पागल कौन
पागल कौन
सड़क के बीचो-बीच लगी भीड़ के कारण सड़क पर गाड़ियों का आना जाना थम गया था। भीड़ को चीरते हुए काफी जद्दोजहद के बाद मै घटना स्थल पर पहुंची, तो माजरा समझ में आया कि कोई दुपहिया गाड़ी जिसमे पति, पत्नी और दो-ढाई साल की बच्ची थी, उनकी गाड़ी को पीछे से किसी तेज़ रफ़्तार ट्रक ने ठोकर मार दी थी। अचानक पीछे से लगे ठोकर से चालक गाड़ी को संभाल नहीं पाया और गाड़ी अनियंत्रित होकर गिर गयी जिसमे पति- पत्नी को बहुत ज्यादा चोट आयी और दोनों बेहोश थे। बच्ची जिसे मामुली चोटें आई थी उसका रो-रोकर बुरा हाल था।
भीड़ से अलग-अलग आवाज़ आ रही थी, एम्बुलेंस बुलाओ, पुलिस को सूचित करो। इनके जेब में ध्यान से देखो हो सकता है घर वालो का नंबर मिल जाये तो उन्हें बुलाये आदि-आदि।
अचानक भीड़ को चीरते हुए एक विक्षिप्त महिला बच्ची को गोद में उठाकर जाने लगी, भीड़ में शोर हुआ अरे कही ये पागल बच्ची को मार न दे। आधी भीड़ विक्षिप्त महिला को देखने लगी के वो बच्ची के साथ क्या कर रही है?
महिला सबसे बेखबर बच्ची को लेकर सामने चाय की दुकान में गई और बिस्किट खिलाने लगी और उसे अपने सीने से लगा लिया, अब बच्ची शांत थी।
भीड़ से अलग-अलग आवाज़े आ रही थी, समझ में नहीं आ रहा था पागल कौन है? भीड़ या महिला।