुमान लगाया तुमने , ओ संजय तुम बहुत इंटेलिजेंट हो,तुम्हारे जैसा दोस्त बहुत नसीबो से मिलता है।"
"ओ सुजैन _तुम बहुत अच्छी हो।तुम कब आओगी भारत , मैं अपने परिवार से तुम्हे मिलाना चाहता हूं।"
"संजय,, मैं भी सबसे मिलना चाहती हूं, तुम्हें सामने से मिलना चाहती हूं,तुम्हारे घुंघराले बालों से खेलना चाहती हूं"_ सुजैन ने कहा।
उस दिन वो दोनो हद से ज्यादा रोमांटिक हो रहे थे।
अगले दिन ऑफिस में संजय ने विप्लव से सारी बातें साझा की।विप्लव खुश था,दोस्त की खुशी भी अपनी ही खुशी होती है।दोपहर को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से किसी आर. के त्रिपाठी का फोन आया ,उसने खुद को कस्टम के अधिकारी बता कर फोन किया।
उसने कहा सर मैं कस्टम से बात कर रहा हूं ,आपका पार्सल आया हुआ है।उसकी कस्टम ड्यूटी आप चुका दें, तो आपका सामान आपके घर भेज दिया जाएगा।
संजय ने कहा ,कितना पेमेंट करना होगा,।जी ,आपका उपहार ,67,000 का है,जो दुनिया के कीमती परफ्यूम में से एक जियानी विवे सुलमन है।
उसका कस्टम ,अन्य शुल्क,और जीएसटी शुल्क मिलाकर करीब 25,000 आया है ,वो आपको मैं एक अकाउंट बताता हूं ,उसमे जमा करने होंगे।
अच्छा _अभी पेमेंट करता हूं।
आर. के.त्रिपाठी ने अकाउंट नंबर बताया ,और उसके बाद संजय ने उस अकाउंट में 25000 जमा कर दिए।उसके बाद उसने सुजैन को फोन किया ,धन्यवाद कहने को ।सुजैन का फोन स्विच ऑफ बताने लगा।उसने कथित कस्टम अधिकारी को फोन किया ,ये जानने के लिए की उसका सामान कब आएगा।वो फोन नंबर भी बंद आने लगा।
एक दो दिन संजय लगातार फोन करता रहा ,क्योंकि वो विश्वास है नहीं कर पा रहा था कि ,सुजैन उससे कैसे बिना बात किए रह सकती।
विप्लव ने कहा ,संजय तेरे साथ धोखाधड़ी हुई है,तू जा थाने और अपनी रिपोर्ट लिखा।अब तो संजय को भी यकीन हो गया।उसने जाकर थाने में रिपोर्ट लिखवाई।संजय भावनात्मक तौर पर टूट चुका था ,उसके कोमल मन ने,बहुत से सपने देख लिए थे।उसने अपनी सोशल साइट बंद कर दी।कुछ दिनों की ऑफिस से छुट्टी ले ,वह अपने माता पिता के पास पटना चला ग
वहां जाकर अपने परिवार के साथ रह अच्छा महसूस करने लगा।लेकिन कार्यक्षेत्र पर वापस लौटना था,आ गया दिल्ली।
एक दिन दिल्ली साइबर सेल से फोन आया ,उसे थाने बुलाया गया था। संजय थाने गया तो ,दो नाइजीरियन पुरुष और एक महिला से पुलिस पूछताछ कर रही थी।वो महिला सुजैन थी।संजय ने उसे पहचाना।
पुलिस ने बताया ये पूरा गिरोह ,लोगों से ठगी करता है।ये लोग नौजवान युवक ,युवती को दोस्ती के नाम से फांसते हैं,उनसे अंतरंग बातें करते हैं,या गिफ्ट के नाम पर ठगी करते हैं।,"इसलिए हमारी आपलोगो से हाथ जोड़ विनम्र निवेदन है कि आपलोग अनजान लोगों से दोस्ती ना करें,अपनी पर्सनल जानकारी साझा ना करे।"_ जांच अधिकारी ने कहा।