सबिता गोयल

Abstract Comedy Romance

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सबिता गोयल

Abstract Comedy Romance

लव मैरिज का भूत

लव मैरिज का भूत

5 mins
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हाय... देख न सोनिया , कितना हैंडसम लड़का है। काश ये मेरा ब्वाॅयफैंड होता।,, माॅल के सामने बाईक लेकर खड़े एक हैंडसम लड़के को देखकर नुपुर के पेट में तितलियां उड़ने लगीं।

"  चुप कर पागल, तूं इस तरह उसे घूरेगी तो वो क्या सोचेगा। पता नहीं तुझे ये मूंछ वाले लड़के इतने हैंडसम क्यों लगते हैं ? ,, सोनिया ने उसे टोकते हुए कहा।

इतनी देर में माॅल के अंदर से एक खुबसूरत सी लड़की आई और उस लड़के की बाईक पर बैठ गई। उस लड़की को देखकर नुपुर को ऐसा लगा जैसे किसी ने फिर से उसने सुहाने सपनों को तोड़ दिया।

" धत तेरे की, पता नहीं ये चुड़ैल कहां से आ गई। मेरी तो किस्मत हीं खराब है। जब भी कोई पसंद आता है कोई और उसे भगाकर ले जाती है।,, नुपुर ने खीझते हुए कहा।

" सपनों से बाहर निकलो मैडम , यदि तुम्हारे या मेरे भैया ने हमें यहां देख लिया तो तेरे साथ साथ मेरी भी वाट लग जानी है। मेरे घरवाले तो मेरे लिए रिश्ता भी देख रहे हैं।,, सोनिया ने नुपुर को समझाते हुए कहा।

" तूं कर अरेंज मैरिज , मैं तो लव मैरिज हीं करूंगी। ,,

" हां , जैसे अब आसमान से कोई टपकेगा तेरे लिए।,,

" देख लेना, कोई न कोई तो जरूर होगा मेरे लिए भी।,,

दोनों सहेलियां फटाफट आॅटो पकड़कर घर आ गईं। नुपुर जैसे हीं हाॅल में दाखिल हुई शर्मा अंकल को पापा के साथ बैठे पाया।

" नमस्ते अंकल ,, नुपुर ने उनसे कहा।

"  नमस्ते नुपुर बेटा , कैसी हो तुम ? पढ़ाई कैसी चल रही है।,,

" जी अंकल, बस लास्ट इयर में हूं।,, कहकर नुपुर अंदर मां के पास चली गई।" मां , आज शर्मा अंकल क्यों आए हैं।,, नुपुर ने मां से पूछा।

" कोई रिश्ता लाए हैं तेरे लिए। बहुत अच्छा घर परिवार है।,,

" मेरे लिए ! लेकिन मुझे अभी शादी नहीं करनी।,,

" अरे, अभी तो सिर्फ बात कर रहे हैं। आज हीं थोड़े शादी कर रहे हैं।,,

" लेकिन मां , आप मना कर दो।,,

" क्यों??? मुझमें तो इतनी हिम्मत नहीं है कि तेरे पापा के साथ बहस करूं। तुझमें है तो तूं हीं जा के मना कर दे।,,

नुपुर मां की बात सुनकर चुप हो गई। दरअसल उसमें भी इतनी हिम्मत नहीं थी कि पापा के सामने जवाब दे सके।शर्मा जी लड़के की फोटो देकर चले गए।

मां ने नुपुर से कहा ," ले देख तो लड़के की फोटो... मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा है।,,

" मुझे नहीं देखनी।,, नुपुर ने मुंह फुलाते हुए कहा।

" अच्छा मैं टेबल पर रख देती हूं। देखना हो तो देख लेना।,, कहकर मां चली गई।

नुपुर को बहुत गुस्सा आ रहा था। कहां तो वो लव मैरिज के सपने देख रही थी और कहां आज हीं ये रिश्ता आ गया। अब क्या बोलकर मना करे कि मुझे लव मैरिज करनी है। ना बाबा ना पापा और भाई के सामने प्यार व्यार का नाम लेना भी गुनाह है और फिर अभी तक उसके सपनों का राजकुमार भी तो नहीं मिला फिर किसके बल पर वो बगावत करे।मन कर रहा था उस फोटो को फाड़कर फेंक दे । जैसे हीं फोटो को उठाया उड़ती सी नजर उन काली काली पतली मूंछों पर अटक गई। फोटो को थोड़ा सीधा करके देखा तो आंखों में चमक सी आ गई।

