"पेट्रोल"
"पेट्रोल"
रामचरण ने अपनी बिटिया का ब्याह अपने पास के गांव में रहने वाले ऊधम सिंह के बेटे कल्याण से कर दिया।
वह अपनी इकलौती बेटी रेशम से बहुत प्यार करता था। ब्याह के लिए दो बीघा जमीन गिरवी रखकर इंतजाम करना पड़ा। उसका होने वाला दामाद जरा तुनक मिजाज तथा नए जमाने का प्राणी था अतः उसको प्रसन्न करने के लिए उसने दहेज में मोटर साइकिल दी थी। वहीं दूसरी ओर ऊधम सिंह ने भी अपनी जमीन गिरवी रखकर अपनी होने वाली बहू को जेवर चढ़ाने का इंतजाम किया था, उसे आशा थी की जो दहेज में टीका पुण्य मिलेगा उससे कर्जा पटा दूंगा।
खैर दोनों परिवारों ने जैसे तैसे सानंद बेटा बेटियों का विवाह संपन्न किया दिन बीत गए दोनों परिवारों का खर्चा बड़ी मुश्किल से चल रहा था, कल्याण को मोटर साइकिल तो मिल गई थी पर पेट्रोल का इंतजाम नहीं था इसलिए वह मोटर साइकिल केवल घर की शोभा बढ़ा रही थी। एक दिन कल्याण अपनी पत्नी को लिवाने ससुराल जा रहा था उसने विचार किया कि क्यों ना में अपनी पत्नी को मोटर साइकिल से लिवा लूं, पर गाड़ी में पेट्रोल डलवाने के लिए रुपए नहीं थे। उसके मस्तिष्क में एक उपाय सूजा क्यों ना मोटर साइकिल को घसीटकर लुढ़काते हुए ले जाऊं कौन देखता है? फिर नीचे घाटी से गाड़ी अपने आप लुढ़कती हुई ससुराल तक पहुंच जाएगी। ससुराल से जो टीका और विदाई होगी उससे पेट्रोल भरवा लूंगा और पत्नी के साथ वापस आ जाऊंगा, उसने वैसा ही किया, यद्यपि उसके मित्रों ने उसे गाड़ी घसीटते हुए देख लिया। कुछ मित्रों ने मजाक भी उड़ाया कहने लगे जब इंतजाम नहीं था तो हाथी क्यों ले लिया। कल्याण के पास इसका कोई जवाब नहीं था वह गाड़ी घसीटता हुआ ससुराल पहुंच गया, ससुर ने पैर पड़े कुशल छेम पूछी तथा बातों से आवभगत की कल्याण में जल्दी विदा करने का आग्रह किया उसका ससुर रीति रिवाज जानता था दामाद पहली बार आया है बगैर भोजन प्रसादी के वह उसे कैसे विदा कर सकता था।
यद्यपि घर में भोजन बनाने की सामग्री ही नहीं थी फिर भी उसने भोजन करने का आग्रह किया। दामाद मान गया और जल्दी से पूड़ी सब्जी तैयार करने को कहां।
रामचरण भीतर गया उसके घर में भोजन बनाने के लिए आटे के अलावा कुछ नहीं था, उसने गांव में जाकर साहूकार से बड़ी मुश्किल से 50 रुपए उधार लिए, और तेल नमक का इंतजाम किया और अपने दामाद को रुखा सूखा भोजन करा सका। विदा की रस्म पूरा करने के लिए उसने 10 रूपए टीका के रूप में अपने दामाद को दिए। दामाद 10 रुपए देखकर सूख-सा गया, उसे यह चिंता सता रही थी कि 10 रूपए में कैसे पेट्रोल लाएगा। लेकिन उसकी पत्नी ने ऐसी अवस्था में अपने पति का साथ दिया दोनों नव युगल मोटर साइकिल ढकेलते हुए घर आ गए तथा सानंद जीवन व्यतीत करने लगे। आज भी उसकी मोटर साइकिल उस घर की शोभा बढ़ा रही है।।