Shelly Gupta

Tragedy

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Shelly Gupta

Tragedy

मेरा परिवार

मेरा परिवार

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आठ साल की उम्र में ही माँ के आंचल से उठाकर बापू एक दिन सड़क पर छोड़ आए क्योंकि मैं ना एक लड़का, ना लड़की उनकी इज़्ज़त पर बट्टा था। इन्हीं गलियों में भीख मांग कर मैं बड़ा हुआ। कभी अपनी ग़लती समझ नहीं आई और जब कारण समझ आया तो कहीं अपना कसूर नज़र ना आया। अब इंसानों से डर लगता है मुझे। उनसे तो गलियों में भटकने वाले कुत्ते अच्छे जो पूरी वफ़ादारी निभाते हैं। अब यही मेरा परिवार है और उसने एक पिल्ले को उठा कर गले लगा लिया ।



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