माटी की सौतन
माटी की सौतन
एक लड़का एक लड़की ....दोनों नये जमाने के हैं... लड़के का नाम राघव है... उसे सभी रघु कहकर बुलाते...लड़की का नाम जानकी है....उसे सभी जया कहकर बुलाते...दोनों की शादी को दो साल हुये हैं... अभी बाल बच्चों की जिम्मेवारी से मुक्त ... दोनों अपनी दुनिया में मस्त ....रघु अपने काम काज में वयस्त। जया अपने मोबाइल के फेसबुक व्हाट्सएप यूट्यूब में व्यस्त....।
रघु जब भी जया के पास बैठकर बात करना चाहता तो जया अपने मोबाइल के दुनिया में खोयी रहती..
रघु के बातों में जया को दिलचस्पी नहीं के बराबर रहती...रघु बेचारा अपनी बातें किससे बतियाये इसलिये वह परेशान रहता...। उसने बहुत सोचकर एक माटी की मूरती मंगाई..उसे अपने कमरे में रखवा दिया। उस मूरती का नाम मीरा रख दिया...अब रघु अपने काम काज करके अपने कमरे में जाता तो अपनी सभी बातें माटी की मूरती मीरा से बतियाता। जया का वहीं हाल....वह अपने मोबाइल के दुनिया में मस्त रहती। रघु अपनी हर बात मीरा से शेयर करता।
एक दिन अपने काम पर से लौटते हुये उसे सतरंगी चुनरी बेचता एक बच्चा मिला....बच्चे ने कहाँ.. मेरी चुनरी ले लो साहब आपकी बीबी खुश हो जायेगी...।वह चुनरी लेकर घर आया तो उसी तरह जया अपने मोबाइल में व्यस्त। वह अपने कमरे में चला गया...वहाँ माटी की मूरत मीरा से बोला...देखो, मुझे एक बच्चे ने सतरंगी चुनरी दी है बोला कि अपनी बीबी को देना....पर जया तो अपने मोबाइल से मुंह उठाकर मुझको देखी भी नहीं.... सो लो मीरा तुम चुनरी ओढ लो....मीरा को चुन्दरी से सजा दिया...। मूरती से बतिया कर रघु अपने काम मे लग गया...जया जब अपने कमरे में गयी तो माटी की मूरती को सतरंगी चुनरी ओढे़ देखा। मूरती को उठाकर देखा...उसे सुन्दर लगा....उसे रघु पर गुस्सा आया कि उसने इतनी सुदंर सतरंगी चुनरी मुझे नहीं देकर माटी की मूरत को पहनाया हैं...जया को माटी की मूरती मीरा से जलन महसूस हुई.. शाम को जया अपने कमरे में ही बैठकर मोबाइल चला रही ...रघु आया तो तिरछी नजर से देखी पर कुछ नहीं बोली।
रघु भी फ्रेश होकर अपनी बात माटी की मूरत मीरा से करने लगा... शाम का चाय -नाश्ता करने के साथ मीरा से बात भी करता रहा...यह देख जानकी राघव को अचरज से देखने लगी...रघु भी जिस तरह जया के हाथ में मोबाइल रहता हैं रघु को इग्नोर करती हैं उसी तरह रघु जया को इग्नोर कर वह माटी की मूरती मीरा से अपने काम काज के बारे में बतियाता रहा....। दूसरे दिन रघु जब काम पर से लौटा तो फिर वहीं बच्चा बालों में लगाने वाला चमेली के फूल का गजरा बेच रहा...फिर वह रघु को जिद करके गजरा देते हुये बोला कि आपकी बीबी पर गजरा बहुत अच्छा लगेगा..।
रघु चमेली के फूल का गजरा ले लिया... गजरा ले घर आ गया...आज भी जया मूरती के पास बैठकर मोबाइल चला रही...।
रघु गजरा लाकर कमरे में रख दिया..फ्रेश होने चला गया...जब फ्रेश होकर आया तो चाय -नाश्ता करते हुये माटी की मूरती मीरा से बच्चे और गजरे के बारे में बतियाने लगा...आज जया मोबाइल से ज्यादा राघव की बात ध्यान से सुन रही....रघु गजरे को मीरा के चोटी में लगाने लगा....तब जया के सब्र का बांध टूट गया...वह अपना मोबाइल फेंक माटी की मूरत मीरा को उठाकर जमीन पर पटक दिया...रघु हैरत से जया के तरफ देखने लगा...फिर दोनों पति -पत्नी की नजर से नजर मिली और दोनों गले लग कर हँस पड़े....तब रघु जया से बोला औरत सब सहन कर सकती ....पर माटी की सौतन सहन नहीं कर सकती..हा हा हा
उम्मीद है कि आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई होगी..धन्यवाद।
