Avinash Agnihotri

Tragedy Inspirational Thriller

4  

Avinash Agnihotri

Tragedy Inspirational Thriller

मतदान

मतदान

2 mins
205


रात को सोने से पहले अनुभा अपनी सास को दूध देने गई तो। उसकी सास ने दूध का गिलास हाँथ में पकड़ते हुए उससे कहा। अच्छा सुन बहु कल तेरे स्कूल की छुट्टी है तो तू सुबह जल्दी उठकर मेरे काम मे हाँथ बटाना । क्योकि कल अपनी गुड्डी को देखने लड़के वाले आने वाले है।

कल , अनुभा ने चोक कर पूछा। हाँ क्यो कल ऐसा क्या है, सास ने स्वर को सख्त करते हुए कहा। माजी कल तो मतदान दिवस है । शायद बाबूजी भूल गए होंगे। नही उन्हे सब याद है , सब की छुट्टी है उसी का फायदा उठाने के लिए, यह दिन तय किया गया है, सास ने उत्तर दिया। पर मां कल सुबह यह सब कैसे हो पाएगा। काफी समय तो वोट डालने में ही लग जाएगा। वोट डालने के लिए घर के पुरुष ही काफी है, तुम्हारे अकेले के वोट ना डालने कोई फर्क नही पड़ने वाला सास बोली। अब ये स्कूल वाली मस्ट्रानिगिरी मुझे मत बताओ। जल्दी सो जाओ कल बड़े काम है करने को। अनुभा बिना कुछ कहे मुँह लटकाए अपने कमरे में आ गई। सतीश ने जब उसकी इस उदासी के बारे में पूछा । तो बोली स्कूल में बच्चो को अपने कर्तव्य का पाठ पढ़ाने का भला क्या फायदा। जब हम खुद ही देश के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह न कर पाए।

आप ही बताए मतदान दिवस पर अपने मत का प्रयोग ही ना करे, ओर फिर 5 साल देश की बदहाली पर लंबे लंबे भाषण दे। ये भी तो एक तरह की बेईमानी ही हुई न। उसकी सभी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद, सतीश बोला अनुभा तुम ठीक ही कहती हो । मतदान दिवस के दिन हम सभी को अपने कर्तव्य का निर्वाह ईमानदारी से करना चाहिये। तुम चिंता न करो, मैं गुड्डी को सब समझा दूंगा। तुम उसे ब्यूटीपार्लर ले जाने के बहाने कुछ देर बाजार चली जाना । फिर वहीं से तुम वोट डालती हुई घर आ जाना। मैं माँ को यह कहकर समझा लूंगा। की ब्यूटीपार्लर में तो देर लगती ही है। और हाँ कल पहली बार अपनी गुड्डी भी, तुम्हारे कारण अपने मत का प्रयोग कर अपने देश को। अपने सपनो का देश बनाने में सहायक बनेगी। सतीश की बात सुन अनुभा के मुखमण्डल की चमक देखते बन रही थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy