STORYMIRROR

Chandresh Kumar Chhatlani

Tragedy

2  

Chandresh Kumar Chhatlani

Tragedy

पहचान

पहचान

2 mins
369

वह पता नहीं कौन था !

उस छोटे से सर्कस में, चाहे जानवर हो या इंसान, वह सबसे बात करने में समर्थ था। प्रत्येक के लिए वह एक ही प्रश्न लाया था- "तुम कौन हो ?", सभी के पास जाकर वह यही प्रश्न पूछ रहा था।

सबसे पहले उसने एक शेर से पूछा तो शेर ने उत्तर दिया, "मैं शेर हूँ।"

फिर एक हाथी से पूछा तो हाथी ने कहा, "हाथी हूँ।"

एक कुत्ते ने पूछने पर उत्तर दिया, "कुत्ता और कौन ?"

एक गधे ने रेंकते हुए बताया कि, "मैं तो गधा ही हूँ।"

अब वह मुड़ा और एक आदमी से वही प्रश्न पूछा, उस आदमी ने गर्व से कहा, "मैं पंडित प्रकाश हूँ।"

वह चौंक गया और दूसरे आदमी से पूछा, जिसने कहा, "मैं मोहम्मद नूर हूँ।"

उसे विश्वास नहीं हुआ अब वह एक महिला के पास गया और पूछा, उसे उत्तर मिला, "मैं रौशनी कौर हूँ।"

उसके लिए अब असहनीय हो गया और वह उल्टे पैर लौटने लगा, सर्कस का कुत्ता वहीँ खड़ा था। कुत्ते ने उससे पूछा, "क्या हुआ तुम्हें ?"

उसने उत्तर दिया, "ये सारे इंसान हैं, लेकिन खुद को इंसान नहीं कहते।" कुत्ता हँसते हुए बोला, "ये तो मुझे भी टॉमी कहते हैं, लेकिन तुम कौन हो ?"

वह मुस्कुरा कर बोला, “मैं तुम हूँ, तुम सब हूँ लेकिन इंसानों में मैं भी नहीं जानता कि मैं कौन हूँ, बहुत सारे नाम हो गए।”

कहकर वह लम्बे डग भरता हुआ चला गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy