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Bhavna Bhatt

Abstract

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Bhavna Bhatt

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मानवता मर गई

मानवता मर गई

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अहमदाबाद की एक बड़ी सोसायटी में कोरोनावायरस की वजह से सोसायटी को सील कर दिया.. संगीता बहन की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई डोक्टर ने रेमेडेसीवीर इंजेक्शन लगाने पड़ेगा ऐसा कहा..

संगीता बहन के पूरे परिवार को कोरोना हुआ था इसलिए इंजेक्शन लाने का काम पड़ोस के लड़के को कहा... मितेश ने इंजेक्शन के पचास हजार रुपए लिए बोला बहुत ही महेंगे है और कितनी देर लाइन में खड़ा रहा तब मिला है..

जब संगीता बहन के पूरे परिवार को ठीक हुआ और उन्होंने ओफिस जोइन की.. एक दिन वो ओफिस से आ रहे थे तब मितेश नया लेपटॉप लिए बैठा था उन्होंने पूछा मितेश तेरे पापा ने ले दिया???

मितेश के पापाजी अरे नहीं उसने खुद खरीदा है…

हमें भी जानना है के तु अभी पढ़ाई करता है नोकरी को देर है तो इतने सारे रूपए आये कहा से.. ये बात सुनकर मितेश के मस्तिष्क से पसीना निकलने लगा और घबराहट से हकलाने लगा..

ज्यादा पूछताछ करने पर उसने इंजेक्शन से रूपए कमाए हैं एसा कहा यह सुनकर संगीता बहन अपनी भावना पर काबू नहीं रख पाए और बोले आजकल मानवता मर गई है मैं तुझे अपने बच्चों जैसा समझती थी तुम्हें शर्म आनी चाहिए *चुल्लू भर पानी में डूब मरो* ये कहकर बोले आज से हमारा तुम्हारा संबंध खत्म हो गया...


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