नमस्कार बाबाजी...
नमस्कार बाबाजी...
रागिनी को जब पता चला कि वह मां बनने वाली है तो उसकी खुशी सातवें आसमान पर थी। अब विमला जी बहू रागिनी को बला नहीं कहती थी बल्कि अपनी बहू की वह सारी बलाएं अपने सर लेने की बात करती थी।
कुछ 6 महीने पहले की बात...
"शादी के इतने साल बाद भी एक बच्चा अपने अंदर नहीं समा पाई हो!! अपने पति की फिक्र क्या करोगी? बांझ बहू को किसी भी अच्छे शुभ कार्य में जाना मना है, इस लिए मेरी बेटी के गोद भराई की रस्म में तुम मत आना!! क्या पता कुछ अपशगुन हो जाए... वैसे भी जब से मेरा बेटा तुझ जैसी बला को घर लाया है, कुछ सही हुआ है क्या आज तक!! अब तो बस घुंघरू बाबा का ही कुछ रास्ता सुझाएंगे!!" विमला जी बोली।
"अखिल, मैंने कई बार माजी से कहा है कि मुझे कम से कम सबके सामने ऐसे बांझ और बला ना बुलाया करें!! मेरे ना चाहते हुए भी उन्होंने जो जो उपाय बताएं वह सारे उपाय मैंने किए, मुझे ऐसे अंधविश्वासों पर बिल्कुल भरोसा नहीं है!! मैं सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही यह सब झेल रही हूं!! आप तो सब जानते ही हैं!!_ रागिनी बोली।
"हां रागिनी... मैं मां को कुछ नहीं कह सकता तुम भी तो सब जानती हो!! और वैसे भी इन सब चीजों से मां को मन में शांति मिलती है तो बोलने दो!! तुम उनके बात पर गौर मत किया करो... उनका तो स्वभाव ही ऐसा है!! और वह मना कर रही है तो ठीक है मत जाओ। उसके बदले मैं तुमको अगली छुट्टी पर कहीं और घुमाने ले कर जाऊंगा!!" अखिल बोला।
"बस यही वजह है, मैं आपसे बेहद प्यार करती हूं!! आपकी यही आदत मुझे घर में सब झेलने के लिए मजबूर कर देती है!! मैं आपके लिए कुछ भी कर सकती हूं!!" रागिनी बोली।
दरअसल, विमला जी को किसी ने बताया कि पास वाले घुंघरू बाबा के पास कोई जादुई दवाई है!! जो औरत मा ना बनती हो वह चमत्कारी बाबा के प्रकोप से मां बन जाती है! घुंघरू बाबा के ऐसे कई चमत्कारी किससे है जिनको देख आसपास के गांव और शहर वाले उस बाबा से काफी प्रभावित थे। विमला जी ने भी अपनी बहू को डमरू वाले बाबा जी के पास ले जाने का फैसला किया। जैसे ही वह अपनी बेटी के गोद भराई से लौटी वह बाबाजी के पास अपनी बहू को ले गई।
बाबा जी ने कहा,
"पुत्री तेरी बहू श्रापित है!! इसका श्राप उतारने के लिए हमें कुछ खास उपाय करने होंगे!!
"क्या उपाय बाबा जी जल्दी बताइए!! मैं हर उपाय करने के लिए तैयार हूं!! बड़ी अभागन हूं मैं बाबा जी, शादी के 12 साल बाद भी मेरे बेटे को बाप बनने का सुख नसीब नहीं हुआ है। बड़ी उम्मीद लेकर आपके पास आई हूं!! अब आप ही हमारे एकमात्र भगवान है। तो चमत्कार कर सकते हैं!!" बिमला जी बोली।
"तुम निश्चिंत रहो पुत्री, अब तुम सही जगह पर आई हो, बस कुछ दिनों के लिए अपनी बहू को ठीक रात के 11:00 बजे के बाद मेरे पास लेकर आना। हवन की खास विधि कर उसके ऊपर से श्राप का पापा मिटाना है।"
अगले दिन से ही विमला जी बहू रागिनी को अपने साथ ठीक रात के 11:00 बजे घर में किसी को बिना बताए बाबा जी के पास ले जाती है। बहू रागिनी को वह कसम देती है कि, अगर उसने घर में किसी को भी इस बात का जिक्र किया तो वह सब उनका मरा मुंह देखेंगे।
इसलिए रागिनी भी चुपचाप अपनी सास की बात मान लेती है और बाबा जी के पास चली जाती है।
बाबा जी कहते हैं कि इस विधि में सिर्फ बांझ औरत ही अंदर बैठ सकती है। इसलिए विमला जी कमरे के बाहर ही खड़ी रही, लेकिन आज बाबाजी के लिए बांझ औरतों के लिए श्राप वाली विधि पूरी करना आसान नहीं था।
"रुक जा ढोंगी कहीं का!! आज तेरा खेल खत्म हुआ!! चमत्कार के नाम पर आज तक तूने बहुत सारी औरतों की इज्जत लूटी है!! मेरी पत्नी को हाथ भी मत लगाना!! दूर हट जा...
