Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Ruchi Singh

Abstract

4.5  

Ruchi Singh

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मेरा बेटा बड़ा हो गया

मेरा बेटा बड़ा हो गया

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धड़ाम की आवाज़......."अरे, क्या हुआ" दूसरे कमरे से राखी ने आवाज दे के पूछा। 


छोटे बेटे समर की रोने की तेज तेज आवाजें ... राखी भागती हुई कमरे में जाती है। बेटा समर ना जाने कैसे गिर गया था, उसका सिर शायद फट गया क्योंकि, खून लगातार बहे जा रहा था। राखी घबराहट में पूछती है "कैसे हुआ?" रोते-रोते समर "मम्मा मै बैड के किनारे बैठा था अचानक गिर गया" कहकर फिर से रोने लगा। खून तो बहे जा रहा था। शायद बेड का कोना लग गया था।


 तभी भागा-भागा शुभ भी उस कमरे में आया जो अपने कमरे में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। वह आते ही पूछता है, "क्या हुआ मम्मा" ... मगर खून देखते ही वह भी एक पल के लिये बहुत घबरा गया और फिर धैर्य से काम लेते हुए "अरे मम्मा आप अपने आप को संभालिये। समर को ज्यादा ही लग गई। इस को हॉस्पिटल ले जाना होगा।" कुछ सोचकर "अरे, आज तो ओला, उबर की स्ट्राइक की न्यूज़ है। खैर चलिये समर को नीचे ले चलते हैं।"


 राखी बोली "पर बेटा ... मैंने तो इतने दिन से गाड़ी चलाई नहीं है और इतने दिनों बाद घबराहट में मैं चला भी नहीं पाऊंगी।" कुछ सोचते हुए "चलो ऑटो पकड़ लेंगे।" 


सब फटाफट घर का दरवाजा बंद कर नीचे मेन गेट पर जाते हैं। आज ऑटो भी नहीं मिल पा रहा था। सब लोग 10 मिनट तक बेसब्री से इन्तजार करते रहे। इसी बीच एकाएक शुभ पार्किंग से गाड़ी लेकर गेट पर आ जाता है। राखी अपनी गाड़ी देख "अरे बेटा ... तुम" 


"हां मम्मा मैंने पिछले महीने सीख तो लिया था"।


" पर तुम आज तक अकेले कहां लेकर गए हो और पहली बार हम को बैठाकर"


" अरे मां आप घबराइए नहीं मैं कभी-कभी अपनी फ्रेंड की गाड़ी लेकर चला लेता हूं। आप विश्वास करिए और बैठ जाइए"


 राखी को और कोई सहारा ना दिखाई दिया तो गाड़ी में शुभ के साथ समर को लेकर बैठ जाती है । शुभ स्पीड को कंट्रोल मे रखते हुए बिना जर्क के गाड़ी को धीमे धीमे हॉस्पिटल पहुंचा देता है। वहां पर भाई समर को डॉक्टर को दिखाता है, स्टिच लगवाता है। डॉक्टर बोले, "अच्छा किया जल्दी ले आए ना तो और ज्यादा ब्लीडिंग हो जाती बच्चा बेहोश हो जाता।"


लौटते समय गाड़ी मे राखी बहुत ही खुश और निश्चिंत है। शुभ की समझदारी तथा उसकी पहली बार ड्राइविंग की सुखद अनुभूति अब महसूस कर रही है। उसकी सीखी हुई ड्राइविंग की वजह से आज इतनी बड़ी बला टल गई। 


शाम को जब पापा आ कर देखें तो वह भी एक बार तो घबरा गए फिर बोले चलो अच्छा हुआ शुभ ने समय रहते गाड़ी सीख लिया था और आज समझदारी से काम लेकर बिना घबराहट के समर को टांके भी लगवा लाया। 


शुभ की समझदारी और घैर्य की घर में आज पहुंच तारीफ थी पर राखी उसकी ड्राइविंग की तारीफ कर रही थी और समर भी हंसते हुए बोला," हां भैया आप तो बहुत ही अच्छी गाड़ी चलाते हो।"


 



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