Savita Verma Gazal

Abstract

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Savita Verma Gazal

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फेमस हो गयी कम्मो

फेमस हो गयी कम्मो

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दोनों हाथ गोबर में सने हुए थे कम्मो के और चाँद से चेहरे पर काली घटा के जैसे बिखरे उलझे उसके काले घने और लंबे बाल।जिन पर कहीं-कहीं गोबर छिटक कर लग गया था शायद और ऐसे लग रहा था कि जैसे बालों पर कोई बिट्स लगे हों..बिट्स अरे वही जो सजने-धजने में छोरियां ब्यूटी पार्लर में जाकर बालों में सजावट करवाती हैं भई और कोई-कोई खुद भी मार्किट स लाकर बालों में टांक लेती है ।लग रहा था कि जैसे चाँद पर काले घने बादल छाए हों।वो अचानक से उपले पाथने छोड़कर उछल कर चीख पड़ी।"अरे ओ श्यामू ,ओ रामू ,रज्जो ओ गुड्डीअरे कहाँ मर गे जाने सबके सब ।पेट म बड़े जोरो का दरद हो रा है ।आये हाये रब्बा किस बताऊं।ना बताऊंगी तो यो पेट का दरद बढ़ता ही जावगा ।रे मरजानों म्हारे गां म इटरनट आ ग्या रे ।इब तो हम बी उस उ टुब प गेरंगे कुछ न कुछ अर फेमस वेमस बी होक दिखावँगे ।"ऐ मरजाणी गोबर तो पाथले बाद म गेर लियो उ टूब प ,हूं आई कहीं स फेमस होन वाली ,राम जान इस करमजली के लच्छन हम समझ न आव" कम्मो की मां चिल्लायी।तभी बाहर से माधो दौड़ता और हांफता हुआ आया और कम्मो की तरफ देखते हुए बोला"ऐ कम्मो गज़ब हो गवा री म्हारे गां म नेटवरक चालू हो गवा ।" सुनते ही कम्मो की माँ ने आव देखा न ताव और जड़ दिये तड़ातड़ दो-चार रहपटे माधो के मुंह पर , मगर माधो को जैसे कोई फरक ही न पड़ा हो ।माधो को देखते ही कम्मो झट से गोबर सने हाथों से ही माधो को कंधे से पकड़ते हुए चहककर बोली "हाय....माधो ठीक टेम पे आया तू'' माधो ने अपनी कमीज पर लगे गोबर को झटकते हुए कहा "ये गंवार बिल्ली कर दिया ने सत्यानाश  कमीज का ,जा इब नी बताऊं तुझ नेटवा चलाना" " ओये माफ कर दे इब मन्न कान पकड़ू हूँ तेरी कमीज धो दूंगी पर छौ म तो न आव " कम्मो दोनो हाथों से अपने कान पकड़ क बोली।"ऐ कम्मो ...कम्मो देख मोबाइल ले आया म तेरी खातिर ...इब बता का सिखवागी यूट्यूब प?"" आज तो म चक्की चलना सिखाऊंगी सबको तू बना वीडियो आ चक्की के धोर।" "चल तू शुरू कर म्हारी बीडियो ..."

"तू बढ़िया बोलिये जे तेरी वीडियो ज्याद स ज्याद लोग देखं। अर दिके म्हारे हाथ स इशारा करते ही बोलना शुरू कर दिए" ।कहकर माधो ने कम्मो की वीडियो बनाने के लिए जैसे ही हाथ से बोलने का इशारा किया।

गुलाबी और काले रंग का सूट पहने इठलाती हुई सी कम्मो ने मुस्कुराते हुए अपनी लम्बी चोटी को थोड़ा हाथ से घुमाकर आगे किया और चक्की हाथ हत्था पड़कर घुमाते हुए कम्मो ने बोलना शुरू किया । "राम राम भाई और बहनों ,मैं कम्मो आज थारे कू चक्की चलाना सिखाऊंगी जी ।अर इसके जो फैदे हं वो बी बताऊंगी जी।देखिए यो चक्की का हत्था घुमाते हुवे तम दूसरे हाथ स इसम थोड़ा थोड़ा नाज गेरना वो चाहे तो तम चने पिस्सो ,गेहूं,चावल जो बी पिस्सो।फेर इस हत्थे कू घुमाओगे तो नाज पिसता जावगा।इब जरा इसके फादे बी सुन लो।यो जो तम अर थारी बिरबानी ,उ का कहत हं उस हां याद आ ग्या "जिम" जाओ हो तो एक तो तम वहां जाक टेम बर्बाद न करना पड़ अर दूसरा थारा पिसा बी बच गा।अर तम घर का पिसा हुया आटा, बेसन मिलगा खान कू।अर थारा यो सुरसा के मुं सा बढ़ता वजन बी कम हो जागा ।"थोड़ा रुककर एक बिंदास और अल्हड़ हंसी हंसते हुए कम्मो माधो का इशारा पाकर फिर बोली""अर हां भाई लोगो गर तम म्हारी बात अच्छी लग तो तम म्हारे इस बीडियो कू लायक ,शेर अर सब्स्क्रब बी करं, अर हां तम यो चक्की चाहिए हो तो हमारे गां के प्रकासी कुम्हार स आडर कर सको को , स थारे को तो म्हारे कमेंटवा म लिख देना ह अपने पते के साथ , यो म्हारा दोसत ह माधो चक्की पक्का थारे घर पुचाक आवगा।राम-राम भाई लोगों । हाथ जोड़कर बोलते हुए कम्मो ने अपनी बात खत्म की।यकीन मानिए लोग तो दीवाने ही हो गए कम्मो की वीडियो देखकर और देखते ही देखते चक्की के ऑडर भी आने लगे ।रही सही कसर माधो ने चक्की पे कम्मो का नाम और फोटो चपका के पूरी कर दी।अब तो हर रोज कम्मो एक वीडियो बनवाती और माधो उसे कर देता यूट्यूब पर अपलोड।

कभी दूध बिलोने , कभी मिट्टी से चूल्हे बनाने,लिहाफ में धागे डालेने से लेकर चने का साग बनाने और चूल्हे पर मक्का, बाजरे , बगड़ की रोटी तक बनाके सेंकने और उपले पाथने तक सिखाने लगी।

लोगो को अब कम्मो और कम्मो की वीडियो खूब पसंद आने लगी और उन्हें कम्मो की अल्हड़ व मासूम हंसी का इन्तजार रहने लगा।देखते ही देखते कम्मो तो हीरोइन ही बन गयी थी।उसके फ़ॉलोर्स इतने बढ़ गए कि अब तो यूट्यूब से उसे पैसा भी मिलने लगा और अखबारों में कम्मो ही कम्मो छा गयी। कुछ और पत्रकार फिर से आ धमके कम्मो का इंटरव्यू लेने।गांव में प्रवेश करते ही गांव वालों की भीड़ भी पत्रकारों के पीछे-पीछे हो ली।सब एक ही बात बोलते जा रहे थे ।"अरे भाई म्हारे तो गाँ के भाग ही खुल गे।म्हारे गाँ की बेट्टी न तो गाँ का नाम ही बढ़ा दिया ।खूब फेमस हो गयी कम्मो ।



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