मेरी पहचान हो तुम
मेरी पहचान हो तुम
स्विट्जरलैंड की वादियों मे बुनी ये प्रेम कहानी अर्श और श्रुति की एक दूसरे के लिए बेपनाह चाहत को बयान करती है।
अर्श एक बिजनेस man है जो श्रुति से बहुत प्यार करता है। श्रुति के बिना वो एक पल भी नहीं रह पाता है। श्रुति उसकी जिन्दगी है।वही श्रुति भी अर्श को बहुत चाहती है। 1 second भी अर्श से दूरी श्रुति को बर्दाश्त नहीं होती है। वो हर पल अर्श को अपने पास देखना चाहती है ।
" ...........और सच तो ये है कि अंधेरा होते ही negative energy ताकतवर नहीं होती है बल्कि जो लोग इस बात को सच मानते है वहीं कमजोर पड़ जाते। और फिर अपने कमजोर दिमाग से वो जो भी सोचते है वो सब उन पर हावी होने लगता है......... "
"तुम सुन रही हो ना baby",अर्श ने श्रुति के बालों मे हाथ फेरते हुए कहा।
"हाँ मैं सुन रही हूँ।आप पढ़ते रहिए।"
"ठीक है मेरा बच्चा। अगर नींद आएगी तो बता देना।"
श्रुति अर्श की गोद मे सर रख के लेटी हुई थी। और अर्श उसे एक book पढ़ के सुना रहा था। जो फेमस राइटर Divyanjli Verma ने लिखी थी। उस book का नाम था ज्ञान की बाते।
श्रुति को इस तरह सोने की आदत हो गई थी। जब तक अर्श उसे book पढ़ के नहीं सुना देता। उसे नींद नहीं आती थी। उस रात भी अर्श उसके लिए book पढ़ रहा था ।
अर्श आगे पढ़ना शुरू करता है
"............जब से subconcious mind के द्वारा menifest करने का तरीका पढा है । तब से ये बात समझ आई है कि इस दुनिया मे हमारे आस पास जो कुछ भी घटित होता है। सब की वज़ह हमारी सोच है। हम जैसा सोचते है वैसा ही पाते है........ "
"समझे मेरा बच्चा। इसीलिए कहता हूँ आप हमेशा अच्छा सोचा करिए। भूत जैसी कोई चीज़ नहीं होती। सब बस सोच है। "
"अर्श, मैं सोचती तो हूँ ।ये बात आप भी जानते है।"
"ठीक है मेरा baby,सुनो अब ।"
और अर्श आगे book पढ़ना शुरू करता है ।
"........अंधेरा सिर्फ एक काली कोरी दुनिया है। डायरी के कोरे पन्नों की तरह या किसी कोरे canvas की तरह। और उस दुनिया को कोई भी अपनी कल्पनाओं से उसी तरह सजा सकता है जिस तरह वो शब्दों से कोरे पन्नों को और रंगो से कोरे canvas को....... "
"इस तरह आज का चैप्टर यही खत्म हुआ। अरे ये तो सो गई।"
श्रुति अर्श को सुनते सुनते उसकी गोद मे ही सर रख के सो जाती है। जब अर्श देखता है कि वो सो गई है। तो वो उसके माथे पर किस करता है और उसे अपनी बाहों मे लेके सो जाता है ।
कहानी जारी है..........

