anuradha chauhan

Tragedy

5.0  

anuradha chauhan

Tragedy

नशे की लत

नशे की लत

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तनु..! हाँ माँ..? तेरा भाई ठीक तो हो जाएगा ? माँ तू ऐसा क्यों बोलती है ? सब अच्छा ही होगा।

तनु माँ की नज़रों से छुपाकर अपने आँसू पोंछने लगी। क्या हुआ ? तू रो रही है??

मिर्ची काटी थी माँ, तेरी बातों में ध्यान नहीं रहा, आँख में हाथ लगा लिया। मैं छत से कपड़े उठा लाऊँ माँ..! तनु माँ से झूठ बोलकर छत पर चली आई।

छत पर बैठ फूट-फूटकर रो पड़ी तनु। क्या कहती माँ से, और कैसे..? तनु के कानों में डॉक्टर की बातें गूँजने लगी थी।

सॉरी तनु हम आपको धोखे में नहीं रख सकते..! जब-तक साँसें चल रही हैं तब-तक आपका भाई आपके सामने है, उसके शरीर के अंगों ने लगभग काम करना बंद कर दिया है। 

अब तो शायद आपकी प्रार्थना या कोई चमत्कार ही उसे बचा सकता है।  कहकर डॉक्टर चले गए।

तनु ने लड़खड़ाकर दीवार का सहारा लिया और खुद को सयंत करते, नहीं-नहीं तनु तू टूट नहीं सकती, तुझे संभलना होगा माँ के लिए। 

तनु के आँसू छलक पड़े। अभी दो साल पहले ही पिता को खोया अब भाई..? पिता के जाने के बाद रवि को कोई रोक-टोक करने वाला नहीं था।

उसका नतीजा यह हुआ, रवि की संगत बिगड़ने लगी वो ड्रग्स लेने लगा। तनु शादीशुदा थी बार-बार ससुराल नहीं आ पाती थी।

एक दिन नशे के ओवरडोज ने रवि को मौत के मुँह में धकेल दिया। यह खबर सुनते ही तनु दौड़ी चली आई थी।

तभी तनु का फोन बज उठा।

मोहित..!! अपने पति का फोन देख तनु पसीने-पसीने हो गई। काँपते हाथों से फोन कान से लगाया, हैलो बस इतना ही कह पाई।

फोन हाथ से छूटकर गिर पड़ा, यह क्या कर दिया रवि तुमने? माँ के बारे में भी नहीं सोचा, रवि सब-कुछ छोड़कर जा चुका था।


नशे की लत एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुकी है। हमारे देश भविष्य, हमारे युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में आकर अपनी ज़िंदगी से खिलवाड़ करती रहती हैं।



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