लिबास
लिबास
रोजी को आज बहुत देर हो गई। दिसंबर की सर्द रात्रि हैं। ऑफ़िस में लेट हो गया है और अंधेरा भी घिर आया है। रास्ते में उसे कुछ शराबी लड़के बैठे मिले और उस पर फब्तियां कसने लगे। रोजी उनसे जाकर छुप गई एक मकान के पीछे लेकिन वह कब तक छिपी रहती ??? वह लोग तो वहीं बैठे हुए थे। फिर वह खड़े होकर इधर-उधर ढूंढने लगे तभी रोजी को एक ड्रम के पास सांता क्लॉस के कपड़े रखे दिखाई दिए। जो कि शायद किसी ने क्रिसमस सेलिब्रेशन के बाद रखे हुए थे, रोजी ने धीरे-धीरे से उसको खींचा और कपड़े पहन लिए आज सच में सांता उसके लिए भगवान बन गए थे। उसका दिल थर थर कांप रहा था। तभी उसे लगा लड़के उसके पास आ रहे हैं। वे बोले हमें भी कुछ गिफ्ट दे दो झोली वाले बाबा !!!! हमारा गिफ्ट तो यही घूम रहा था। कहां चला गया?? इधर-उधर लड़की को ढूंढने लगे। क्योंकि वह लड़की के लिबास में ढूंढ रहे थे। और सांता को देखते ही उनकी मानसिकता बदल गई। सांता की तरह अपनी पोटली कंधे पर रखकर रोजी तेज तेज कदमों से कांपते हुए उनसे दूर निकल गई। आज सांता के लिबास ने उन्हें बाल-बाल बचा लिया। क्या कोई सांता आएगा?? जो लड़कियों की रक्षा कर सके और इस समाज में वह खुलकर जी सके क्या उनके लिए इज़्ज़त से जीने का कोई गिफ्ट होगा...