घुंघरू बाबा भागने की कोशिश करता है उतने में पुलिस आकर बाबा को पकड़ लेती है। और पूरी सच्चाई बाहर आती है कि घुंघरू बाबा एक ढोंगी बाबा था। जो औरतों को मां बनने वाली चमत्कारी विधि करने के आड़ में औरतों को बेहोश कर उनके साथ घिनौना काम किया करता था। इसके बाद कुछ औरतें मां बन जाती थी और यह देख लोगों ने अंधविश्वास पल लिया की बाबाजी चमत्कार करते है। लेकिन जब बाबा का घिनौना सच सामने आया तो विमला जी की नजरें शर्म से झुक जाती है। रागिनी तो बेहोशी की हालत में ही होती है।
"मां आज के बाद आप रागिनी को बांझ नहीं कहेंगी!! बहुत सह लिया रागिनी ने, कमी उस में नहीं कमी तो मुझ में है!! मैं ही समाज और इज्जत के डर से अपनी बीमारी को छुपाता रहा!! रागिनी भी सब जानती थी लेकिन उसने मेरी वजह से ही आज तक अपना मुंह नहीं खोला!! और चुपचाप आप के और लोगों के अत्याचार सहन करती गई!! ताने सहती रही!! क्योंकि, रागिनी मुझसे बेहद प्यार करती है... लेकिन बस अब नहीं मैं अब किसी चीज से नहीं डरूंगा!! आज अगर मैं समय पर नहीं आता तो पता नहीं क्या अनर्थ हो जाता!!" अखिल बोला।
अखिल रागिनी को संभालता है उधर विमला जी अपने बेटे से एक सवाल करती है,
"पर बेटा तुझे पता कैसे चला कि मैं और बहू यहां आ रहे हैं!! मैंने तो बहू को अपनी कसम दी थी!!"
"हां मां, अपने कसम तो दी थी, लेकिन मैंने भी रागिनी से शादी से पहले भी एक कसम ली थी कि, आज के बाद वह मुझसे कोई बात नहीं छुपाएगी... जिस वजह से उसने हमारे प्यार के लिए आप की कसम तोड़ कर ही मुझे पूरी बात पहले ही बता दी थी। और उसकी बात सुन मुझे इस बाबा पर शक हुआ कि आजकल के जमाने में ऐसे चमत्कार नहीं हो सकते!!
तो मैंने ठान लिया कि जैसे ही आप लोग यहां आने के लिए निकलोगे पीछे से मैं भी निकलूंगा!! और जब मैंने छुपकर विधि वाले कमरे में झांक कर देखा तो बाबा किसी से बात कर रहा था कि, अब खिड़की दरवाजे बंद कर दो 1 घंटे के लिए अब यह कन्या मेरी हुई!! बस तभी मुझे यकीन हो गया कि यह बाबा एक ढोंगी है!! और मैंने तुरंत पुलिस को फोन लगाया कुछ अनर्थ हो उससे पहले ही मैं झट से दरवाजा तोड़ अंदर चला गया!! और रागिनी को बचा लिया।"
पुलिस बाबा को पकड़ लेती है साथ में सभी गांव वाले भी बाबा पर हमला बोल देती है, किसी तरह बाबा को पुलिस लेकर गई लेकिन बाबा का घिनौना चेहरा देख गांव वाले सब दंग रह जाते हैं।
बस फिर कुछ 2 महीने लगे, अखिल ने अब बिना किसी से डरे और बिना किसी शर्म के खुद को डॉक्टर को दिखाया। अपने बीमारी ठीक ठीक की, उसके बाद कुछ ही महीने में रागिनी मां बनती है!! रागिनी बहु के मां बनने की खुशी से विमला जी अपने आस-पड़ोस और रिश्तेदारों में मिठाइयां बांट ती है। और ठीक 9 महीने बाद रागिनी को एक सुंदर सा बेटा होता है... रागिनी और अखिल मिलकर उसका नाम "शिव" रखते हैं।
हमारे समाज में आज भी ऐसे कई किस्से सामने आते हैं, जहां ऐसे ढोंगी बाबा लोगों को विभिन्न प्रकार के लालच देकर उनका मन मोह लेते हैं। लेकिन ऐसे अंधश्रद्धा से हमें खुद को और हमारे परिवार वालों को बचाना जरूरी है।
(इस कहानी में दर्शाए गए सभी पात्र, परिस्थितियां एवं घटनाएं काल्पनिक है)
धन्यवाद,