" इतना भी बुरा नहीं है बंदा। लेकिन लव मैरिज का क्या? वो सपना कैसे पूरा होगा ? लेकिन लव मैरिज के चक्कर में इसे भी कोई चुड़ैल उड़ा कर ना ले जाए। एक बार मिलने में क्या बुराई है।,, यही सोचकर उसने शादी से इंकार नहीं किया।

आखिर वो दिन भी आ गया जब वो हैंडसम मुंडा राहुल अपने परिवार के साथ नुपुर को देखने आ पहुंचा। नुपुर आज बहुत अच्छे से तैयार हुई थी। दोनों के परिवारों के बीच बातें होने के बाद नुपुर और राहुल को कुछ देर के लिए अकेले छत पर भेज दिया गया। राहुल ने नुपुर से पूछा, " क्या मैं आपको पसंद हूं ? ,,

" पहले आप बताएं कि क्या... मैं आपको पसंद हूं ?,,

" हां.., मैंने तो आपकी फोटो देखते हीं आपको पसंद कर लिया था।,,

पसंद तो नुपुर ने भी राहुल को फोटो देखते ही कर लिया था लेकिन वो कैसे कह देती कि आप भी मुझे पसंद हैं। उसने बात घुमाते हुए कहा , " मैं तो हमेशा से लव मैरिज करना चाहती थी। ,,

"तो क्या आपका कोई ब्वायफ्रैंड है ।,, राहुल ने हिचकते हुए पूछा।

" नहीं.. ऐसा कोई मिला ही नहीं ।,, नुपुर ने मुंह बिचकाते हुए कहा।

" तो फिर मुझे हीं अपना ब्वायफ्रैंड बना लो।,, राहुल ने शरारती अंदाज में कहा तो नुपुर मुस्कुरा पड़ी।

" वो कैसे ? ,, नुपुर ने आश्चर्य से पूछा।

"अभी दो तीन महीने तो हमारी शादी होने वाली नहीं है। तो इतने दिनों तक हम अंजान लड़के- लड़की की तरह भी तो मिल सकते हैं ना।हो सकता है हमारे बीच लव भी हो जाए। फिर तो हमारी शादी भी लव मैरिज हीं बन जाएगी।,, राहुल बोला।

" वैसे आइडिया बुरा नहीं है।,, नुपुर ने भी मुस्कुराते हुए कहा।

इन तीन महीनों में नुपुर और राहुल कई बार घर वालों से छुप छुप कर मिले। कभी पार्क में, कभी माल में तो कभी थियेटर में। एक दिन राहुल की भाभी ने नुपुर को पार्क में देख लिया लेकिन राहुल को वो ठीक से देख नहीं पाई क्योंकि उसने हैल्मेट लगा रखा था। नुपुर के घर आते हीं सभी घरवाले सवालिया निगाहों से उसे देखने लगे।

" क ...क्या हुआ मां ? आपलोग ऐसा क्यों देख रहे हो ?,,

"राहुल की मम्मी का फोन आया था। उन्होंने रिश्ता तोड़ने के लिए कहा है ? ,,

नुपुर के पैरों के नीचे से जैसे जमीन खिसक गई हो ,    " लेकिन क्यों? ,,

"हमसे क्या पूछ रही है। अगर तुम्हें राहुल पसंद नहीं था तो पहले ही बता देना था इसतरह खुलेआम हमारी बेइज्जती करवाने की क्या जरूरत थी।,,

" ये आप क्या बोल रही हैं मां। आखिर हुआ क्या? ,,

" आज राहुल की भाभी ने तुम्हें किसी लड़के के साथ घूमते हुए देखा था।बता कौन है वो लड़का ?,, मां ने गुस्से में पूछा।

" मां... वो... वो राहुल हीं था। ,, नुपुर ने डरते डरते कहा।

उतनी देर में राहुल और राहुल के घरवाले भी आ गए। " हां बहन जी, नुपुर सच बोल रही है। राहुल ने हमें सब बता दिया है।,, राहुल की मम्मी ने मुस्कुराते हुए कहा।

"हमें अब ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए। जल्दी हीं इन्हें शादी के बंधन में बांध देना चाहिए।वर्ना कहीं ये लोग घर से भाग कर शादी ना कर लें।,, राहुल की मम्मी ने कहा तो नुपुर शर्मा कर वहां से भाग गई।

जल्दी हीं दोनों विवाह बंधन में बंध गए। अब ये मैरिज लव मैरिज थी या अरेंज मैरिज ये पता नहीं।आपको क्या लगता है ?


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