पछतावा
पछतावा
नेहा की सांसे उखड़ रही थी.... खून भी बहुत बह चुका था....बचना मुश्किल था.... ममता का रो रोकर बुरा हाल था.... कुछ महीनों पहले ही उसने अपने पति को खोया था.... और साल भर पहले पिता को.... भगवान से बहुत शिकायतें थी उसे.... हर वक्त बस रोती रहती थी.... भगवान को कोसती रहती थी.... "सब कुछ छीन लिया हमारा.... अब जिंदगी में रोने के सिवा बचा ही क्या है? .... ममता की जुबान पर बस यही शब्द रहते थे.... सासू मां ने उसे कई बार समझाया.... हर वक्त शिकायतें मत किया कर.... भगवान पर भरोसा रख....अब जो है उनका ध्यान रख"..... लेकिन ममता अपने दुखद कल को भूल ही नहीं पाती थी....एक दिन पति के ख्यालों में खोई हुई थी कि तीन साल की नन्ही नेहा उसकी नजर बचाकर घर से बाहर निकल गई और एक गाड़ी से टकराकर बेहोश हो गई.... जब पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया तो ममता का ध्यान टूटा... सासू मां भी घर पर नहीं थी .... पेंशन के काम से बाहर गई थी।
दुखी और परेशान ममता घबरा गई.... उसने कल्पना भी नहीं की थी की एक दिन वह अपनी छोटी सी गुड़िया को जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए देखेगी.... अब उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था.... काश वो बीते कल में रहने की बजाए अपने आज को देखती.... तो नेहा का यह हाल ना होता . ...
खबर मिलते ही सासू मां भी अस्पताल पहुंच गयी.... उनकी आंखें भीगी हुई थी....
कुछ देर के संघर्ष के बाद नेहा उन्हें छोड़ गई. ... ममता डॉक्टरों के आगे हाथ-पैर जोड़ने लगी.... लेकिन अब क्या हो सकता था?.... ममता का रो रो कर बुरा हाल था....
लेकिन उसकी सासू मां अभी भी अपनी जगह पर आंखें बंद किए बैठी थी.... हिम्मत करके ममता उनके पास पहुंची और उनकी गोद में सिर रखकर रोने लगी तो सासू मां का शरीर एक तरफ लुढ़क गया.... यह देख कर ममता की चीख निकल गई।
हर वक्त भगवान को कोसने वाली ममता को अब पछतावा हो रहा था.... कि उसने क्यों वक्त रहते कदर नहीं कि नेहा और सासू मां की.... पति और पिता के जाने के बाद भी उसके पास कुछ रिश्ते तो थे लेकिन वह दुख में ऐसी डूबी कि सब कुछ लुटा बैठी....
आज सचमुच वक्त ने उससे सब छीन लिया था.... अब उसके पास बीते कल में डूब जाने के सिवा कोई और रास्ता ना था।
शिक्षा: बीते कल को याद करना बुरा नहीं है, लेकिन आज से आंखे मूंद लेना गलत है।
